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गलती से पाक सीमा में प्रवेश की सजा, 14 साल बाद वतन लौटे धरम सिंह - Pakistan released dharam singh

जम्मू के रहने वाले धरम सिंह साल 2003 में गलती से पाकिस्तान की सीमा में दाखिल हाे गए थे जिन्हें पाकिस्तानी रेंजर्स ने पकड़ कर तीन साल तक बंदी बना कर रखा. फिर उन्हें 14 साल की सजा सुनाई गई. सजा पूरी होने के बाद मंगलवार काे वह भारत लाैट पाए.

धरम
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Published : Apr 20, 2021, 2:35 PM IST

अमृतसर : जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के रहने वाले धरम सिंह साल 2003 में गलती से सांबे जिले के साथ लगते बार्डर से पाकिस्तान में दाखिल हो गए थे, जिन्हें पाकिस्तानी रेंजर्स ने पकड़ कर तीन साल तक बंदी बना कर रखा और बाद में उन पर मुकदमा चलाया गया. जिसमें उन्हें 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई. सजा पूरी होने के बाद मंगलवार काे उन्हें भारत काे साैंप दिया गया.

इसे भी पढ़ें : पाकिस्तान ने भारत से आने वाले यात्रियों के प्रवेश पर दो सप्ताह के लिए लगाई रोक

सरहद पर तैनात प्रोटोकॉल अधिकारी अरुणपाल ने बताया कि धरम सिंह 2003 में गलती से पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गए थे. उस समय उनकी उम्र 18 साल थी. वह अपने पांच भाई-बहनाें में सबसे बड़े हैं. पाकिस्तान में उन्हें 14 साल की सजा हुई थी. सजा पूरी होने पर मंगलवार को पाक सरकार ने उन्हें रिहा कर दिया.

उन्हाेंने कहा कि धरम सिंह को पहले अमृतसर के गुरुनानक अस्पताल में 14 दिन के लिए क्वारनटाइन किया गया है, जिसके बाद पारिवारिक सदस्यों को बुला कर जम्मू भेजा जाएगा.

देश लौटे धरम सिंह ने कहा कि वह गलती से पाकिस्तान की सीमा में घुस गए थे, जहां पाक रेंजर्स ने पकड़ लिया और एक कमरे में ही 2-3 साल तक बंदी बना कर रखा. उसके बाद उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी, जो उम्रकैद में तबदील हो गई थी. सजा पूरी होने के बाद आज उन्हें पाक सरकार ने रिहा किया और वह वापस अपने देश लाैट पाये हैं.

उन्हाेंने कहा कि पाकिस्तान में भारतीय कैदियों को पीटा भी जाता है. यह ऊपर वाले की मेहरबानी है कि 'मैं जीवित वापस लाैट पाया'.

अमृतसर : जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के रहने वाले धरम सिंह साल 2003 में गलती से सांबे जिले के साथ लगते बार्डर से पाकिस्तान में दाखिल हो गए थे, जिन्हें पाकिस्तानी रेंजर्स ने पकड़ कर तीन साल तक बंदी बना कर रखा और बाद में उन पर मुकदमा चलाया गया. जिसमें उन्हें 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई. सजा पूरी होने के बाद मंगलवार काे उन्हें भारत काे साैंप दिया गया.

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सरहद पर तैनात प्रोटोकॉल अधिकारी अरुणपाल ने बताया कि धरम सिंह 2003 में गलती से पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गए थे. उस समय उनकी उम्र 18 साल थी. वह अपने पांच भाई-बहनाें में सबसे बड़े हैं. पाकिस्तान में उन्हें 14 साल की सजा हुई थी. सजा पूरी होने पर मंगलवार को पाक सरकार ने उन्हें रिहा कर दिया.

उन्हाेंने कहा कि धरम सिंह को पहले अमृतसर के गुरुनानक अस्पताल में 14 दिन के लिए क्वारनटाइन किया गया है, जिसके बाद पारिवारिक सदस्यों को बुला कर जम्मू भेजा जाएगा.

देश लौटे धरम सिंह ने कहा कि वह गलती से पाकिस्तान की सीमा में घुस गए थे, जहां पाक रेंजर्स ने पकड़ लिया और एक कमरे में ही 2-3 साल तक बंदी बना कर रखा. उसके बाद उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी, जो उम्रकैद में तबदील हो गई थी. सजा पूरी होने के बाद आज उन्हें पाक सरकार ने रिहा किया और वह वापस अपने देश लाैट पाये हैं.

उन्हाेंने कहा कि पाकिस्तान में भारतीय कैदियों को पीटा भी जाता है. यह ऊपर वाले की मेहरबानी है कि 'मैं जीवित वापस लाैट पाया'.

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