हमर भाखा के मया में कवि कामता प्रसाद से सुनिए कहानी
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रायपुर : हम मनखे मन अपन काया उपर बड़ अभिमान करथन,लेकिन ये काया नश्वर है.एखर ऊपर भरोसा नहीं करे जा सके. ईटीवी भारत के खास कार्यक्रम हमर भाखा के मया म कवि कामता प्रसाद साहू ह यही मर्म ला अपन बेजोड़ अंदाज में पेश करत हवय. ये म कवि ह जिनगी के अलग अलग पड़ाव ल अपन गीत के माध्यम ले समझात हे, के कईसे जनम ले के बाद मनखे हा मोह माया म फंसत जाथे, लेकिन जब ये संसार ले जाथे त कुछु ले के नइ जाए, इंहां तक जेन शरीर ऊपर जिनगी भर अभिमान करथे तेनो ह इहें सिरा जाथे. जिनगी के मरम ल बड़ मार्मिक अंदाज म ये गीत पेश हे, मन लगाके सुनौव.