नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत द्वारा मध्यस्थता के जरिये अंतरराष्ट्रीय सुलह समझौतों से जुड़े संयुक्त राष्ट्र संधि पर हस्ताक्षर को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
सरकार का मनना है कि इस संधि पर हस्ताक्षर से निवेशकों का आत्म-विश्वास बढ़ेगा और विदेशी निवेशकों को वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) पर अंतरराष्ट्रीय प्रक्रिया के पालन की भारत की प्रतिबद्धता को लेकर सकारात्मक संदेश भेजा जा सकेगा.
भारत में अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक मध्यस्थता को प्रोत्साहन देने के क्रम में मध्यस्थता के लिए एक व्यापक तंत्र विकसित करने के लिए सरकार एक वैधानिक संस्था के रूप में नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एनडीआईएसी) स्थापित करने जा रही है. इस संबंध में वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम, 2015 में संशोधन कर दिया गया है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर 2018 को मध्यस्थता संधि के परिणामस्वरूप अंतरराष्ट्रीय समाधान समझौतों पर संयुक्त राष्ट्र संधि को स्वीकार किया था.
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संयुक्त राष्ट्र महासभा को 7 अगस्त 2019 को सिंगापुर में होने वाले एक समारोह में समझौते पर हस्ताक्षर कराने के लिए अधिकृत किया गया था और इसे 'मध्यस्थता पर सिंगापुर संधि' (संधि) के नाम से जाना जाएगा.