बेंगलुरु : एक अपहृत बच्चे को सकुशल बरामद किए जाने के बाद कर्नाटक पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी, उसके असली माता-पिता की पहचान करना. कर्नाटक पुलिस इसमें कामयाब रही और बच्चे को उसके असली माता-पिता मिल गए.
दरअसल, बच्चे को बरामद किए जाने के बाद अदालत की अनुमति से डीएनए परीक्षण किया गया, तब जाकर बच्चे के असली माता-पिता का पता चला. कहा जा रहा है कि हुस्न बानो और नवीद पाशा बच्चे के असली माता-पिता हैं.
एफएसएल अधिकारियों द्वारा सौंपी गई डीएनए रिपोर्ट को कर्नाटक हाई कोर्ट और दक्षिणी संभाग की बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया है. अदालत की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद बच्चे को उसके माता-पिता को सौंप दिया जाएगा.
बच्चे समेत पांच लोगों का किया गया डीएनए टेस्ट
इससे पहले अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया था कि अपहरणकर्ताओं के चंगुल से बचाए गए बच्चे के असली माता-पिता का पता लगाया जाए. इसके बाद बच्चे सहित पांच लोगों का डीएनए परीक्षण किया गया. एक साल का बच्चा, बेंगलुरु के चामराजपेट के कपल हुस्न बानो व नवीद पाशा और कोप्पल जिले के एक दंपती का परीक्षण किया गया है.
डॉक्टरों ने रक्त के नमूने के साथ डीएनए के लिए सभी नमूने एकत्र किए थे, जिन्हें पुलिस के निर्देश पर फॉरेंसिक प्रयोगशाला (एफएसएल) भेजा गया था.
बताया जा रहा है कि नवीद पाशा की पत्नी हुस्न बानो ने 29 मई, 2020 को चामराजपेट के सरकारी मातृत्व अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया. बच्चे के जन्म के दो घंटे बाद बच्चे को चुरा लिया गया, लेकिन चोरी के दिन ही पुलिस ने बच्चे को बरामद कर लिया था.
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उत्तरी कर्नाटक की रहने वाली रश्मि ने बच्चे को चुराकर दूसरे जोड़े को 15 लाख रुपये में बेच दिया था. बताया जाता है कि रश्मि मनोचिकित्सक है और बेंगलुरु के बन्नेरघट्टा रोड स्थित फोर्टिस अस्पताल में काम करती है.