रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र में आरक्षण संशोधन विधेयक पास होने के बाद रात करीब 9 बजे ही विधेयक को राजभवन पहुंचा दिया गया. सरकार के चार मंत्री रविंद्र चौबे, कवासी लखमा, अमरजीत भगत, मोहम्मद अकबल विधेयक को लेकर राज्यपाल के पास पहुंचे. जिसके बाद गवर्नर उइके ने नियमानुसार जल्द कार्यवाही का आश्वासन दिया. दरअसल सरकार की मंशा थी कि राज्यपाल शुक्रवार को ही विधेयक पर हस्ताक्षर कर दें, लेकिन ज्यादा रात हो जाने की वजह से विधेयक पर राज्यपाल का हस्ताक्षर नहीं हो पाया. नए आरक्षण विधेयक के अनुसार अब छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति के लिए 32 फीसदी आरक्षण (schedule tribe), अनुसूचित जाति के लिए 13 फीसदी आरक्षण, ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण और EWS के लिए चार फीसदी रिजर्वेशन का प्रावधान किया गया है.
रात को ही बिल लेकर राजभवन पहुंचे छत्तीसगढ़ मंत्री: शुक्रवार रात करीब 9 बजे छत्तीसगढ़ सरकार के वरिष्ठ मंत्री कवासी लखमा के नेतृत्व में संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर और शिव डहरिया राजभवन पहुुंचे और राज्यपाल को पारित हुए आरक्षण प्रस्ताव सौंपा. मुलाकात के बाद लौटे मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि "राज्यपाल को हमने आरक्षण का प्रस्ताव दे दिया है. राज्यपाल इसमें जल्द मुहर लगायेगी. अब मुझे इस्तीफा देना नहीं पड़ेगा. आरक्षण बिल पास नहीं होता तो मुझे इस्तीफा देना पड़ता, लेकिन अब आरक्षण बिल पास हो गया है तो मुझे इस्तीफा देना नहीं होगा, मैं बहुत खुश हूं. "
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आरक्षण की वजह से रुके काम होंगे पूरे: वरिष्ठ मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा "जल्द ही राज्यपाल आरक्षण बिल पर मुहर लगायेगी, इसकी उम्मीद है. रात ज्यादा हो गयी थी, इसलिए हस्ताक्षर नहीं हो पाया है, लेकिन जैसे ही हस्ताक्षर होगा तुरंत हमलोग नोटिफिकेशन जारी कर देंगे और आरक्षण खत्म होने की वजह से जो जो काम रूके हुए थे, उसे लागू कराया जायेगा. विज्ञापन भी जारी होंगे और शैक्षणिक संस्थानों में भी लाभ मिलेगा. "
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आरक्षण विधेयक पास होने के बाद आतिशबाजी: विधानसभा के विशेष सत्र में आरक्षण विधेयक पास होने के बाद प्रदेश में खुशी की लहर है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने विधेयक पास होने पर आतिशबाजी कर मिठाई बांटने का ऐलान किया था. रायपुर सरगुजा सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में कांग्रेसियों ने आतिशबाजी कर लोगों को मिठाइयां बांटी. साथ ही कांग्रेस ने राज्य सरकार का आभार जताया. शहर अध्यक्ष गिरीश दुबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लिया है और सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए उनके हित में फैसला लिया है.