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जानें, क्यों 20 वर्षीय युवती ने सबकुछ छोड़ चुना त्याग का पथ - त्याग का पथ

मानव जाति कितना ही धन अर्जित कर ले, लेकिन मानसिक शांति त्याग से ही मिलती है. त्याग के पथ पर महाराष्ट्र के रत्नागिरी में रहने वाली 20 वर्षीय यतीशा ने चलने का फैसला किया.

jain monk
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Published : Dec 19, 2020, 10:21 PM IST

रत्नागिरी : महाराष्ट्र के रत्नागिरी की रहने वाली 20 वर्षीय युवती यतीशा ने भौतिक सुख का त्याग कर जैन संन्यासी बनने का फैसला किया है. वह अपने माता-पिता की इकलौती पुत्री हैं. उन्होंने आध्यात्म का मार्ग चुना है.

युवती ने कई वस्तुएं गरीबों को दान की. बता दें कि सन्यास की राह आसान नहीं है. दीक्षा प्राप्त करने के बाद उन्हें बहुत ही मुश्किल जीवन व्यतीत करना पड़ता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

अगले वर्ष मार्च में एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जहां कई जैन गुरु मौजूद होंगे और वहां युवती को दीक्षा दी जाएगी.

आध्यात्म की राह चुनने वाली यतीशा ने कहा कि उनके माता-पिता के पास बहुत सारी जायदाद है, लेकिन वह उससे खुश नहीं हैं. इसलिए उन्होंने आध्यात्म के पथ पर चलने का फैसला किया.

रत्नागिरी : महाराष्ट्र के रत्नागिरी की रहने वाली 20 वर्षीय युवती यतीशा ने भौतिक सुख का त्याग कर जैन संन्यासी बनने का फैसला किया है. वह अपने माता-पिता की इकलौती पुत्री हैं. उन्होंने आध्यात्म का मार्ग चुना है.

युवती ने कई वस्तुएं गरीबों को दान की. बता दें कि सन्यास की राह आसान नहीं है. दीक्षा प्राप्त करने के बाद उन्हें बहुत ही मुश्किल जीवन व्यतीत करना पड़ता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

अगले वर्ष मार्च में एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जहां कई जैन गुरु मौजूद होंगे और वहां युवती को दीक्षा दी जाएगी.

आध्यात्म की राह चुनने वाली यतीशा ने कहा कि उनके माता-पिता के पास बहुत सारी जायदाद है, लेकिन वह उससे खुश नहीं हैं. इसलिए उन्होंने आध्यात्म के पथ पर चलने का फैसला किया.

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