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GST proposal : कपड़े-जूते पर GST बढ़ाने का प्रस्ताव...कारोबारी बोले- विदेशी कंपनियों से पिछड़ जाएंगे

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Published : Nov 24, 2021, 4:37 AM IST

अगले साल 1 जनवरी से टैक्सटाइल (Textiles) और इससे जुड़े कार्यों, साथ ही फुटवियर (footwear) पर जीएसटी में बढ़ोतरी (hike in GST) हो जाएगी. इसके बाद कपड़े और फुटवियर की कीमतों में इजाफा होगा. इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा.

कपड़े-जूते पर GST बढ़ाने का प्रस्ताव
कपड़े-जूते पर GST बढ़ाने का प्रस्ताव

जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी काउंसिल की बैठक (gst council meeting) में टैक्सटाइल और फुटवियर पर जीएसटी में बढ़ोतरी का फैसला लिया गया है. कारोबारियों का कहना है कि यह करके केंद्र सरकार भारतीय व्यापारियों का गला घोंट रही है. ऐसा हुआ तो विदेशी कंपनियों के मुकाबले भारतीय कंपनियां पिछड़ जाएंगी.

मौजूदा समय में राजस्थान में वस्त्र नगरी भीलवाड़ा (Textile City Bhilwara) और उसके आसपास के क्षेत्रों में कपड़े का निर्माण सर्वाधिक किया जाता है. जीएसटी बढ़ने से यहां वस्त्र उद्योग (Textile industry) प्रभावित होगा. कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स राजस्थान (Confederation of All India Traders Rajasthan ) के प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र बज का कहना है कि सरकार ने अगर जीएसटी पर बढ़ोतरी की तो गरीब के लिए कपड़े खरीदना भी महंगा हो जाएगा.

कपड़े-जूते पर जीएसटी स्लैब और प्रस्ताव

पढ़ें- पेट्रोल-डीजल GST के दायरे में आए तो क्या पड़ेगा राजस्थान पर असर, यहां समझिये पूरा गणित

भारतीय कंपनियां हो जाएंगी बर्बाद

कारोबारियों का कहना है कि मौजूदा समय में भारत में बनने वाला कपड़ा काफी बड़ी मात्रा में विदेश में भी निर्यात किया जाता है. ऐसे में यदि जीएसटी 5% से बढ़ाकर 12% की जाएगी तो विदेशी कंपनी के मुकाबले भारतीय कंपनियां पिछड़ जाएंगी और कारोबारियों को कंपनियां बंद भी करनी पड़ सकती हैं.

कपड़े-जूते पर GST बढ़ाने का प्रस्ताव
कपड़े-जूते पर GST बढ़ाने का प्रस्ताव

कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार

भारत में करोड़ों लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कपड़ा उद्योग से जुड़े हुए हैं. देश में कृषि के बाद कपड़ा उद्योग से सबसे अधिक लोगों को रोजगार मुहैया होता है. देश में 9 करोड़ से अधिक लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कपड़ा उद्योग से जुड़े हुए हैं. ऐसे में कारोबारियों का कहना है कि पहले कोविड-19 संक्रमण के चलते कपड़ा उद्योग बर्बाद हो गया और अब सरकार कपड़ा उद्योग में जीएसटी को बढ़ाने की तैयारी कर रही है तो इससे सीधे तौर पर लोग बेरोजगार हो जाएंगे.

जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी काउंसिल की बैठक (gst council meeting) में टैक्सटाइल और फुटवियर पर जीएसटी में बढ़ोतरी का फैसला लिया गया है. कारोबारियों का कहना है कि यह करके केंद्र सरकार भारतीय व्यापारियों का गला घोंट रही है. ऐसा हुआ तो विदेशी कंपनियों के मुकाबले भारतीय कंपनियां पिछड़ जाएंगी.

मौजूदा समय में राजस्थान में वस्त्र नगरी भीलवाड़ा (Textile City Bhilwara) और उसके आसपास के क्षेत्रों में कपड़े का निर्माण सर्वाधिक किया जाता है. जीएसटी बढ़ने से यहां वस्त्र उद्योग (Textile industry) प्रभावित होगा. कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स राजस्थान (Confederation of All India Traders Rajasthan ) के प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र बज का कहना है कि सरकार ने अगर जीएसटी पर बढ़ोतरी की तो गरीब के लिए कपड़े खरीदना भी महंगा हो जाएगा.

कपड़े-जूते पर जीएसटी स्लैब और प्रस्ताव

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भारतीय कंपनियां हो जाएंगी बर्बाद

कारोबारियों का कहना है कि मौजूदा समय में भारत में बनने वाला कपड़ा काफी बड़ी मात्रा में विदेश में भी निर्यात किया जाता है. ऐसे में यदि जीएसटी 5% से बढ़ाकर 12% की जाएगी तो विदेशी कंपनी के मुकाबले भारतीय कंपनियां पिछड़ जाएंगी और कारोबारियों को कंपनियां बंद भी करनी पड़ सकती हैं.

कपड़े-जूते पर GST बढ़ाने का प्रस्ताव
कपड़े-जूते पर GST बढ़ाने का प्रस्ताव

कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार

भारत में करोड़ों लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कपड़ा उद्योग से जुड़े हुए हैं. देश में कृषि के बाद कपड़ा उद्योग से सबसे अधिक लोगों को रोजगार मुहैया होता है. देश में 9 करोड़ से अधिक लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कपड़ा उद्योग से जुड़े हुए हैं. ऐसे में कारोबारियों का कहना है कि पहले कोविड-19 संक्रमण के चलते कपड़ा उद्योग बर्बाद हो गया और अब सरकार कपड़ा उद्योग में जीएसटी को बढ़ाने की तैयारी कर रही है तो इससे सीधे तौर पर लोग बेरोजगार हो जाएंगे.

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