नई दिल्लीः दक्षिणी-पश्चिमी दिल्ली में गोविंदपुरी इलाके के भूमिहीन कैंप के झुग्गीवासियों को 'जहां झुग्गी वहां मकान' योजना के तहत झुग्गी के बदले फ्लैट देने के बाद उनके खिलाफ डीडीए ने कार्रवाई शुरू कर दी है. इनके झुग्गियों को तोड़ा जा रहा है. वहीं इस मामले को लेकर आरटीआई से खुलासा हुआ है कि अब तक भूमिहीन कैंप के 1862 लोगों को डीडीए ने फ्लैट दिया है. बता दें भूमिहीन कैंप में करीब 3000 लोग रहते हैं, जिनमें से 1862 लोगों को ही अब तक फ्लैट मिला है जबकि करीब 1029 लोगों के आवेदन को डीडीए ने नामंजूर कर दिया है.
भूमिहीन कैंप झुग्गीवासियों के वकील वंदना सिन्हा ने बताया कि 'जहां झुग्गी वहां मकान' योजना के तहत भूमिहीन कैंप के लोगों को फ्लैट आवंटन होना है और इस कैंप में करीब 3000 लोग रहते हैं, जिसमें से 1862 लोगों को ही डीडीए के द्वारा फ्लैट मिला है. यह जानकारी हमें आरटीआई के द्वारा हासिल हुई है. उन्होंने बताया कि करीब 1029 लोगों के आवेदन को डीडीए के द्वारा नामंजूर कर दिया गया है, जो गलत है और फ्लैट देने को लेकर जो सर्वे डीडीए के द्वारा कराया गया है, उसका तरीका भी गलत है.
उन्होंने कहा कि यहां 3000 लोग रह रहे हैं तो 1862 लोगों को ही क्यों फ्लैट दिया गया है? जिनको फ्लैट दिया गया है, उनके ही झुगियों को तोड़ा जाना चाहिए जबकि डीडीए उनके झुग्गी को भी तोड़ रहा है, जिनको अब तक फ्लैट नहीं मिला है. वहीं उन्होंने बताया कि लोगों की समस्या को लेकर हम आदालत गए हैं और अदालत ने कई झुग्गीवासियों को राहत दी है. अदालत ने उनको स्टे देते हुए उनके झुगियों को ना तोड़ने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि डीडीए जल्दबाजी में झुग्गियों को तोड़ रहा है.
बता दें दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले दिल्ली के गोविंदपुरी में बनाए गए डीडीए के बहुमंजिला फ्लैट को भूमिहीन कैंप में रहने वाले झुग्गी वासियों को देने का ऐलान किया गया था. इसको लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमिहीन कैंप के लोगों को फ्लैट की चाबी दी थी. उसके बाद इन फ्लैटों में भूमिहीन कैंप के लोगों को शिफ्ट करने की कार्रवाई शुरू हुई, जो बीते दिनों में संपन्न हुई है. इन फ्लैटों में करीब 2000 लोगों को शिफ्ट किया जा चुका है, जिसमें लोग रह रहे हैं. वहीं अब बीडीए के द्वारा भूमिहीन कैंप पर अब बुलडोजर की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
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डीडीए का दावा है कि जिन लोगों को फ्लैट मिला है, उनके झुग्गियों को तोड़ा जा रहा है. हालांकि यहां पर कई लोग ऐसे भी हैं जिनका दावा है कि उनको फ्लैट नहीं मिला है. बावजूद उसके उनके झुगियों को तोड़ा जा रहा है. इसी को लेकर कई लोग अदालत गए हैं और इस दौरान कई लोगों को अदालत से राहत भी मिला है. कोर्ट ने उनके झुगियों को ना तोड़ने का आदेश दिया है.
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