भोपाल : मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कमलनाथ सरकार ने विधानसभा में अपना बहुमत खो दिया है, इसलिए राज्य सरकार फ्लोर टेस्ट से बच रही है.
उन्होंने कहा, 'मध्य प्रदेश सरकार ने अपना बहुमत खो दिया है, हम सरकार से अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कहेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह एक फ्लोर टेस्ट चाहते हैं, तो क्यों नहीं करवा रहे हैं फ्लोर टेस्ट? हमारी एकमात्र मांग फ्लोर टेस्ट है.'
उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने अपने संबोधन के बाद सरकार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया है, जबकि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि फ्लोर टेस्ट करवाने का अधिकार स्पीकर के पास है और उनके पास नहीं.
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चौहान ने कहा कि विधानसभा में क्या होता है यह सरकार द्वारा तय किया जाता है, स्पीकर सरकार द्वारा तय किए गए कार्यों पर काम करता है.
कमलनाथ ने की राज्यपाल से मुलाकात
मध्य प्रदेश में चल रहे राजनीतिक घमासान के बीच आज कमलनाथ सरकार की अग्निपरीक्षा हो सकती है. वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार देर रात राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की.
राजभवन से देर रात करीब 12 बज कर 20 मिनट पर बाहर आते हुए कमलनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि राज्यपाल ने उन्हें चर्चा के लिए बुलाया था.
उन्होंने कहा, 'राज्यपाल ने मुझसे कहा कि विधानसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से संचालित की जाए. इसलिए मैंने उनसे कहा कि मैं सोमवार सुबह इस बारे में स्पीकर से बात करूंगा.'
राज्यपाल के निर्देशानुसार सदन में शक्ति परीक्षण सोमवार को कराये जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में स्पीकर कोई फैसला लेंगे.
उन्होंने बताया कि वह पहले ही राज्यपाल को लिखित में दे चुके हैं कि उनकी सरकार सदन में शक्ति परीक्षण के लिए तैयार है. लेकिन ‘बंधक’ बनाये गये विधायकों को पहले छोड़ा जाना चाहिए.
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि उसके 22 विधायकों को भाजपा ने बंधक बना कर रखा है. इन विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था.
स्पीकर एन.पी. प्रजापति ने इनमें से छह विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं.