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भारत की पनडुब्बी 'मत्स्य-6000' ने पास किया वेट टेस्ट, 3 लोग गहरे समुद्र में जाकर ढूंढेंगे रहस्य - MATSYA 6000 DEEP OCEAN TEST

समुद्रयान परियोजना के तहत भारत की पनडुब्बी 'मत्स्य-6000' ने वेट टेस्ट पास कर लिया है. आइए हम आपको इसके बारे में बताते हैं.

Matsya-6000 submersible
पनडुब्बी मत्स्य-6000 ने वेट टेस्टिंग पूरी की (फोटो - PIB)
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By ETV Bharat Tech Team

Published : Feb 18, 2025, 8:58 PM IST

हैदराबाद: भारत की चौथी जनरेशन वाली डीप-ओसियन पनडुब्बी Matsya-600 ने चेन्नई के पास कट्टुपल्ली पोर्ट पर वेट टेस्ट को सफलतापूर्वक पास कर लिया है. इस दौरान कुल आठ बार गोते लगाए गए थे, जिनमें चालक के साथ और चालक के बिना लगाए गए गोते शामिल थे.चालक के साथ गोते में लाइफ सपोर्ट सिस्टम की विश्वसनीयता को चेक किया गया था. वेट टेस्ट को सफलतापूर्वक पास करने के बाद नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ ओसियन टेक्नोलॉजी 2025 के अंत तक 500 मीटर की गहराई में शैलो-वॉटर डेमोंस्ट्रेशन करने की प्लानिंग कर रहा है.

Matsya-600 पनडुब्बी: स्पेसिफिकेशन्स और फीचर्स

भारत सरकार के डीप ओसियन मिशन की पहल के तहत पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने एनआईओटी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी) को समुंदरयान परियोजना के तहत गहरे महासागर में वैज्ञानिकों को लेकर जाने वाली चौथी जनरेशन पनडुब्बी को डिजाइन और डेवलप करने का काम दिया था. इसका नाम 'मत्स्य-6000' (Matsya-6000) है, जो समुंदरयान प्रोजेक्ट का हिस्सा है.

यह पनडुब्बी एक गोलाकार ढांचे की है, जिसका व्यास 2.1 मीटर है और इसमें एक इंटीग्रेटेड ह्यूमन लाइफ सपोर्ट सिस्टम भी दिया गया है. 'मत्स्य-6000' में तीन लोग बैठ सकते हैं और इसमें कई डाइविंग के लिए मुख्य बैलास्ट सिस्टम, सभी तीन दिशाओं में मूवमेंट के लिए थ्रस्टर्स, पॉवर सप्लाई के लिए एक बैटरी बैंक और बायोन्सी के लिए सिन्टेक्टिक फोम समेत खास फीचर्स मौजूद है.

मत्स्य-6000 में पॉवर डिस्ट्रूबूशन नेटवर्क और अंडरवाटर नेविगेशन डिवाइस भी दिया गया है. पनडुब्बी पर कम्यूनिकेशन सिस्टम्स दिए हए हैं, जिनमें ध्वनिक मोडेम, अंडरवाटर टेलीफोन और सर्फेस कम्यूनिकेशन के लिए VHF समेत कई खास फीचर्स दिए गए हैं. इसके अलावा में इसमें पानी के नीचे ध्वनिक पोजीशनिंग और GPS भी दिए गए हैं, जो एकदम सटीक सर्फेस लोकेशन ट्रैकिंग के लिए जरूरी है.

इस पनडुब्बी के बाहर की ओर कैमरे लगे हुए हैं, जबकि गोलाकार ढांचे में अलग-अलग तरह के कई एनवायरमेंटल और क्रिटिकल पैरामीटर्स दिए गए हैं. इसके अलावा इसमें नेविगेशन जोयसटिक के लिए डिस्प्ले, कई ओसियनग्राफिक्स सेंसर्स और अंडरवाटर लाइटनिंग समेत कई खास फीचर्स दिए गए हैं. इन सभी सिस्टम को स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया है और फिलहाल इनकी टेस्टिंग की जा रही है.

'मत्स्य-6000' की वेट टेस्टिंग

मत्स्य-6000 ने ड्राई टेस्ट्स की एक सीरीज पूरी की है, जो 500 मीटर ऑपरेशनल रेंज तक की गई. इसके बाद हाल ही में चेन्नई के पास स्थित कत्तुपल्ली पोर्ट के L&T शिपबिल्डिंग फैसिलिटी पर 27 जनवरी से 12 फरवरी, 2025 वेट टेस्टिंग की गई. इस टेस्टिंग ने पनडुब्बी के काम करने की क्षमता को दिखाया था.

यह भी पढ़ें:

मिल्की वे गैलेक्सी का इतिहास और भविष्य में एंड्रोमेडा से टकराने की संभावना, जानें अबतक क्या हुआ और क्या हो सकता है?

हैदराबाद: भारत की चौथी जनरेशन वाली डीप-ओसियन पनडुब्बी Matsya-600 ने चेन्नई के पास कट्टुपल्ली पोर्ट पर वेट टेस्ट को सफलतापूर्वक पास कर लिया है. इस दौरान कुल आठ बार गोते लगाए गए थे, जिनमें चालक के साथ और चालक के बिना लगाए गए गोते शामिल थे.चालक के साथ गोते में लाइफ सपोर्ट सिस्टम की विश्वसनीयता को चेक किया गया था. वेट टेस्ट को सफलतापूर्वक पास करने के बाद नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ ओसियन टेक्नोलॉजी 2025 के अंत तक 500 मीटर की गहराई में शैलो-वॉटर डेमोंस्ट्रेशन करने की प्लानिंग कर रहा है.

Matsya-600 पनडुब्बी: स्पेसिफिकेशन्स और फीचर्स

भारत सरकार के डीप ओसियन मिशन की पहल के तहत पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने एनआईओटी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी) को समुंदरयान परियोजना के तहत गहरे महासागर में वैज्ञानिकों को लेकर जाने वाली चौथी जनरेशन पनडुब्बी को डिजाइन और डेवलप करने का काम दिया था. इसका नाम 'मत्स्य-6000' (Matsya-6000) है, जो समुंदरयान प्रोजेक्ट का हिस्सा है.

यह पनडुब्बी एक गोलाकार ढांचे की है, जिसका व्यास 2.1 मीटर है और इसमें एक इंटीग्रेटेड ह्यूमन लाइफ सपोर्ट सिस्टम भी दिया गया है. 'मत्स्य-6000' में तीन लोग बैठ सकते हैं और इसमें कई डाइविंग के लिए मुख्य बैलास्ट सिस्टम, सभी तीन दिशाओं में मूवमेंट के लिए थ्रस्टर्स, पॉवर सप्लाई के लिए एक बैटरी बैंक और बायोन्सी के लिए सिन्टेक्टिक फोम समेत खास फीचर्स मौजूद है.

मत्स्य-6000 में पॉवर डिस्ट्रूबूशन नेटवर्क और अंडरवाटर नेविगेशन डिवाइस भी दिया गया है. पनडुब्बी पर कम्यूनिकेशन सिस्टम्स दिए हए हैं, जिनमें ध्वनिक मोडेम, अंडरवाटर टेलीफोन और सर्फेस कम्यूनिकेशन के लिए VHF समेत कई खास फीचर्स दिए गए हैं. इसके अलावा में इसमें पानी के नीचे ध्वनिक पोजीशनिंग और GPS भी दिए गए हैं, जो एकदम सटीक सर्फेस लोकेशन ट्रैकिंग के लिए जरूरी है.

इस पनडुब्बी के बाहर की ओर कैमरे लगे हुए हैं, जबकि गोलाकार ढांचे में अलग-अलग तरह के कई एनवायरमेंटल और क्रिटिकल पैरामीटर्स दिए गए हैं. इसके अलावा इसमें नेविगेशन जोयसटिक के लिए डिस्प्ले, कई ओसियनग्राफिक्स सेंसर्स और अंडरवाटर लाइटनिंग समेत कई खास फीचर्स दिए गए हैं. इन सभी सिस्टम को स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया है और फिलहाल इनकी टेस्टिंग की जा रही है.

'मत्स्य-6000' की वेट टेस्टिंग

मत्स्य-6000 ने ड्राई टेस्ट्स की एक सीरीज पूरी की है, जो 500 मीटर ऑपरेशनल रेंज तक की गई. इसके बाद हाल ही में चेन्नई के पास स्थित कत्तुपल्ली पोर्ट के L&T शिपबिल्डिंग फैसिलिटी पर 27 जनवरी से 12 फरवरी, 2025 वेट टेस्टिंग की गई. इस टेस्टिंग ने पनडुब्बी के काम करने की क्षमता को दिखाया था.

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