ETV Bharat / state

कोरोना के कारण तिहाड़ से पैरोल पर छोड़े गये 3400 कैदी फरार ! बढ़ सकते हैं अपराध

साल 2020 में कोरोना कहर के बीच दिल्ली की तिहाड़ जेल में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए 6500 से ज्यादा कैदियों को पैरोल और अंतरिम जमानत पर छोड़ा गया, लेकिन जमानत अवधि खत्म होने पर इनमें से 3400 से ज्यादा कैदी वापस नहीं पहुंचे. चिंता की बात ये है कि इनमें से कई कैदी गंभीर अपराधों में आरोपी हैं.

3400-prisoners-escaped-from-tihar-jail-on-bail-in-delhi
तिहाड़ जेल से जमानत पर निकले 3400 कैदी फरार
author img

By

Published : Apr 16, 2021, 9:41 PM IST

Updated : Apr 17, 2021, 7:22 AM IST

नई दिल्ली: साल 2020 में जब कोरोना का कहर बरपा तो सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया. इस दौरान जेलों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए 6500 से ज्यादा कैदियों को पैरोल और अंतरिम जमानत पर छोड़ा गया, लेकिन जमानत अवधि खत्म होने पर इनमें से 3400 से ज्यादा कैदी वापस नहीं पहुंचे. चिंता की बात ये है कि इनमें से काफी कैदी गंभीर अपराधों में आरोपी हैं. जिसके चलते दिल्ली पुलिस से लेकर तिहाड़ प्रशासन तक के लिए यह मामला सिरदर्द बना हुआ है. ऐसे में कैदियों के जेल के बाहर रहने से अपराध के बढ़ने की संभावना भी बनी हुई है.

तिहाड़ जेल से जमानत पर निकले 3400 कैदी फरार

50 फीसदी से अधिक आरोपियों ने नहीं किया सरेंडर

तिहाड़ जेल के पूर्व लॉ अफसर सुनील गुप्ता ने बताया कि साल 2020 में जब जेल के अंदर कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े तो कैदियों की संख्या क्षमता से डेढ़ गुना थी. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के लिए तिहाड़ जेल से धीरे-धीरे लगभग 6500 कैदियों को पैरोल और अंतरिम जमानत पर छोड़ा गया.

ये भी है खबर- केजरीवाल ने ओडिशा AAP प्रमुख से की अनशन खत्म करने की अपील

इनमें से 1185 सजायाफ्ता कैदियों को तिहाड़ जेल और दिल्ली सरकार ने इमरजेंसी पैरोल पर छोड़ा. वहीं 5556 विचाराधीन कैदियों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई एक कमेटी द्वारा तय किए गए नियमों के आधार पर अंतरिम जमानत पर अदालत से छोड़ा गया था. बीते दिसंबर माह के बाद जब दिल्ली में कोविड संक्रमण के मामले कम होने लगे तो इन कैदियों को वापस सरेंडर करने के लिए कहा गया, लेकिन 50 फ़ीसदी से ज्यादा कैदी ने अभी तक सरेंडर नहीं किया है.



आखिर कहां गए इतने कैदी

सुनील गुप्ता ने बताया कि तिहाड़ जेल से अंतरिम जमानत पर सभी तरह के कैदी छोड़े गए थे. इनमें छोटे अपराध से लेकर हत्या जैसे गंभीर अपराध के आरोपी भी शामिल थे. इन्हें 45 दिन की अंतरिम जमानत पर छोड़ा गया था, लेकिन हालात खराब होने के चलते इस अवधि को कई बार बढ़ाना पड़ा.

Undertrials in Tihar jail
तिहाड़ जेल में विचाराधीन कैदी

इसे भी पढ़ें- Delhi corona update: CM ने की अधिकारियों संग बैठक, स्वास्थ्य मंत्री रहे मौजूद

उन्होंने बताया कि मीडिया के माध्यम से उन्हें जानकारी मिली है कि बड़ी संख्या में कैदी वापस नहीं लौटे हैं. ऐसा हो सकता है कि इनमें से कुछ कैदी बरी हो गए हों या उन्होंने रेगुलर जमानत ले ली हो. कुछ कैदियों ने इस अवधि को बढ़वा लिया हो, लेकिन इसकी जानकारी तिहाड़ प्रशासन को नहीं दी. इसके साथ ही यह भी संभावना है कि काफी कैदी इस मौके का फायदा उठाकर फरार हो गए हैं.

कैदियों के बाहर होने से बढ़ेंगे अपराध

दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी वेदभूषण ने बताया कि अभी जो कैदी जेल वापस नहीं गए हैं, इनमें से अधिकांश अपराध को अंजाम देंगे. जेल में सरेंडर नहीं करना बताता है कि वह दिल्ली की सड़कों पर अपराध करने के मकसद से फरार हुए हैं. इन कैदियों को जब 2020 में छोड़ा गया था तो उस समय भी चोरी, झपटमारी, लूट आदि वारदातों में उछाल आया था. अब इनके जेल नहीं जाने से एक बार फिर स्ट्रीट क्राइम बढ़ेगा.

Tihar Jail's convicted prisoner
तिहाड़ जेल के सजायाफ्ता कैदी

फरार आरोपियों को गिरफ्तार करना चुनौती

वेदभूषण ने बताया कि पुलिस के लिए इन्हें पकड़ना बड़ी चुनौती है. राजधानी में एक बार फिर कोरोना संक्रमण बेहद खतरनाक हो चुका है. हाल के दिनों में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी संक्रमित हुए हैं. ऐसे में तीन हजार लापता कैदियों को तलाशना बेहद चुनौतीपूर्ण काम है.



क्या कहते हैं तिहाड़ जेल के डीजी

वहीं तिहाड़ जेल के डीजी का कहना है कि तिहाड़ जेल से पैरोल पर छोड़े गए अधिकांश सजायाफ्ता कैदी वापस लौट चुके हैं, जो विचाराधीन कैदी नहीं लौटे हैं, उनमें से अधिकांश छोटे अपराध में आरोपी हैं. उन्हें अदालत से अंतरिम जमानत मिली थी. इनकी जानकारी दिल्ली पुलिस के साथ साझा की गई है. यह संभव है कि इन विचाराधीन कैदियों में से कुछ को रेगुलर जमानत मिल गई हो. इसके बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश की जा रही है.

CRIME IN DELHI
दिल्ली में अपराध

कैसे मिलती है पैरोल

तिहाड़ जेल के पूर्व लॉ अफसर सुनील गुप्ता बताते हैं कि जेल में बंद कोई भी कैदी पैरोल के लिए जेल प्रशासन को आवेदन देता है. इस आवेदन के साथ उसका कारण बताना होता है. आमतौर पर किसी खुशी के मौके, मातम, इलाज आदि के लिए कैदी पैरोल मांगते हैं. उनके व्यवहार को ध्यान में रखते हुए जेल प्रशासन इसे दिल्ली सरकार को भेजती है, जहां से इसकी मंजूरी मिलती है. अगर सरकार इसे नामंजूर करती है तो कैदी को पैरोल नहीं मिलती.



क्या होती है इमरजेंसी पैरोल

तिहाड़ जेल के पूर्व लॉ अफसर सुनील गुप्ता ने बताया कि तिहाड़ जेल मैन्युअल में इमरजेंसी पैरोल का प्रावधान है. कोविड जैसी विशेष परिस्थितियों में सजायाफ्ता कैदी को इमरजेंसी पैरोल दी जाती है. इस इमरजेंसी पैरोल पर जेल से बाहर निकलने वाले कैदी की सजा में इन दिनों को भी जोड़ा जाता है. इमरजेंसी पैरोल की अवधि आमतौर पर अधिकत्तम 45 दिन होती है, जिसे आगे बढ़ाया जा सकता है.

bail
जमानतें

कैसे मिलती है अंतरिम जमानत

अंतरिम जमानत पाने के लिए किसी भी कैदी को अदालत के समक्ष याचिका दायर करनी होती है. अधिवक्ता के माध्यम से विचाराधीन कैदी अदालत को बताता है कि उसे अंतरिम जमानत क्यों चाहिए. अभी के मामले में जो कैदी छोड़े गए, उन्होंने कोविड के चलते अंतरिम जमानत मांगी थी. उनकी बात सुनने के बाद अदालत यह निर्णय लेती है कि विचाराधीन कैदी को अंतरिम जमानत दी जाए या नहीं.


कैदियों के खिलाफ क्या होगा एक्शन

तिहाड़ जेल के पूर्व लॉ अफसर सुनील गुप्ता ने बताया कि लापता हुए कैदियों के बारे में तिहाड़ जेल दिल्ली पुलिस को सूचना देगी. दिल्ली पुलिस इन कैदियों की तलाश कर उन्हें गिरफ्तार करेगी. संबंधित अदालत के समक्ष उन्हें पेश किया जाएगा, जहां से उन्हें दोबारा जेल भेजा जाएगा. जेल में भी इन कैदियों को सजा दी जा सकती है. जेल में जनक साथ सख्ती बरतने के साथ उन्हें जेल से पैरोल देने का भविष्य में विरोध किया जाएगा.

नई दिल्ली: साल 2020 में जब कोरोना का कहर बरपा तो सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया. इस दौरान जेलों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए 6500 से ज्यादा कैदियों को पैरोल और अंतरिम जमानत पर छोड़ा गया, लेकिन जमानत अवधि खत्म होने पर इनमें से 3400 से ज्यादा कैदी वापस नहीं पहुंचे. चिंता की बात ये है कि इनमें से काफी कैदी गंभीर अपराधों में आरोपी हैं. जिसके चलते दिल्ली पुलिस से लेकर तिहाड़ प्रशासन तक के लिए यह मामला सिरदर्द बना हुआ है. ऐसे में कैदियों के जेल के बाहर रहने से अपराध के बढ़ने की संभावना भी बनी हुई है.

तिहाड़ जेल से जमानत पर निकले 3400 कैदी फरार

50 फीसदी से अधिक आरोपियों ने नहीं किया सरेंडर

तिहाड़ जेल के पूर्व लॉ अफसर सुनील गुप्ता ने बताया कि साल 2020 में जब जेल के अंदर कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े तो कैदियों की संख्या क्षमता से डेढ़ गुना थी. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के लिए तिहाड़ जेल से धीरे-धीरे लगभग 6500 कैदियों को पैरोल और अंतरिम जमानत पर छोड़ा गया.

ये भी है खबर- केजरीवाल ने ओडिशा AAP प्रमुख से की अनशन खत्म करने की अपील

इनमें से 1185 सजायाफ्ता कैदियों को तिहाड़ जेल और दिल्ली सरकार ने इमरजेंसी पैरोल पर छोड़ा. वहीं 5556 विचाराधीन कैदियों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई एक कमेटी द्वारा तय किए गए नियमों के आधार पर अंतरिम जमानत पर अदालत से छोड़ा गया था. बीते दिसंबर माह के बाद जब दिल्ली में कोविड संक्रमण के मामले कम होने लगे तो इन कैदियों को वापस सरेंडर करने के लिए कहा गया, लेकिन 50 फ़ीसदी से ज्यादा कैदी ने अभी तक सरेंडर नहीं किया है.



आखिर कहां गए इतने कैदी

सुनील गुप्ता ने बताया कि तिहाड़ जेल से अंतरिम जमानत पर सभी तरह के कैदी छोड़े गए थे. इनमें छोटे अपराध से लेकर हत्या जैसे गंभीर अपराध के आरोपी भी शामिल थे. इन्हें 45 दिन की अंतरिम जमानत पर छोड़ा गया था, लेकिन हालात खराब होने के चलते इस अवधि को कई बार बढ़ाना पड़ा.

Undertrials in Tihar jail
तिहाड़ जेल में विचाराधीन कैदी

इसे भी पढ़ें- Delhi corona update: CM ने की अधिकारियों संग बैठक, स्वास्थ्य मंत्री रहे मौजूद

उन्होंने बताया कि मीडिया के माध्यम से उन्हें जानकारी मिली है कि बड़ी संख्या में कैदी वापस नहीं लौटे हैं. ऐसा हो सकता है कि इनमें से कुछ कैदी बरी हो गए हों या उन्होंने रेगुलर जमानत ले ली हो. कुछ कैदियों ने इस अवधि को बढ़वा लिया हो, लेकिन इसकी जानकारी तिहाड़ प्रशासन को नहीं दी. इसके साथ ही यह भी संभावना है कि काफी कैदी इस मौके का फायदा उठाकर फरार हो गए हैं.

कैदियों के बाहर होने से बढ़ेंगे अपराध

दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी वेदभूषण ने बताया कि अभी जो कैदी जेल वापस नहीं गए हैं, इनमें से अधिकांश अपराध को अंजाम देंगे. जेल में सरेंडर नहीं करना बताता है कि वह दिल्ली की सड़कों पर अपराध करने के मकसद से फरार हुए हैं. इन कैदियों को जब 2020 में छोड़ा गया था तो उस समय भी चोरी, झपटमारी, लूट आदि वारदातों में उछाल आया था. अब इनके जेल नहीं जाने से एक बार फिर स्ट्रीट क्राइम बढ़ेगा.

Tihar Jail's convicted prisoner
तिहाड़ जेल के सजायाफ्ता कैदी

फरार आरोपियों को गिरफ्तार करना चुनौती

वेदभूषण ने बताया कि पुलिस के लिए इन्हें पकड़ना बड़ी चुनौती है. राजधानी में एक बार फिर कोरोना संक्रमण बेहद खतरनाक हो चुका है. हाल के दिनों में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी संक्रमित हुए हैं. ऐसे में तीन हजार लापता कैदियों को तलाशना बेहद चुनौतीपूर्ण काम है.



क्या कहते हैं तिहाड़ जेल के डीजी

वहीं तिहाड़ जेल के डीजी का कहना है कि तिहाड़ जेल से पैरोल पर छोड़े गए अधिकांश सजायाफ्ता कैदी वापस लौट चुके हैं, जो विचाराधीन कैदी नहीं लौटे हैं, उनमें से अधिकांश छोटे अपराध में आरोपी हैं. उन्हें अदालत से अंतरिम जमानत मिली थी. इनकी जानकारी दिल्ली पुलिस के साथ साझा की गई है. यह संभव है कि इन विचाराधीन कैदियों में से कुछ को रेगुलर जमानत मिल गई हो. इसके बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश की जा रही है.

CRIME IN DELHI
दिल्ली में अपराध

कैसे मिलती है पैरोल

तिहाड़ जेल के पूर्व लॉ अफसर सुनील गुप्ता बताते हैं कि जेल में बंद कोई भी कैदी पैरोल के लिए जेल प्रशासन को आवेदन देता है. इस आवेदन के साथ उसका कारण बताना होता है. आमतौर पर किसी खुशी के मौके, मातम, इलाज आदि के लिए कैदी पैरोल मांगते हैं. उनके व्यवहार को ध्यान में रखते हुए जेल प्रशासन इसे दिल्ली सरकार को भेजती है, जहां से इसकी मंजूरी मिलती है. अगर सरकार इसे नामंजूर करती है तो कैदी को पैरोल नहीं मिलती.



क्या होती है इमरजेंसी पैरोल

तिहाड़ जेल के पूर्व लॉ अफसर सुनील गुप्ता ने बताया कि तिहाड़ जेल मैन्युअल में इमरजेंसी पैरोल का प्रावधान है. कोविड जैसी विशेष परिस्थितियों में सजायाफ्ता कैदी को इमरजेंसी पैरोल दी जाती है. इस इमरजेंसी पैरोल पर जेल से बाहर निकलने वाले कैदी की सजा में इन दिनों को भी जोड़ा जाता है. इमरजेंसी पैरोल की अवधि आमतौर पर अधिकत्तम 45 दिन होती है, जिसे आगे बढ़ाया जा सकता है.

bail
जमानतें

कैसे मिलती है अंतरिम जमानत

अंतरिम जमानत पाने के लिए किसी भी कैदी को अदालत के समक्ष याचिका दायर करनी होती है. अधिवक्ता के माध्यम से विचाराधीन कैदी अदालत को बताता है कि उसे अंतरिम जमानत क्यों चाहिए. अभी के मामले में जो कैदी छोड़े गए, उन्होंने कोविड के चलते अंतरिम जमानत मांगी थी. उनकी बात सुनने के बाद अदालत यह निर्णय लेती है कि विचाराधीन कैदी को अंतरिम जमानत दी जाए या नहीं.


कैदियों के खिलाफ क्या होगा एक्शन

तिहाड़ जेल के पूर्व लॉ अफसर सुनील गुप्ता ने बताया कि लापता हुए कैदियों के बारे में तिहाड़ जेल दिल्ली पुलिस को सूचना देगी. दिल्ली पुलिस इन कैदियों की तलाश कर उन्हें गिरफ्तार करेगी. संबंधित अदालत के समक्ष उन्हें पेश किया जाएगा, जहां से उन्हें दोबारा जेल भेजा जाएगा. जेल में भी इन कैदियों को सजा दी जा सकती है. जेल में जनक साथ सख्ती बरतने के साथ उन्हें जेल से पैरोल देने का भविष्य में विरोध किया जाएगा.

Last Updated : Apr 17, 2021, 7:22 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.