दुर्ग: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लखनलाल मिश्र की प्रतिमा का अनावरण किया गया. कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि जब शराब घोटाला हुआ तब कवासी लखमा आबकारी मंत्री रहे. विजय शर्मा ने कहा कि भूपेश बघेल की सरकार में ये घोटाला हुआ. शर्मा ने कहा कि जैसा कि कवासी लखमा कह रहा है उससे तो ये लगता है कि उनको जान बूझकर, भोला भाला आदिवास समझकर फंसाया गया है. विजय शर्मा ने कहा कि शराब घोटाला भयंकर घोटाला है.
''घोटालों में घिरी रही कांग्रेस की सरकार'': विजय शर्मा ने कहा कि जब से विष्णु देव साय की सरकार बनी है पूरी प्रक्रिया को हमने छुआ तक नहीं है, चिमटी से पकड़कर हमने फेंक दिया है. कांग्रेस के नेता और अधिकारी घोटाले में जेल की हवा खा रहे हैं. इनके वक्त में पीएससी घोटाला हुआ उस प्रक्रिया को अब हम ठीक कर रहे हैं. विजय शर्मा ने कहा कि मुझे तो ऐसा लगता है कि कांग्रेस ने कवासी लखमा को मोहरा बनाया है.
लखनलाल मिश्र की प्रतिमा का अनावरण: रविवार को डिप्टी सीएम विजय शर्मा और विधानसभा अध्यक्ष विजय बघेल के साथ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे. रमन सिंह और विजय शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के शासन काल में ही प्रतिमा बन चुकी थी लेकिन कांग्रेस ने इसका अनावरण नहीं होने दिया. रमन सिंह ने कहा कि मेरे शासनकाल में मूर्ति लगाने का फैसला लिया गया था.
कौन थे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लखनलाल मिश्र: लखनलाल मिश्र ब्रिटिश पुलिस में अफसर थे. इतने बड़े पद में रहते हुए भी उन्होंने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी. देश की आजादी के लिए ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आंदोलन किया. वो ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे जिनके किस्से सुनकर खुद महात्मा गांधी ने उनकी तारीफ की थी. 15 दिसंबर 1945 में देश में अंग्रेजो भारत छोड़ो आंदोलन जोरों पर था। तब के छत्तीसगढ़ के इलाके में आरके पाटिल नाम के अधिकारी का दबदबा हुआ करता था. बाद में वो नौकरी छोड़कर स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो चुके थे. आजादी के आंदोलन के इस क्षेत्र के बड़े नेता थे. वो दुर्ग आने वाले थे. उनके स्वागत में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उमड़ पड़े. उस समय दुर्ग के कोतवाली थाने में पुलिस अफसर लखनलाल मिश्रा पदस्थ थे. ब्रिटिश पुलिस के अधिकारी मिश्र को अंग्रेजों ने हुक्म दिया कि भीड़ को संभालना है. उनकी ड्यूटी स्टेशन में लगाई गई. उन्हें आर्डर मिले थे कि हंगामा होने या भारत माता के नारे लगाने वालों पर सख्त कार्रवाई करें. लेकिन पुलिस स्टेशन में इससे उलट हुआ. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी से सूत की माला लेकर लखनलाल मिश्रा ने खुद वो माला आरके पाटिल को पहनाई. ब्रिटिश यूनिफॉर्म में ही भारत माता की जय के नारे लगाए. महात्मा गांधी के जय के नारे लगाए.