रायपुर: छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद रायपुर के सागौन बंगले में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था. इस दौरान उनके बेटे अमित जोगी ने अजीत जोगी के अंदाज में ही छतीसगढ़ी भाषा में दोहा पढ़कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर शहर की आम जनता के साथ प्रदेश की तमाम राजनीतिक पार्टियों के नेता मौजूद रहे.
दरअसल, अजीत जोगी हमेशा अपनी भाषण यानी छतीसगढ़ी भाषा में दोहा बोला करते थे. जिसपर श्रद्धांजलि सभा में अमित जोगी ने अपने पिता के आत्मा की शांति के दोहापारा कविता पढ़ी.
'बाघ बाघ कहत हे संगी बाघ कहा ले आए रे...
बाघ नंदागे छत्तीसगढ़ के, आंख से नीर बहाए रे'..
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अमित जोगी हुए भावुक
अमित ने पिता की यादें साझा करते हुए कहा, 'मैंने अपना पिता नहीं अपना दोस्त भी खोया है. एक ऐसे अजीज दोस्त जो मेरे साथ गप्पे मारते थे. रविवार को हम लोग चुपचाप पिकनिक मनाने निकल जाया करते थे, लेकिन आज आप मुझे छोड़कर बहुत दूर चले गए, केवल मेरे ही दोस्त नहीं वह पूरे छत्तीसगढ़ के दोस्त थे. मैं अपने आप को भाग्यशाली मानता हूं कि ईश्वर ने मुझे अजीत जोगी का बेटा बनाया. वह ऐसे महान व्यक्ति हैं जो केवल अपने बेटे को नहीं पूरे छत्तीसगढ़ के युवाओं को आने वाले पीढ़ियों को संपत्ति के तौर पर अपना पूरा जीवन एक सिख के रूप में देकर चले गए हैं'.
इस दौरान अमीत जोगी ने अजीत जोगी के लिए एक और कविता पढ़ी. जो कुछ इस तरह थी.
'हर पल में बसजाते हो, हर शब्द के बोर में आते हो पापा आप बहुत याद आते हो, यादों में समां जाते हो सब को रोता छोड़ जाते हो...पापा आप बहुत याद आते हो, छत्तीसगढ़ महतारी के कोरा मा फिर जन्म लेबे...जोगी अगोरा मा...'
इस प्रार्थना सभा में दिवंगत अजित जोगी की पत्नी रेणु जोगी, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, लोरमी विधायक धरमजीत सिंह के साथ तमाम कांग्रेस-बीजेपी की नेता मौजूद रहे.