नई दिल्ली : यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच, उत्तरपूर्वी शहर सुमी में फंसे कुछ भारतीय छात्रों ने मदद के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है. तेजी से खत्म होते भोजन और पानी को देखते हुए यह छात्र हर घंटे अपने बारे में जानकारी दे रहे हैं और सहायता के लिए सरकार से गुहार लगाते हुए कह रहे हैं कि इससे पहले कि स्थिति बदतर हो जाए और वे शव में बदल जाएं, सरकार को उन्हें बचाना चाहिए.
उन छात्रों में से एक महक शेख ने आठ सेकंड का एक वीडियो डाला और शहर में एक धमाके जैसी घटना के बारे में बताया. शेख ने एक पोस्ट में लिखा, 'पूरे शहर में अंधेरा है, बिजली पानी कुछ नहीं है और पास में कई धमाके हो रहे हैं। नेटवर्क भी धीमा है.'
एक अन्य छात्रा राधिका सांगवान ने कहा कि सुमी में 700-800 छात्र फंसे हैं और उन्हें निकाले जाने का कोई पुष्ट समाचार नहीं है. सांगवान ने गुरुवार को ट्वीट किया, 'मैं यूक्रेन के सुमी में एक छात्र हूं. सुमी में 700 से 800 छात्र हैं. हमले का यह सातवां दिन है और हमें निकालने के प्रयास की कोई पुख्ता जानकारी नहीं है. तनाव, भय और परेशानी ने हमें घेरा हुआ है. कृपया मदद करें.'
यूकेन में भारत के दूतावास ने रविवार को कहा था कि खारकीव, सुमी और कीव में भीषण लड़ाई चल रही है. दूतावास ने इन शहरों में भारतीयों से आग्रह किया था कि जब तक कर्फ्यू नहीं हट जाता तब तक उन्हें रेलवे स्टेशन की ओर नहीं जाना चाहिए. कई खबरों के अनुसार, सुमि में ट्रेन और बसें रुक गई हैं, सड़कें और पुल नष्ट हो गए हैं तथा सड़कों पर लड़ाई हो रही है.
एक छात्र ने सोशल मीडिया पर डाले गए वीडियो में कहा, 'बिजली नहीं है. पानी नहीं है. एक बड़ा धमाका हुआ इसलिए हम बंकरों में चले आए. कृपया हमें निकालिये.' शेख द्वारा साझा किये गए एक अन्य वीडियो में कई सशत्र लोगों को उनके हॉस्टल के बाहर घूमते देखा जा सकता है.
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