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राहुल की सजा पर रोक लगाने से इनकार करने वाले गुजरात HC जज का तबादला, 23 और जज भी शामिल

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कई उच्च न्यायालयों के 23 जजों के तबादले की सिफारिश की है. इनमें से एक जज गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस प्रच्छक भी हैं, जिन्होंने राहुल गांधी की 'मोदी सरनेम' टिप्पणी से संबंधित 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज कर दी थी.

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Published : Aug 11, 2023, 2:53 PM IST

Updated : Aug 11, 2023, 5:28 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने विभिन्न उच्च न्यायालयों के 23 न्यायाधीशों के स्थानांतरण की सिफारिश की है, जिसमें गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस हेमंत एम प्रच्छक भी शामिल हैं. ये वो जज हैं, जिन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उस याचिका को खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने "मोदी सरनेम" टिप्पणी पर 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने की मांग की थी. भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत की सदस्यता वाले कॉलेजियम ने 3 अगस्त को हुई अपनी बैठक में 'न्याय के बेहतर प्रबंधन' के लिए उच्च न्यायालयों के नौ न्यायाधीशों के स्थानांतरण की सिफारिश की.

शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किए गए कॉलेजियम प्रस्ताव के अनुसार, इन नौ नामों में से चार न्यायाधीश गुजरात उच्च न्यायालय से हैं, जबकि चार पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से हैं. दूसरे जज इलाहाबाद हाई कोर्ट से हैं. कॉलेजियम के प्रस्ताव के अनुसार, गुजरात उच्च न्यायालय के अन्य तीन न्यायाधीशों - जस्टिस अल्पेश वाई कोग्जे, जस्टिस कुमारी गीता गोपी और जस्टिस समीर जे दवे को क्रमशः इलाहाबाद, मद्रास और राजस्थान के उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित करने की सिफारिश की गई है.

गुजरात हाई कोर्ट जज का तबादला : प्रस्ताव में कहा गया है कि कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति प्रच्छक को गुजरात उच्च न्यायालय से पटना उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की सिफारिश की है. 7 जुलाई को, गुजरात उच्च न्यायालय ने राहुल गांधी की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने "मोदी सरनेम" टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने की मांग की थी. याचिका को खारिज करते हुए, जस्टिस प्रच्छक ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि गांधी पहले से ही देशभर में 10 आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को उनकी टिप्पणियों के लिए दो साल की जेल की सजा देने का निचली अदालत का आदेश "उचित और कानूनी" है. बाद में 4 अगस्त को, उच्चतम न्यायालय ने 'मोदी सरनेम' वाली टिप्पणी पर 2019 के मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी, जिससे उनकी लोकसभा सदस्यता के पुनरुद्धार का मार्ग प्रशस्त हो गया.

कॉलेजियम के प्रस्ताव के अनुसार, गुजरात उच्च न्यायालय के अन्य तीन न्यायाधीशों- न्यायमूर्ति अल्पेश वाई कोग्जे, न्यायमूर्ति कुमारी गीता गोपी और न्यायमूर्ति समीर जे दवे, को क्रमशः इलाहाबाद, मद्रास और राजस्थान उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित करने की सिफारिश की गई है. तीन अगस्त के प्रस्ताव के अनुसार, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों- न्यायमूर्ति अरविंद सिंह सांगवान, न्यायमूर्ति अवनीश झिंगन, न्यायमूर्ति राजमोहन सिंह और न्यायमूर्ति अरुण मोंगा को क्रमशः इलाहाबाद, गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित करने की सिफारिश की गई है.

इलाहाबाद हाई कोर्ट जज : कॉलेजियम ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विवेक कुमार सिंह का तबादला मद्रास उच्च न्यायालय करने की सिफारिश की है. शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किए गए 10 अगस्त के 14 अलग-अलग प्रस्तावों में, कॉलेजियम ने बेहतर न्याय प्रदायगी के लिए विभिन्न उच्च न्यायालयों से 14 न्यायाधीशों के स्थानांतरण की सिफारिश की है. इसने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीशों- न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार, न्यायमूर्ति एस पी केसरवानी और न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया को क्रमश: मध्य प्रदेश, कलकत्ता और झारखंड उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित करने की सिफारिश की है.

बेटे की बोर्ड परीक्षा के लिए तबादला टालने का निवेदन : प्रस्तावों में से एक में कहा गया है कि तीन अगस्त को कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद को पटना उच्च न्यायालय से कलकत्ता उच्च न्यायालय स्थानांतरित करने की सिफारिश की थी. इसमें कहा गया है, "आठ अगस्त, 2023 को एक पत्र के जरिये न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में अपने स्थानांतरण के प्रस्ताव पर अपनी सहमति व्यक्त की है. हालांकि, उन्होंने अनुरोध किया है कि मामले में अंतिम निर्णय लेते समय कॉलेजियम इस तथ्य पर विचार कर सकता है कि उनके छोटे बेटे की बोर्ड परीक्षा फरवरी 2024 में होने वाली है." प्रस्ताव में कहा गया है, "हमने न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद द्वारा किए गए अनुरोध पर विचार किया है. कॉलेजियम को उनके द्वारा किए गए अनुरोध में कोई औचित्य नजर नहीं आया. इसलिए, कॉलेजियम ने उन्हें कलकत्ता उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने के लिए तीन अगस्त, 2023 की अपनी सिफारिश को दोहराने का संकल्प लिया है."

तेलंगाना हाई कोर्ट जज के तबादले की सिफारिश दोहराई : एक अन्य प्रस्ताव में कहा गया है कि तीन अगस्त को कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति सी. सुमलता को तेलंगाना राज्य के उच्च न्यायालय से गुजरात उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिया था. इसमें कहा गया, "5 अगस्त, 2023 को लिखे अपने पत्र में, न्यायमूर्ति सी. सुमलता ने कॉलेजियम से अनुरोध किया है कि "उनके स्थानांतरण के प्रस्ताव पर पुनर्विचार किया जाए और वैकल्पिक रूप से, उन्हें पड़ोसी राज्य यानी आंध्र प्रदेश या कर्नाटक के उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने पर विचार किया जाए." कॉलेजियम का मानना ​​​​है कि स्थानांतरण के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने के लिए न्यायमूर्ति सी सुमलता के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया जा सकता.

हालांकि, जिस स्थान पर उनका स्थानांतरण किया जा रहा है, उसके संबंध में कॉलेजियम ने उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया है और यह सिफारिश करने का संकल्प लिया है कि तीन अगस्त की सिफारिश के अनुरूप गुजरात उच्च न्यायालय में उनका स्थानांतरण करने के बजाय अब उन्हें कर्नाटक उच्च न्यायालय भेजा जाए." कॉलेजियम ने तेलंगाना उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों- न्यायमूर्ति मुन्नुरी लक्ष्मण, न्यायमूर्ति एम सुधीर कुमार और न्यायमूर्ति जी अनुपमा चक्रवर्ती को क्रमशः राजस्थान, मद्रास और पटना उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित करने की सिफारिश की है.

आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट जज : कॉलेजियम ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों-न्यायमूर्ति दुप्पला वेंकट रमण और न्यायमूर्ति सी. मानवेंद्रनाथ रॉय को क्रमशः मध्य प्रदेश और गुजरात के उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित करने की भी सिफारिश की है.

पढ़ें : जम्मू-कश्मीर की संप्रभुता पूरी तरह से भारत को सौंप दी गई, लेकिन 370 पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान

कर्नाटक जज के तबादले की सिफारिश वापस : तीन अगस्त को, एससी कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति नरेंद्र जी. को ओडिश उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिया था. न्यायमूर्ति नरेंद्र जी. ने अपने स्थानांतरण के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था, लेकिन एससी कॉलेजियम को एक अभ्यावेदन देकर 3-4 महीने की अवधि के लिए बैंगलोर में उन्हें बनाए रखने का अनुरोध किया था. उन्होंने आगे पड़ोसी राज्यों, यानी, तेलंगाना, तमिलनाडु या आंध्र प्रदेश में अपने स्थानांतरण के लिए अनुरोध किया. कॉलेजियम ने कहा, "हमने न्यायमूर्ति नरेंद्र जी. द्वारा किए गए अनुरोध को ध्यान से देखा है. कॉलेजियम ने सिफारिश की है कि उन्हें ओडिशा के उच्च न्यायालय के बजाय आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया जाए, जैसा कि 3 अगस्त 2023 को प्रस्तावित है." वहीं,

कलकत्ता हाई कोर्ट जज : इसी तरह, इसने कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों- न्यायमूर्ति विवेक चौधरी, न्यायमूर्ति लपिता बनर्जी और न्यायमूर्ति बी सर्राफ को क्रमश: पटना, पंजाब एवं हरियाणा तथा इलाहाबाद उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित करने की सिफारिश की है.

(अतिरिक्त इनपुट-एजेंसी)

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने विभिन्न उच्च न्यायालयों के 23 न्यायाधीशों के स्थानांतरण की सिफारिश की है, जिसमें गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस हेमंत एम प्रच्छक भी शामिल हैं. ये वो जज हैं, जिन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उस याचिका को खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने "मोदी सरनेम" टिप्पणी पर 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने की मांग की थी. भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत की सदस्यता वाले कॉलेजियम ने 3 अगस्त को हुई अपनी बैठक में 'न्याय के बेहतर प्रबंधन' के लिए उच्च न्यायालयों के नौ न्यायाधीशों के स्थानांतरण की सिफारिश की.

शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किए गए कॉलेजियम प्रस्ताव के अनुसार, इन नौ नामों में से चार न्यायाधीश गुजरात उच्च न्यायालय से हैं, जबकि चार पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से हैं. दूसरे जज इलाहाबाद हाई कोर्ट से हैं. कॉलेजियम के प्रस्ताव के अनुसार, गुजरात उच्च न्यायालय के अन्य तीन न्यायाधीशों - जस्टिस अल्पेश वाई कोग्जे, जस्टिस कुमारी गीता गोपी और जस्टिस समीर जे दवे को क्रमशः इलाहाबाद, मद्रास और राजस्थान के उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित करने की सिफारिश की गई है.

गुजरात हाई कोर्ट जज का तबादला : प्रस्ताव में कहा गया है कि कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति प्रच्छक को गुजरात उच्च न्यायालय से पटना उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की सिफारिश की है. 7 जुलाई को, गुजरात उच्च न्यायालय ने राहुल गांधी की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने "मोदी सरनेम" टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने की मांग की थी. याचिका को खारिज करते हुए, जस्टिस प्रच्छक ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि गांधी पहले से ही देशभर में 10 आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को उनकी टिप्पणियों के लिए दो साल की जेल की सजा देने का निचली अदालत का आदेश "उचित और कानूनी" है. बाद में 4 अगस्त को, उच्चतम न्यायालय ने 'मोदी सरनेम' वाली टिप्पणी पर 2019 के मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी, जिससे उनकी लोकसभा सदस्यता के पुनरुद्धार का मार्ग प्रशस्त हो गया.

कॉलेजियम के प्रस्ताव के अनुसार, गुजरात उच्च न्यायालय के अन्य तीन न्यायाधीशों- न्यायमूर्ति अल्पेश वाई कोग्जे, न्यायमूर्ति कुमारी गीता गोपी और न्यायमूर्ति समीर जे दवे, को क्रमशः इलाहाबाद, मद्रास और राजस्थान उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित करने की सिफारिश की गई है. तीन अगस्त के प्रस्ताव के अनुसार, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों- न्यायमूर्ति अरविंद सिंह सांगवान, न्यायमूर्ति अवनीश झिंगन, न्यायमूर्ति राजमोहन सिंह और न्यायमूर्ति अरुण मोंगा को क्रमशः इलाहाबाद, गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित करने की सिफारिश की गई है.

इलाहाबाद हाई कोर्ट जज : कॉलेजियम ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विवेक कुमार सिंह का तबादला मद्रास उच्च न्यायालय करने की सिफारिश की है. शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किए गए 10 अगस्त के 14 अलग-अलग प्रस्तावों में, कॉलेजियम ने बेहतर न्याय प्रदायगी के लिए विभिन्न उच्च न्यायालयों से 14 न्यायाधीशों के स्थानांतरण की सिफारिश की है. इसने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीशों- न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार, न्यायमूर्ति एस पी केसरवानी और न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया को क्रमश: मध्य प्रदेश, कलकत्ता और झारखंड उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित करने की सिफारिश की है.

बेटे की बोर्ड परीक्षा के लिए तबादला टालने का निवेदन : प्रस्तावों में से एक में कहा गया है कि तीन अगस्त को कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद को पटना उच्च न्यायालय से कलकत्ता उच्च न्यायालय स्थानांतरित करने की सिफारिश की थी. इसमें कहा गया है, "आठ अगस्त, 2023 को एक पत्र के जरिये न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में अपने स्थानांतरण के प्रस्ताव पर अपनी सहमति व्यक्त की है. हालांकि, उन्होंने अनुरोध किया है कि मामले में अंतिम निर्णय लेते समय कॉलेजियम इस तथ्य पर विचार कर सकता है कि उनके छोटे बेटे की बोर्ड परीक्षा फरवरी 2024 में होने वाली है." प्रस्ताव में कहा गया है, "हमने न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद द्वारा किए गए अनुरोध पर विचार किया है. कॉलेजियम को उनके द्वारा किए गए अनुरोध में कोई औचित्य नजर नहीं आया. इसलिए, कॉलेजियम ने उन्हें कलकत्ता उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने के लिए तीन अगस्त, 2023 की अपनी सिफारिश को दोहराने का संकल्प लिया है."

तेलंगाना हाई कोर्ट जज के तबादले की सिफारिश दोहराई : एक अन्य प्रस्ताव में कहा गया है कि तीन अगस्त को कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति सी. सुमलता को तेलंगाना राज्य के उच्च न्यायालय से गुजरात उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिया था. इसमें कहा गया, "5 अगस्त, 2023 को लिखे अपने पत्र में, न्यायमूर्ति सी. सुमलता ने कॉलेजियम से अनुरोध किया है कि "उनके स्थानांतरण के प्रस्ताव पर पुनर्विचार किया जाए और वैकल्पिक रूप से, उन्हें पड़ोसी राज्य यानी आंध्र प्रदेश या कर्नाटक के उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने पर विचार किया जाए." कॉलेजियम का मानना ​​​​है कि स्थानांतरण के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने के लिए न्यायमूर्ति सी सुमलता के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया जा सकता.

हालांकि, जिस स्थान पर उनका स्थानांतरण किया जा रहा है, उसके संबंध में कॉलेजियम ने उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया है और यह सिफारिश करने का संकल्प लिया है कि तीन अगस्त की सिफारिश के अनुरूप गुजरात उच्च न्यायालय में उनका स्थानांतरण करने के बजाय अब उन्हें कर्नाटक उच्च न्यायालय भेजा जाए." कॉलेजियम ने तेलंगाना उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों- न्यायमूर्ति मुन्नुरी लक्ष्मण, न्यायमूर्ति एम सुधीर कुमार और न्यायमूर्ति जी अनुपमा चक्रवर्ती को क्रमशः राजस्थान, मद्रास और पटना उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित करने की सिफारिश की है.

आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट जज : कॉलेजियम ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों-न्यायमूर्ति दुप्पला वेंकट रमण और न्यायमूर्ति सी. मानवेंद्रनाथ रॉय को क्रमशः मध्य प्रदेश और गुजरात के उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित करने की भी सिफारिश की है.

पढ़ें : जम्मू-कश्मीर की संप्रभुता पूरी तरह से भारत को सौंप दी गई, लेकिन 370 पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान

कर्नाटक जज के तबादले की सिफारिश वापस : तीन अगस्त को, एससी कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति नरेंद्र जी. को ओडिश उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिया था. न्यायमूर्ति नरेंद्र जी. ने अपने स्थानांतरण के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था, लेकिन एससी कॉलेजियम को एक अभ्यावेदन देकर 3-4 महीने की अवधि के लिए बैंगलोर में उन्हें बनाए रखने का अनुरोध किया था. उन्होंने आगे पड़ोसी राज्यों, यानी, तेलंगाना, तमिलनाडु या आंध्र प्रदेश में अपने स्थानांतरण के लिए अनुरोध किया. कॉलेजियम ने कहा, "हमने न्यायमूर्ति नरेंद्र जी. द्वारा किए गए अनुरोध को ध्यान से देखा है. कॉलेजियम ने सिफारिश की है कि उन्हें ओडिशा के उच्च न्यायालय के बजाय आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया जाए, जैसा कि 3 अगस्त 2023 को प्रस्तावित है." वहीं,

कलकत्ता हाई कोर्ट जज : इसी तरह, इसने कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों- न्यायमूर्ति विवेक चौधरी, न्यायमूर्ति लपिता बनर्जी और न्यायमूर्ति बी सर्राफ को क्रमश: पटना, पंजाब एवं हरियाणा तथा इलाहाबाद उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित करने की सिफारिश की है.

(अतिरिक्त इनपुट-एजेंसी)

Last Updated : Aug 11, 2023, 5:28 PM IST
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