सिंधुदुर्ग : एक व्यक्ति पर हमला करने के आरोपी नितेश राणे (Nitesh Rane accused of assaulting a person) ने शुक्रवार को सिंधुदुर्ग जिला अदालत में सरेंडर कर दिया. इससे पहले नितेश ने अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उन्हें स्थानीय अदालत में सरेंडर होकर जमानत की मांग करनी चाहिए.
इसके बाद नितेश राणे ने शुक्रवार को सिंधुदुर्ग जिला अदालत में सरेंडर कर दिया. उन्होंने गिरफ्तारी पूर्व जमानत अर्जी की अपील पर पुनर्विचार करने के लिए एक आवेदन दायर किया है. सुप्रीम कोर्ट ने नितेश राणे को उनकी गिरफ्तारी से पहले की जमानत खारिज होने के 10 दिनों के भीतर सिंधुदुर्ग जिला अदालत में पेश होने की अनुमति दी थी. इसलिए नितेश राणे को किसी भी परिस्थिति में सिंधुदुर्ग जिला न्यायालय में पेश होना पड़ता. आखिरकार उन्हें आज कोर्ट में पेश किया गया.
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे कंकावली पहुंचे हैं और कंकावली स्थित अपने आवास पर हैं. राणे सभी परिस्थितियों पर नजर रखे हुए हैं और सभी की निगाहें कोर्ट के नतीजे पर हैं. दरअसल, यह मामला जिला बैंक के अध्यक्ष सतीश सावंत के समर्थक पूर्व सरपंच संतोष परब से जुड़ा हुआ है. जिन पर 18 दिसंबर 2021 को अज्ञात इनोवा कार से आए से दो लोगों ने जानलेवा हमला किया था.
संतोष परब के मुताबिक यह हमला राजनीतिक रूप से होने का संदेह है. जिला बैंक चुनाव से ठीक पहले हुए इस हमले से जिले में हड़कंप मच गया था. संतोष परब मोटर साइकिल से कंकनगर जा रहे थे, तभी पीछे से आ रही एक इनोवा कार ने डॉ. नागवेकर के एमआरआई सेंटर के पास पीछे से परब की मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी. टक्कर के बाद परब के सड़क पर गिरने के बाद इनोवा कार सवार दोनों ने परब के सीने पर चाकू जैसे धारदार हथियार से वार कर दिया.
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हमले के सिलसिले में पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी सचिन सतपुते का विधायक नितेश राणे से फोन पर संपर्क था. इसलिए लोक अभियोजकों ने जिला अदालत से नितेश राणे को इस मामले में सह-आरोपी बनाने की मांग की थी. शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में विधायक नितेश राणे और गोत्या सावंत का भी नाम लिया था. मामले में नवनिर्वाचित जिला बैंक के अध्यक्ष मनीष दलवी और विधायक नितेश राणे के सचिव राकेश परब का भी नाम है. इन सभी ने अग्रिम जमानत के लिए जिला अदालत में अर्जी दाखिल की थी.