टी 90 भीष्म टैंक भारतीय सेना का है भरोसमंद साथी, न्यूक्लियर हमले में नहीं होता तबाह - Army Mela 2024
🎬 Watch Now: Feature Video
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Oct 5, 2024, 1:22 PM IST
|Updated : Oct 5, 2024, 3:02 PM IST
रायपुर: सशस्त्र सैन्य प्रदर्शनी में लोगों को जो सबसे ज्यादा आकर्षित कर रही है वो टी 90 भीष्म टैंक. टी 90 टैंक भारतीय सेना का आज भरोसेमंद साथी बन चुका है. टी 90 टैंक पहले रूस से भारत को मिला था. अब भारत में ही ये टैंक बनाया जा रहा है. टैंक की तो अपनी खासियत है कि इसके ऊपर लगा 125 एमएम का गन भी खास है. टी 90 टैंक रेगिस्तान में तेज रफ्तार से चलने में माहिर है. युद्ध के दौरान ये माइन के खतरे को भी समाप्त करता है. टैंक की जो सबसे बड़ी खासियत है वो है इसका फायर पावर. न्यूक्लियर हमले में भी टैंक को मामूली नकुसान हो सकता है. टैंक के भीतर बैठे लोग सुरक्षित रह सकते हैं. टैंक में एक बार में 1200 लीटर डीजल भरा जा सकता है. आसमान से आती मिसाइल को भी भेदने में ये टैंक पूरी तरह से सक्षम है. टारगेट हिट करने में ये 100 पर्सेंट कैपेबल है.
बीएमपी टू टैंक: सैन्य प्रदर्शनी में बीएमपी टू टैंक को भी शामिल किया गया है. साल 1985 में रूस से ये टैंक भारत ने लिया था. बीएमपी वन के बाद ये बीएमपी टू वर्जन टैंक है. इस टैंक की खासियत है कि ये पानी में नाव की तरह तैर सकती है. एक बार टैंक की टंकी फुल कर दी जाए तो ये 600 किलोमीटर तक का सफर आसानी से तय कर सकती है. बीएमपी टैंक 2.5 किमी दूर तक का निशाना आसानी से साध सकती है. टैंक में स्मोक सेल लगे हुए हैं. खतरे के वक्त खुद को दुश्मन से बचाने के लिए स्मोक बनाता है और धुएं में गुबार में खुद को छिपा लेता है. बीएमपी टैंक दुश्मनों पर काल बनकर टूटता है.