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अमेरिका ने हुआवेई, उसकी अनुषंगी कंपनियों को काली सूची में डाला

यह कदम चीन की दिग्गज दूरसंचार कंपनी हुआवेई को अमेरिकी नेटवर्कों से दूर रखने के उद्देश्य से उठाया गया है. यह फैसला बुधवार को लिया गया. इससे चीन के साथ टकराव और बढ़ने की आशंका है क्योंकि हुआवेई को लेकर दोनों देश के बीच पहले से ही विवाद चल रहा है.

अमेरिका ने हुआवेई, उसकी अनुषंगी कंपनियों को काली सूची में डाला
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Published : May 16, 2019, 10:51 AM IST

Updated : May 16, 2019, 1:27 PM IST

वॉशिंगटन: व्यापार मोर्चे पर चीन के साथ गतिरोध के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्ंरप ने अमेरिकी कंपनियों को विदेश में बने दूरसंचार उपकरण लगाने से रोकने संबंधी कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं. ये उपकरण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं.

यह कदम चीन की दिग्गज दूरसंचार कंपनी हुआवेई को अमेरिकी नेटवर्कों से दूर रखने के उद्देश्य से उठाया गया है. यह फैसला बुधवार को लिया गया. इससे चीन के साथ टकराव और बढ़ने की आशंका है क्योंकि हुआवेई को लेकर दोनों देश के बीच पहले से ही विवाद चल रहा है.

अमेरिका का मानना है कि हुआवेई से पश्चिमी बुनियादी ढांचा नेटवर्क में जासूसी से जुड़ा खतरा पैदा कर सकता है. यह आदेश आने वाले दिनों में लागू हो जाएगा. इसके तहत हुआवेई को अमेरिकी प्रौद्योगिकी खरीदने के लिए अमेरिकी सरकार से लाइसेंस लेने की जरूरत होगी. अमेरिका के वाणिज्य विभाग के उद्योग एवं सुरक्षा ब्यूरो (बीआईएस) ने घोषणा की है कि वह हुआवेई टेक्नोलॉजीज कंपनी लिमिटेड और उसकी अनुषंगी कंपनियों को एंटिटी लिस्ट (व्यापार से जुड़ी काली सूची) में शामिल करेगी.

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उद्योग एवं सुरक्षा ब्यूरो इस सूची में राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति हितों के खिलाफ काम करने वाली विदेशी इकाइयों- जैसे व्यक्ति, कंपनी, कारोबार, शोध संस्थान या सरकारी संगठन- को शामिल करता है. वाणिज्य विभाग का आरोप है कि हुआवेई की गतिविधियां अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा या विदेश नीति हित के खिलाफ है.

इस सूची में शामिल कंपनी या व्यक्ति को अमेरिकी प्रौद्योगिकी की बिक्री या स्थानांतरण करने के लिए बीआईएस के लाइसेंस की जरूरत होती है. यदि बिक्री या स्थानांतरण अमेरिकी सुरक्षा या विदेश नीति को नुकसान पहुंचाने वाला हो तो लाइसेंस देने से मना किया जा सकता है. फेडरल रजिस्टर में प्रकाशित होने पर यह कदम प्रभावी होगा.

वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने कहा, "अमेरिकी राष्ट्रपति के सहयोग से वाणिज्य विभाग के उद्योग एवं सुरक्षा ब्यूरो की यह कार्रवाई हुआवेई को एनटिटी सूची में शामिल करेगी. हुआवेई दुनिया की सबसे बड़ी दूरसंचार उपकरण निर्माता कंपनी है."

रॉस ने कहा कि यह कदम विदेशी स्वामित्व वाली इकाइयों को अमेरिकी प्रौद्योगिकी का उन तरीकों से उपयोग करने से रोकेगा, जो अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा या विदेश नीति के हितों को संभावित रूप से कमजोर करते हैं. उन्होंने कहा कि ट्रंप के निर्देश पर यह कदम उठाया गया है.

वॉशिंगटन: व्यापार मोर्चे पर चीन के साथ गतिरोध के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्ंरप ने अमेरिकी कंपनियों को विदेश में बने दूरसंचार उपकरण लगाने से रोकने संबंधी कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं. ये उपकरण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं.

यह कदम चीन की दिग्गज दूरसंचार कंपनी हुआवेई को अमेरिकी नेटवर्कों से दूर रखने के उद्देश्य से उठाया गया है. यह फैसला बुधवार को लिया गया. इससे चीन के साथ टकराव और बढ़ने की आशंका है क्योंकि हुआवेई को लेकर दोनों देश के बीच पहले से ही विवाद चल रहा है.

अमेरिका का मानना है कि हुआवेई से पश्चिमी बुनियादी ढांचा नेटवर्क में जासूसी से जुड़ा खतरा पैदा कर सकता है. यह आदेश आने वाले दिनों में लागू हो जाएगा. इसके तहत हुआवेई को अमेरिकी प्रौद्योगिकी खरीदने के लिए अमेरिकी सरकार से लाइसेंस लेने की जरूरत होगी. अमेरिका के वाणिज्य विभाग के उद्योग एवं सुरक्षा ब्यूरो (बीआईएस) ने घोषणा की है कि वह हुआवेई टेक्नोलॉजीज कंपनी लिमिटेड और उसकी अनुषंगी कंपनियों को एंटिटी लिस्ट (व्यापार से जुड़ी काली सूची) में शामिल करेगी.

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उद्योग एवं सुरक्षा ब्यूरो इस सूची में राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति हितों के खिलाफ काम करने वाली विदेशी इकाइयों- जैसे व्यक्ति, कंपनी, कारोबार, शोध संस्थान या सरकारी संगठन- को शामिल करता है. वाणिज्य विभाग का आरोप है कि हुआवेई की गतिविधियां अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा या विदेश नीति हित के खिलाफ है.

इस सूची में शामिल कंपनी या व्यक्ति को अमेरिकी प्रौद्योगिकी की बिक्री या स्थानांतरण करने के लिए बीआईएस के लाइसेंस की जरूरत होती है. यदि बिक्री या स्थानांतरण अमेरिकी सुरक्षा या विदेश नीति को नुकसान पहुंचाने वाला हो तो लाइसेंस देने से मना किया जा सकता है. फेडरल रजिस्टर में प्रकाशित होने पर यह कदम प्रभावी होगा.

वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने कहा, "अमेरिकी राष्ट्रपति के सहयोग से वाणिज्य विभाग के उद्योग एवं सुरक्षा ब्यूरो की यह कार्रवाई हुआवेई को एनटिटी सूची में शामिल करेगी. हुआवेई दुनिया की सबसे बड़ी दूरसंचार उपकरण निर्माता कंपनी है."

रॉस ने कहा कि यह कदम विदेशी स्वामित्व वाली इकाइयों को अमेरिकी प्रौद्योगिकी का उन तरीकों से उपयोग करने से रोकेगा, जो अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा या विदेश नीति के हितों को संभावित रूप से कमजोर करते हैं. उन्होंने कहा कि ट्रंप के निर्देश पर यह कदम उठाया गया है.

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वॉशिंगटन: अमेरिकी संचार नेटवर्क को विदेशी दुश्मनों से बचाने के उद्देश्य से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर दी.

व्हाइट हाउस की प्रैस सचिव सारा सैंडर्स ने एक बयान में कहा, "यह आदेश संघीय सरकार को अमेरिकी कंपनियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अस्वीकार्य जोखिम पैदा करने वाले विदेशी प्रौद्योगिकी आपूर्तिकर्ताओं से व्यापारिक लेन-देन करने से रोकने की शक्ति देता है."

बयान के अनुसार, ट्रंप ने अमेरिका की सूचना और संचार प्रौद्योगिकी तथा सेवाओं की रक्षा करने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत यह आदेश जारी किया है.

व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा, "राष्ट्रपति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह प्रशासन अमेरिका को सुरक्षित और समृद्ध बनाए रखने के लिए और अमेरिका में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के बुनियादी ढांचे में कमजोरी पैदा कर रहे और उनका दुरुपयोग करने वाले विदेशी दुश्मनों से अमेरिका की रक्षा करने के लिए जो कुछ भी जरूरी है वह करेगा."

बयान में आगे लिखा है, "यह आदेश अमेरिका में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी तथा सेवाओं से संबंधित खतरों को देखते हुए राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करता है और वाणिज्य मंत्री को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले लेन-देन पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार देता है."

रिपोर्ट्स पर विश्वास किया जाए तो, ट्रंप का यह आदेश चीन की प्रमुख टेलीकॉम कंपनी हुआवेई के लिए है. अमेरिका मानता है कि चीन हुआवेई के उपकरणों का उपयोग सर्विलांस के लिए कर सकता है.

दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी ने इन आरोपों को बार-बार खारिज किया है.

ट्रंप ने पिछले साल एक विधेयक पारित किया था जिसमें, अमेरिकी सरकार और उसके साथ काम करने वाले लोगों को हुआवेई और चीन की कई अन्य संचार कंपनियों के उत्पादों का उपयोग करने से प्रतिबंधित कर दिया गया था.

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Last Updated : May 16, 2019, 1:27 PM IST
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