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दिल्ली में फेसबुक पर हो रही है नाबालिग गैंगेस्टरों की भर्ती, ट्रायल में करना होता है मर्डर!

राजधानी में आए दिन वारदातों का सिलसिला बढ़ता जा रहा है. पिछली कुछ घटनाओं को लेकर दिल्ली पुलिस ने नाबालिगों को लेकर बड़ा खुलासा किया है, जो पुलिस के लिए काफी चिंताजनक साबित हो रहा है.

राजधानी में गैंगस्टर क्यों बन रहे नाबालिग
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Published : Jun 26, 2019, 6:16 PM IST

Updated : Jun 26, 2019, 11:35 PM IST

नई दिल्ली : राजधानी में आए दिन हो रहे हत्याकांड, लूट और चोरी की वारदातों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. हाल ही में हुई वारदातों को लेकर दिल्ली पुलिस ने खुलासे की जानकारी दी. राजधानी में कई नाबालिगों के बीच गैंगस्टर बनने का क्रेज बढ़ रहा है. उनका झुकाव दिल्ली के बड़े गैंग और गैंगस्टरों की तरफ हो रहा है. वो उनके गैंग का हिस्सा बनना चाहते हैं.

फेसबुक से हो रही भर्तियां

हाल ही में पकड़े गए कुछ नाबालिगों से इसका खुलासा हुआ है. ये सभी नाबालिग हत्या के मामले में पकड़े गए हैं. किसी ने गैंग में शामिल होने के लिए हत्या कर ट्रायल दिया, तो किसी को फेसबुक के माध्यम से गैंग में भर्ती मिली.

राजधानी में गैंगस्टर क्यों बन रहे नाबालिग

जानकारी के अनुसार राजधानी में दर्जन भर बड़े गैंग हैं. जो लूट, हत्या और जबरन उगाही में लिप्त हैं. इनके सरगना जेल के अंदर हों या बाहर, उनका गैंग चलता रहता है. इस तरह के गैंग नाबालिगों पर बुरा प्रभाव डाल रहे हैं. कई नाबालिग इस गैंग में शामिल होना चाहते हैं.

गैंग में शामिल होने के लिए दिया ट्रायल

नजफगढ़ में रहने वाले एक नाबालिग को स्पेशल सेल ने टिक-टॉक स्टार मोहित की हत्या के मामले में पकड़ा है. उसके खुलासे से पुलिस भी दंग रह गई. पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि वो किसी बड़े गैंग में शामिल होना चाहता था. इसके लिए उसने जब कपिल सांगवान के करीबियों से संपर्क किया तो उन्होंने ट्रायल लेने की बात कही थी. मोहित की हत्या उसका ट्रायल था. जिसे उसने बखूबी अंजाम दिया. वो भले ही पकड़ा गया, लेकिन गैंग में शामिल होने का उसका मकसद पूरा हो गया.

फेसबुक से बना सूर्या गैंग का शूटर

हाल ही में विकासपुरी में हुई प्रॉपर्टी डीलर की हत्या के मामले में क्राइम ब्रांच ने रोहिणी से नाबालिग को पकड़ा था. बातचीत में उसने पुलिस को बताया कि वो किसी बड़े गैंग में शामिल होना चाहता था. उसे फेसबुक फ्रेंड ने बताया कि पश्चिमी दिल्ली में सूर्या का बड़ा नाम है. वो मंजीत महाल का भतीजा है. इस पर नाबालिग ने फेसबुक के जरिये सूर्या से दोस्ती कर ली और उसके गैंग का सबसे खास शूटर बन गया.

विकासपुरी हत्याकांड में उसने प्रॉपर्टी डीलर को आधा दर्जन से ज्यादा गोलियां खुद मारी थीं. एक करोड़ की रंगदारी नहीं देने पर इस हत्या को अंजाम दिया गया था.

नई दिल्ली : राजधानी में आए दिन हो रहे हत्याकांड, लूट और चोरी की वारदातों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. हाल ही में हुई वारदातों को लेकर दिल्ली पुलिस ने खुलासे की जानकारी दी. राजधानी में कई नाबालिगों के बीच गैंगस्टर बनने का क्रेज बढ़ रहा है. उनका झुकाव दिल्ली के बड़े गैंग और गैंगस्टरों की तरफ हो रहा है. वो उनके गैंग का हिस्सा बनना चाहते हैं.

फेसबुक से हो रही भर्तियां

हाल ही में पकड़े गए कुछ नाबालिगों से इसका खुलासा हुआ है. ये सभी नाबालिग हत्या के मामले में पकड़े गए हैं. किसी ने गैंग में शामिल होने के लिए हत्या कर ट्रायल दिया, तो किसी को फेसबुक के माध्यम से गैंग में भर्ती मिली.

राजधानी में गैंगस्टर क्यों बन रहे नाबालिग

जानकारी के अनुसार राजधानी में दर्जन भर बड़े गैंग हैं. जो लूट, हत्या और जबरन उगाही में लिप्त हैं. इनके सरगना जेल के अंदर हों या बाहर, उनका गैंग चलता रहता है. इस तरह के गैंग नाबालिगों पर बुरा प्रभाव डाल रहे हैं. कई नाबालिग इस गैंग में शामिल होना चाहते हैं.

गैंग में शामिल होने के लिए दिया ट्रायल

नजफगढ़ में रहने वाले एक नाबालिग को स्पेशल सेल ने टिक-टॉक स्टार मोहित की हत्या के मामले में पकड़ा है. उसके खुलासे से पुलिस भी दंग रह गई. पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि वो किसी बड़े गैंग में शामिल होना चाहता था. इसके लिए उसने जब कपिल सांगवान के करीबियों से संपर्क किया तो उन्होंने ट्रायल लेने की बात कही थी. मोहित की हत्या उसका ट्रायल था. जिसे उसने बखूबी अंजाम दिया. वो भले ही पकड़ा गया, लेकिन गैंग में शामिल होने का उसका मकसद पूरा हो गया.

फेसबुक से बना सूर्या गैंग का शूटर

हाल ही में विकासपुरी में हुई प्रॉपर्टी डीलर की हत्या के मामले में क्राइम ब्रांच ने रोहिणी से नाबालिग को पकड़ा था. बातचीत में उसने पुलिस को बताया कि वो किसी बड़े गैंग में शामिल होना चाहता था. उसे फेसबुक फ्रेंड ने बताया कि पश्चिमी दिल्ली में सूर्या का बड़ा नाम है. वो मंजीत महाल का भतीजा है. इस पर नाबालिग ने फेसबुक के जरिये सूर्या से दोस्ती कर ली और उसके गैंग का सबसे खास शूटर बन गया.

विकासपुरी हत्याकांड में उसने प्रॉपर्टी डीलर को आधा दर्जन से ज्यादा गोलियां खुद मारी थीं. एक करोड़ की रंगदारी नहीं देने पर इस हत्या को अंजाम दिया गया था.

Intro:नई दिल्ली
राजधानी में कई नाबालिगों के बीच गैंगस्टर बनने का क्रेज बढ़ रहा है. उनका झुकाव दिल्ली के बड़े गैंग एवं गैंगस्टरों की तरफ है. वह उनके गैंग का हिस्सा बनना चाहते हैं. हाल ही में पकड़े गए कुछ नाबालिगों से इसका खुलासा हुआ है. यह सभी नाबालिग हत्या के मामले में पकड़े गए हैं. किसी ने गैंग में शामिल होने के लिए हत्या कर ट्रायल दिया तो किसी ने फेसबुक के माध्यम से गैंग में भर्ती पाई.


Body:जानकारी के अनुसार राजधानी में दर्जन भर बड़े गैंग हैं जो लूट, हत्या और जबरन उगाही में लिप्त हैं. इनके सरगना जेल के अंदर हों या बाहर, उनका गैंग चलता रहता है. इस तरह के गैंग नाबालिगों पर बुरा प्रभाव डाल रहे हैं. कई नाबालिग इस गैंग में शामिल होना चाहते हैं. इसके दो प्रमुख कारण देखने में आये हैं. पहला वह इन बड़े गैंगस्टरों की तरह इलाके में अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहते हैं और दूसरा उनकी तरह मौज-मस्ती करना चाहते हैं. इसलिए वह इन गैंग में शामिल होकर हत्या करने से भी नहीं हिचकते.


गैंग में शामिल होने के लिए दिया ट्रायल
नजफगढ़ में रहने वाले एक नाबालिग को स्पेशल सेल ने जब टिकटोक स्टार मोहित की हत्या के मामले में पकड़ा तो उसके खुलासे से पुलिस भी दंग रह गई. उसने पुलिस को बताया कि वह किसी बड़े गैंग में शामिल होना चाहता था. इसके लिए उसने जब कपिल सांगवान के करीबियों से संपर्क किया तो उन्होंने उस्का ट्रायल लेने की बात कही. मोहित की हत्या उसका ट्रायल था जिसे उसने बखूबी अंजाम दिया. वह भले ही पकड़ा गया लेकिन गैंग में शामिल होने का उसका मकसद पूरा हो गया.


फेसबुक से बना सूर्या गैंग का शूटर
हाल ही में विकास पुरी में हुई प्रॉपर्टी डीलर की हत्या के मामले में क्राइम ब्रांच ने रोहिणी से नाबालिग को पकड़ा. उसके पास से तीन पिस्तौल बरामद हुई. उसने पुलिस को बताया कि वह किसी बड़े गैंग में शामिल होना चाहता था. उसे फेसबुक फ्रेंड ने बताया कि आजकल पश्चिम दिल्ली में सूर्या का बड़ा नाम है. वह मंजीत महाल का भतीजा है. इस पर नाबालिग ने फेसबुक के जरिये सूर्या से दोस्ती कर ली और उसके गैंग का सबसे खास शूटर बन गया. विकास पुरी हत्याकांड में उसने प्रॉपर्टी डीलर को आधा दर्जन से ज्यादा गोलियां खुद मारी थीं. एक करोड़ की रंगदारी नहीं देने पर इस हत्या को अंजाम दिया गया था.




Conclusion:गैंगस्टरों को भी चाहिए नाबालिग

एक तरफ जहां नाबालिग गैंगस्टर बनने के लिए क्रेजी हैं तो दूसरी तरफ विभिन्न गैंग भी ऐसे नाबालिगों की तलाश में रहते हैं. नाबालिग से हत्या करवाने में उन्हें फायदा नजर आता है. एक तरफ जहां वह नाबालिग को आसानी से बरगला कर हत्या के लिए तैयार कर लेते हैं तो दूसरी तरफ नाबालिग होने की वजह से आरोपी को केवल बाल सुधार गृह में भेजा जाता है. वहां से कुछ समय बाद ही वह बाहर आ जाता है और एक बार फिर अपने गैंग के लिए वारदात करता है.
Last Updated : Jun 26, 2019, 11:35 PM IST
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