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Ram Mandir निर्माण के दो साल पूरे: जानिए अब तक कितना बना मंदिर, कब विराजमान होंगे रामलला?

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के दो साल पूरे हो चुके हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि अब तक कितना निर्माण पूरा हो चुका है और रामलला भव्य मंदिर में कब विराजमान होंगे?

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अयोध्या में तेजी से जारी है राम मंदिर का निर्माण.
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Published : Aug 5, 2022, 4:40 PM IST

अयोध्याः धर्म नगरी अयोध्या के राम जन्मभूमि परिसर में चल रहे राम मंदिर निर्माण कार्य के 2 वर्ष पूरे होने पर ईटीवी भारत ने कार्यस्थल पर पहुंचकर मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में जानकारी जुटाई.

बता दें कि 5 अगस्त 2020 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धर्म नगरी अयोध्या में रामलला का दर्शन कर अपने हाथों से राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था. इसके बाद से अनवरत राम मंदिर का निर्माण कार्य जारी है. दुनिया भर के राम भक्तों की आस्था का केंद्र इस ऐतिहासिक मंदिर को मजबूत बनाने के लिए जमीन तल से नीचे 50 फीट तक कंक्रीट की एक चट्टान बनाई गई है जिसके ऊपर रामलला का मंदिर अब आकार ले रहा है. विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए जमीन के निचले स्तर पर निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है.मंदिर निर्माण के लिए प्लेटफार्म बनने के बाद अब मंदिर के तीन तरफ से दीवार बनाने का कार्य किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त बंसी पहाड़पुर के पत्थरों से मंदिर का निर्माण किया जाना है. प्लेटफार्म और दीवाल का काम पूरा होते ही रामलला का भव्य मंदिर आकार लेने लगेगा. सब कुछ योजनाबद्ध रूप से चलता रहा तो 2 नवंबर 2022 से पत्थरों को प्लेटफार्म पर खड़ा कर मंदिर को आकार देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

अयोध्या में तेजी से जारी है राम मंदिर का निर्माण.
बीते 24 महीने से कार्यदाई संस्था लार्सन एंड टूब्रो और तकनीकी सहयोगी टाटा कंसल्टेंसी के कर्मचारियों की ओर से मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. इस परियोजना में हजार से अधिक कर्मचारी और अधिकारी काम कर रहे हैं. निर्माण कार्य को इस तरह से अंजाम दिया जा रहा है कि किसी भी खराब मौसम का प्रभाव मंदिर पर न पड़े. भगवान राम का मंदिर सरयू नदी से कुछ दूरी पर ही है. ऐसी स्थिति में नदी का जलस्तर बढ़ने पर बाढ़ जैसी स्थिति में मंदिर को कोई खतरा न हो इसके लिए मंदिर के चारों तरफ एक ऊंची रिटेनिंग वॉल भी बनाई गई है. मकसद है बाढ़ का पानी मंदिर की बुनियाद को नुकसान ना पहुंचाए. इसके अतिरिक्त जमीन तल से नीचे इतनी मजबूत कंक्रीट की बुनियाद डाली गई है कि बड़े से बड़ा भूकंप भी मंदिर को नुकसान न पहुंचा सका.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की माने तो मंदिर निर्माण की कार्य योजना कुछ इस प्रकार से तैयार की गई है कि दिसंबर 2023 तक भगवान राम लला का गर्भग्रह बनकर तैयार हो जाए और जनवरी 2024 मकर संक्रांति के पर्व पर भगवान राम लला अपने गर्भ गृह में विराजमान हो जाए. इस कार्ययोजना के लिए दिन-रात 24 घंटे कर्मचारी काम कर रहे हैं. जमीन के निचले स्तर पर काम करना बेहद मुश्किल था. लगातार मौसम में हो रहे परिवर्तन व बरसात के चलते अक्सर जलभराव की समस्या भी हो रही थी. तमाम कठिन कार्य पूरे कर लिए गए हैं अब मंदिर निर्माण के लिए प्रथम तल और द्वितीय तल का निर्माण कार्य अपेक्षाकृत आसान है इसलिए मंदिर निर्माण को भी तेज गति मिलेगी और सब कुछ ठीक रहा तो जनवरी 2024 में रामलला अपने गर्भग्रह में विराजमान हो जाएंगे और दिसंबर 2025 तक रामलला का पूरा भव्य मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा.

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2 नवंबर 2022 से पत्थरों को प्लेटफार्म पर खड़ा कर मंदिर को आकार देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
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अयोध्याः धर्म नगरी अयोध्या के राम जन्मभूमि परिसर में चल रहे राम मंदिर निर्माण कार्य के 2 वर्ष पूरे होने पर ईटीवी भारत ने कार्यस्थल पर पहुंचकर मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में जानकारी जुटाई.

बता दें कि 5 अगस्त 2020 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धर्म नगरी अयोध्या में रामलला का दर्शन कर अपने हाथों से राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था. इसके बाद से अनवरत राम मंदिर का निर्माण कार्य जारी है. दुनिया भर के राम भक्तों की आस्था का केंद्र इस ऐतिहासिक मंदिर को मजबूत बनाने के लिए जमीन तल से नीचे 50 फीट तक कंक्रीट की एक चट्टान बनाई गई है जिसके ऊपर रामलला का मंदिर अब आकार ले रहा है. विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए जमीन के निचले स्तर पर निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है.मंदिर निर्माण के लिए प्लेटफार्म बनने के बाद अब मंदिर के तीन तरफ से दीवार बनाने का कार्य किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त बंसी पहाड़पुर के पत्थरों से मंदिर का निर्माण किया जाना है. प्लेटफार्म और दीवाल का काम पूरा होते ही रामलला का भव्य मंदिर आकार लेने लगेगा. सब कुछ योजनाबद्ध रूप से चलता रहा तो 2 नवंबर 2022 से पत्थरों को प्लेटफार्म पर खड़ा कर मंदिर को आकार देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

अयोध्या में तेजी से जारी है राम मंदिर का निर्माण.
बीते 24 महीने से कार्यदाई संस्था लार्सन एंड टूब्रो और तकनीकी सहयोगी टाटा कंसल्टेंसी के कर्मचारियों की ओर से मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. इस परियोजना में हजार से अधिक कर्मचारी और अधिकारी काम कर रहे हैं. निर्माण कार्य को इस तरह से अंजाम दिया जा रहा है कि किसी भी खराब मौसम का प्रभाव मंदिर पर न पड़े. भगवान राम का मंदिर सरयू नदी से कुछ दूरी पर ही है. ऐसी स्थिति में नदी का जलस्तर बढ़ने पर बाढ़ जैसी स्थिति में मंदिर को कोई खतरा न हो इसके लिए मंदिर के चारों तरफ एक ऊंची रिटेनिंग वॉल भी बनाई गई है. मकसद है बाढ़ का पानी मंदिर की बुनियाद को नुकसान ना पहुंचाए. इसके अतिरिक्त जमीन तल से नीचे इतनी मजबूत कंक्रीट की बुनियाद डाली गई है कि बड़े से बड़ा भूकंप भी मंदिर को नुकसान न पहुंचा सका.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की माने तो मंदिर निर्माण की कार्य योजना कुछ इस प्रकार से तैयार की गई है कि दिसंबर 2023 तक भगवान राम लला का गर्भग्रह बनकर तैयार हो जाए और जनवरी 2024 मकर संक्रांति के पर्व पर भगवान राम लला अपने गर्भ गृह में विराजमान हो जाए. इस कार्ययोजना के लिए दिन-रात 24 घंटे कर्मचारी काम कर रहे हैं. जमीन के निचले स्तर पर काम करना बेहद मुश्किल था. लगातार मौसम में हो रहे परिवर्तन व बरसात के चलते अक्सर जलभराव की समस्या भी हो रही थी. तमाम कठिन कार्य पूरे कर लिए गए हैं अब मंदिर निर्माण के लिए प्रथम तल और द्वितीय तल का निर्माण कार्य अपेक्षाकृत आसान है इसलिए मंदिर निर्माण को भी तेज गति मिलेगी और सब कुछ ठीक रहा तो जनवरी 2024 में रामलला अपने गर्भग्रह में विराजमान हो जाएंगे और दिसंबर 2025 तक रामलला का पूरा भव्य मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा.

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