नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में गर्मी लगातार बढ़ती जा रही है. यहां का तापमान हर रोज नया रिकॉर्ड कायम कर रहा है. बढ़ते तापमान की वजह से दिल्ली में बिजली की खपत भी बढ़ गई है.
दिल्ली में बिजली की खपत ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया है, इस बार गर्मी के मौसम में दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग 6612 मेगावाट तक पहुंच गई है.
बीती रात साढ़े ग्यारह बजे दिल्ली में बिजली का अधिकतम लोड 6560 मेगावाट रिकॉर्ड किया गया था. बीआरपीएल और बीवाईपीएल ने अपने संबंधित क्षेत्रों में 2829 मेगावाट और 1524 मेगावाट की बिजली की मांग को सफलतापूर्वक पूरा किया. आने वाले दिनों में बिजली की मांग और भी बढ़ सकती है.
2019 की भीषण गर्मी में दिल्ली की बिजली की मांग 7400 मेगावाट तक पहुंच सकती है, अगर 2018 की गर्मियों की बात करें तो दिल्ली में बिजली अधिकतम मांग 7016 मेगावाट तक पहुंची गई थी.
दक्षिण और पश्चिमी दिल्ली के बीआरपीएल क्षेत्र में बिजली की अधिकतम मांग जो कि 2018 के गर्मी के मौसम के दौरान 3081 मेगावाट तक पहुंच गई थी इस वर्ष लगभग 3200 मेगावाट को छूने की उम्मीद है.
पूर्वी और मध्य दिल्ली के बीवाईपीएल क्षेत्र में पिछले वर्ष बिजली की अधिकतम मांग 1561 मेगावाट तक रिकॉर्ड की गई थी जबकि इस वर्ष 1640 मेगावाट को छूने का अनुमान है.
वहीं 7400 मेगावाट अपेक्षित बिजली की मांग 2002 में 2879 मेगावाट की पीक पावर डिमांड के मुकाबले 250% से अधिक वृद्धि की है. दिल्ली में बिजली की मांग अन्य शहरों की तुलना में काफी अधिक है. यह मुंबई और चेन्नई की मांग से अधिक तो है ही साथ ही कोलकाता की तुलना में तीन गुना अधिक है.
दिल्ली में बिजली के लोड वृद्धि का कारण
दिल्ली में बिजली की मांग में हुई वृद्धि के पीछे कूलिंग लोड मुख्य कारण है. अनुमान के मुताबिक गर्मियों में दिल्ली का लगभग 50% बिजली की मांग ऐसी, कूलर और पंखों की वजह से है.
उपभोक्ताओं की मांग बढ़ी
42 लाख से अधिक उपभोक्ताओं की बिजली की मांग को पूरा करने के लिए बीएसईएस डिस्कॉम ने पर्याप्त बिजली के स्रोत की व्यवस्था की गई है. इनमें हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, मेघालय, मणिपुर और सिक्किम सहित अन्य राज्य शामिल हैं.
बीएसईएस डिस्कॉम को बैंकिंग व्यवस्था के माध्यम से 865 मेगावाट (बीआरपीएल 550 मेगावाट, बीवाईपीएल 315 मेगावाट) तक बिजली मिलेगी. इसके अलावा बीआरपीएल को जून 2019 से 100 मेगावाट पवन ऊर्जा भी मिलेगी इसमें से 50 मेगावाट पहले से ही प्राप्त हो रही है. बिजली संयंत्रों में कम उत्पादन और आउटेज की वजह से अप्रत्याशित आकस्मिकताओं में डिस्कॉम एक्सचेंज से कम अवधि में बिजली खरीदेगा.