ETV Bharat / bharat

Mangal Dosh : आज के उपाय दिलाएंगे मंगल व अन्य ग्रह दोषों से मुक्ति, मिलेगा भगवान विष्णु का भी आशीर्वाद

आज 21 मार्च मंगलवार को पड़ रही है. चूंकि यह मंगलवार को मनाई जाएगी, इसलिए इसे भौमवती अमावस्या (BhaumVati Amavashya ) कहा जाएगा. Amavasya march 2023 date and time . 21 March 2023 .

Mangal Dosh
अमावस्या
author img

By

Published : Mar 21, 2023, 10:23 AM IST

Updated : Apr 5, 2023, 12:03 PM IST

चैत्र अमावस्या : आज अमावस्या या अमावस की तिथि है.हिंदू कैलेंडर में अमावस्या का दिन महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि कई अनुष्ठान केवल अमावस्या तिथि को ही किए जाते हैं. हिंदू मान्यताओं के अनुसार मंगलवार की अमावस्या को भौमवती अमावस्या (BhaumVati Amavashya ) कहा जाता है. सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या ( Somvati Amavasya ) और शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या को शनि अमावस्या ( Shani Amavashya ) कहते हैं. इसी प्रकार चैत्र मास में पड़ने वाली अमावस्या को चैत्र अमावस्या के नाम से जाना जाता है. Amavasya march 2023 .

इस वर्ष चैत्र अमावस्या 21 मार्च मंगलवार को पड़ रही है. चूंकि यह मंगलवार को मनाई जाएगी, इसलिए इस दिन को भूमि अमावस्या भी कहा जाएगा. इस दिन हिंदू धर्म की सबसे पवित्र और पवित्र नदी गंगा में डुबकी लगाना शुभ माना जाता है. चैत्र-भौमवती अमावस्या मार्च 2023: तिथि और समयज्योतिषाचार्य पंडित बिमलेश कुमार उपाध्याय के अनुसार, चैत्र अमावस्या 21 मार्च मंगलवार को सुबह 01:47 बजे से शुरू होकर रात 10:52 बजे समाप्त होगी.

चैत्र अमावस्या मार्च 2023: अमावस्या पर करने योग्य जरूरी काम

  1. ऐसा माना जाता है कि यदि भक्त इस दिन कुछ विशेष अनुष्ठान करेंगे तो उन्हें अपने पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है.
  2. चैत्र अमावस्या को पितरों को समर्पित माना जाता है. इसलिए इस दिन पितरों के नाम पर तिल मिश्रित पवित्र जल अर्पित करना शुभ होता है. इससे पितृ दोषों को कम करने में मदद मिलेगी साथ ही पूर्वजों की आत्मा को शांति भी मिलेगी.
  3. चैत्र अमावस्या के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है. हालांकि, बहुत से लोग नहाने के लिए नदी में जाने का प्रबंध नहीं कर पाते हैं. ऐसे में मां गंगा का स्मरण करते हुए जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें.
  4. चैत्र अमावस्या के दिन जरूरतमंदों-गरीबों को भोजन कराने का भी विशेष महत्व है,लोग अपनी क्षमतानुसार दान कर सकते हैं.
  5. भौमवती अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करना भी शुभ माना जाता है.लोग पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए गंगा जल या दूध चढ़ा सकते हैं और मिट्टी का दीपक जला सकते हैं.
  6. दान व पितर पूजन फलदायी होता है,अमावस्या तिथि पर पितरों के पूजन का विशेष महत्व है.
  7. इस दौरान पितरों की शांति के उद्देश्य से किया गया दान बहुत फलदायी होता है. इस दिन पितरों के निमित्त काले तिल का दान करना शुभ होता है.

दूर होंगे सारे संकट, ग्रहदोषों से भी मुक्ति
यह मंगलवार को पड़ने वाली अमावस्या को भौमवती अमावस्या कहा जाता है. इस दिन पर आप गुड़ और शहद का दान कर सकते हैं. ऐसा करने से मंगल दोष कम होता है. भौमवती अमावस्या ( BhaumVati Amavashya ) के दिन हनुमान जी की पूजा ( Lord Hanuman Worship ) करने का भी विशेष महत्व है. यदि आप विधि-विधान से हनुमानजी की पूजा करेंगे तो आपको विशेष फल की प्राप्ति होगी. आपको मंगल दोष से भी मुक्ति मिलेगी और आपके जीवन में चल रहे सभी कष्ट और परेशानियां दूर होंगी.

भौमवती-चैत्र अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना भी शुभ माना जाता है. लोग पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए गंगा जल या दूध चढ़ा सकते हैं और मिट्टी का दीपक जला सकते हैं. पीपल के पेड़ की पूजा करने व इस दिन जरूरतमंदों-गरीबों को भोजन कराने का भी विशेष महत्व है,लोग अपनी क्षमतानुसार दान कर सकते हैं. इससे पितृदोष भी कम होता है व शनिजन्य दोषों से भी मुक्ति मिलती है और सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है. Amavasya march 2023 date and time

Chaitra Navratri 2023 : चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन इन विधि-मंत्रों से करे मां शैलपुत्री की पूजा, मन्नतें होंगी पूरी

चैत्र अमावस्या : आज अमावस्या या अमावस की तिथि है.हिंदू कैलेंडर में अमावस्या का दिन महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि कई अनुष्ठान केवल अमावस्या तिथि को ही किए जाते हैं. हिंदू मान्यताओं के अनुसार मंगलवार की अमावस्या को भौमवती अमावस्या (BhaumVati Amavashya ) कहा जाता है. सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या ( Somvati Amavasya ) और शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या को शनि अमावस्या ( Shani Amavashya ) कहते हैं. इसी प्रकार चैत्र मास में पड़ने वाली अमावस्या को चैत्र अमावस्या के नाम से जाना जाता है. Amavasya march 2023 .

इस वर्ष चैत्र अमावस्या 21 मार्च मंगलवार को पड़ रही है. चूंकि यह मंगलवार को मनाई जाएगी, इसलिए इस दिन को भूमि अमावस्या भी कहा जाएगा. इस दिन हिंदू धर्म की सबसे पवित्र और पवित्र नदी गंगा में डुबकी लगाना शुभ माना जाता है. चैत्र-भौमवती अमावस्या मार्च 2023: तिथि और समयज्योतिषाचार्य पंडित बिमलेश कुमार उपाध्याय के अनुसार, चैत्र अमावस्या 21 मार्च मंगलवार को सुबह 01:47 बजे से शुरू होकर रात 10:52 बजे समाप्त होगी.

चैत्र अमावस्या मार्च 2023: अमावस्या पर करने योग्य जरूरी काम

  1. ऐसा माना जाता है कि यदि भक्त इस दिन कुछ विशेष अनुष्ठान करेंगे तो उन्हें अपने पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है.
  2. चैत्र अमावस्या को पितरों को समर्पित माना जाता है. इसलिए इस दिन पितरों के नाम पर तिल मिश्रित पवित्र जल अर्पित करना शुभ होता है. इससे पितृ दोषों को कम करने में मदद मिलेगी साथ ही पूर्वजों की आत्मा को शांति भी मिलेगी.
  3. चैत्र अमावस्या के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है. हालांकि, बहुत से लोग नहाने के लिए नदी में जाने का प्रबंध नहीं कर पाते हैं. ऐसे में मां गंगा का स्मरण करते हुए जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें.
  4. चैत्र अमावस्या के दिन जरूरतमंदों-गरीबों को भोजन कराने का भी विशेष महत्व है,लोग अपनी क्षमतानुसार दान कर सकते हैं.
  5. भौमवती अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करना भी शुभ माना जाता है.लोग पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए गंगा जल या दूध चढ़ा सकते हैं और मिट्टी का दीपक जला सकते हैं.
  6. दान व पितर पूजन फलदायी होता है,अमावस्या तिथि पर पितरों के पूजन का विशेष महत्व है.
  7. इस दौरान पितरों की शांति के उद्देश्य से किया गया दान बहुत फलदायी होता है. इस दिन पितरों के निमित्त काले तिल का दान करना शुभ होता है.

दूर होंगे सारे संकट, ग्रहदोषों से भी मुक्ति
यह मंगलवार को पड़ने वाली अमावस्या को भौमवती अमावस्या कहा जाता है. इस दिन पर आप गुड़ और शहद का दान कर सकते हैं. ऐसा करने से मंगल दोष कम होता है. भौमवती अमावस्या ( BhaumVati Amavashya ) के दिन हनुमान जी की पूजा ( Lord Hanuman Worship ) करने का भी विशेष महत्व है. यदि आप विधि-विधान से हनुमानजी की पूजा करेंगे तो आपको विशेष फल की प्राप्ति होगी. आपको मंगल दोष से भी मुक्ति मिलेगी और आपके जीवन में चल रहे सभी कष्ट और परेशानियां दूर होंगी.

भौमवती-चैत्र अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना भी शुभ माना जाता है. लोग पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए गंगा जल या दूध चढ़ा सकते हैं और मिट्टी का दीपक जला सकते हैं. पीपल के पेड़ की पूजा करने व इस दिन जरूरतमंदों-गरीबों को भोजन कराने का भी विशेष महत्व है,लोग अपनी क्षमतानुसार दान कर सकते हैं. इससे पितृदोष भी कम होता है व शनिजन्य दोषों से भी मुक्ति मिलती है और सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है. Amavasya march 2023 date and time

Chaitra Navratri 2023 : चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन इन विधि-मंत्रों से करे मां शैलपुत्री की पूजा, मन्नतें होंगी पूरी

Last Updated : Apr 5, 2023, 12:03 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.