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सब सामान्य है तो क्यों सुनसान हैं कश्मीर की सड़कें : गुलाम नबी आजाद

जम्मू कश्मीर जा रहे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को श्रीनगर एयरपोर्ट से वापस दिल्ली भेजे जाने पर उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जब सब कुछ शांत है, लोग इस फैसले से खुश हैं तो हमें अपने घर नहीं जाने दिया जा रहा है. जानें क्या कहा आजाद ने.....

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Published : Aug 8, 2019, 10:14 PM IST

Updated : Aug 8, 2019, 10:37 PM IST

गुलाम नबी आजाद

नई दिल्ली: कांग्रेस के कद्दावर नेता और राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद कश्मीर जा रहे थे लेकिन उन्हें श्रीनगर एयरपोर्ट से वापस दिल्ली भेज दिया गया. उन्होंने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि ऐसा इतिहास में कभी नहीं हुआ. राज्य को इस तरीके से खत्म करना और केंद्र शासित प्रदेश में बदलना कभी नहीं हुआ.

जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि वे पूर्व मुख्यमंत्री हैं और उन्हें अपने ही घर नहीं जाने दिया गया. सरकार कह रही है कि कश्मीर में सब कुछ ठीक है. प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सड़कों पर बिरयानी खा रहे हैं. उसकी तस्वीर और वीडियोग्राफी कराकर सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं. यह दिखाने के लिए कि सड़क पर अमन-चैन है. लेकिन कश्मीर में एक मक्खी भी सड़क पर नहीं है. तीन-तीन पूर्व मुख्यमंत्री को हाउस अरेस्ट कर लिया गया और एक पूर्व मुख्यमंत्री को श्रीनगर एयरपोर्ट से ही वापस दिल्ली भेज दिया गया है, तो यह कैसी शांति है?

गुलाम नबी आजाद से बातचीत

गुलाम नबी आजाद जम्मू और कश्मीर से धारा 370 खत्म करने कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश और लद्दाख को अब केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने की खिलाफ हैं.

आजाद लगातार पार्टी की अगुवाई करते हुए मोदी सरकार द्वारा संसद से अनुच्छेद 370 खत्म करने का बिल पास कराने का विरोध कर रहे हैं. आजाद ने कहा कश्मीर की सड़कों पर सन्नाटा है. लोगों की आजादी छीन ली गई है. हम अपने घर जाना चाह रहे थे, हमें श्रीनगर एयरपोर्ट से बाहर निकलने नहीं दिया गया. वापस दिल्ली भेज दिया गया.

गुलाम नबी आजाद से बातचीत

पढ़ें-मोदी सरकार ने J-K को नक्शे से मिटायाः गुलाम नबी आजाद

उन्होंने कहा कि सरकार कहती है, सब कुछ शांत है. धारा 370 खत्म किए जाने को लेकर देश भर में जश्न का माहौल है. लेकिन कश्मीर में कोई दिख क्यों नहीं रहा जश्न मनाते हुए, सब कहां हैं?

कांग्रेस के कई कद्दावर नेता मोदी सरकार के इस फैसले को सही बता रहे हैं. जनार्दन द्विवेदी, अभिषेक मनु सिंघवी, ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई नेताओं ने कहा कि यह पहले हो जाना चाहिए था. इस पर आजाद ने पार्टी नेताओं का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें कश्मीर के इतिहास और भूगोल के बारे में कुछ भी नहीं पता था. उनकी पार्टी इस फैसले का विरोध कर रही है और लगातार करती रहेगी.

नई दिल्ली: कांग्रेस के कद्दावर नेता और राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद कश्मीर जा रहे थे लेकिन उन्हें श्रीनगर एयरपोर्ट से वापस दिल्ली भेज दिया गया. उन्होंने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि ऐसा इतिहास में कभी नहीं हुआ. राज्य को इस तरीके से खत्म करना और केंद्र शासित प्रदेश में बदलना कभी नहीं हुआ.

जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि वे पूर्व मुख्यमंत्री हैं और उन्हें अपने ही घर नहीं जाने दिया गया. सरकार कह रही है कि कश्मीर में सब कुछ ठीक है. प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सड़कों पर बिरयानी खा रहे हैं. उसकी तस्वीर और वीडियोग्राफी कराकर सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं. यह दिखाने के लिए कि सड़क पर अमन-चैन है. लेकिन कश्मीर में एक मक्खी भी सड़क पर नहीं है. तीन-तीन पूर्व मुख्यमंत्री को हाउस अरेस्ट कर लिया गया और एक पूर्व मुख्यमंत्री को श्रीनगर एयरपोर्ट से ही वापस दिल्ली भेज दिया गया है, तो यह कैसी शांति है?

गुलाम नबी आजाद से बातचीत

गुलाम नबी आजाद जम्मू और कश्मीर से धारा 370 खत्म करने कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश और लद्दाख को अब केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने की खिलाफ हैं.

आजाद लगातार पार्टी की अगुवाई करते हुए मोदी सरकार द्वारा संसद से अनुच्छेद 370 खत्म करने का बिल पास कराने का विरोध कर रहे हैं. आजाद ने कहा कश्मीर की सड़कों पर सन्नाटा है. लोगों की आजादी छीन ली गई है. हम अपने घर जाना चाह रहे थे, हमें श्रीनगर एयरपोर्ट से बाहर निकलने नहीं दिया गया. वापस दिल्ली भेज दिया गया.

गुलाम नबी आजाद से बातचीत

पढ़ें-मोदी सरकार ने J-K को नक्शे से मिटायाः गुलाम नबी आजाद

उन्होंने कहा कि सरकार कहती है, सब कुछ शांत है. धारा 370 खत्म किए जाने को लेकर देश भर में जश्न का माहौल है. लेकिन कश्मीर में कोई दिख क्यों नहीं रहा जश्न मनाते हुए, सब कहां हैं?

कांग्रेस के कई कद्दावर नेता मोदी सरकार के इस फैसले को सही बता रहे हैं. जनार्दन द्विवेदी, अभिषेक मनु सिंघवी, ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई नेताओं ने कहा कि यह पहले हो जाना चाहिए था. इस पर आजाद ने पार्टी नेताओं का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें कश्मीर के इतिहास और भूगोल के बारे में कुछ भी नहीं पता था. उनकी पार्टी इस फैसले का विरोध कर रही है और लगातार करती रहेगी.

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Last Updated : Aug 8, 2019, 10:37 PM IST
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