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बीजापुर मुठभेड़ ग्राउंड जीरो रिपोर्ट: इंद्रावती टाइगर रिजर्व में जिस पहाड़ी पर नक्सलियों का था कैंप, वहां पहुंचा ETV भारत - BIJAPUR ENCOUNTER GROUND REPORT

बीजापुर में अन्नापुर और बड़े काकलेर के जंगल में साल 2025 के अब तक के सबसे बड़े नक्सल एनकाउंटर की ग्राउंड रिपोर्ट जानिए.

Bijapur Encounter Ground Report
बीजापुर मुठभेड़ की ग्राउंड रिपोर्ट (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 14, 2025, 4:28 PM IST

बीजापुर: 9 फरवरी को बीजापुर जिले में जवानों ने साल 2025 के सबसे बड़े नक्सली अभियान को अंजाम दिया. इस नक्सली मुठभेड़ में जवानों ने 31 माओवादियों को मार गिराया. 2 जवान शहीद और 2 जवान घायल हुए. इस घटना की ग्राउंड रिपोर्टिंग करने के लिए ETV भारत की टीम जगदलपुर से लगभग 250 किलोमीटर दूर बीजापुर जिले में इंद्रावती टाइगर रिजर्व के अन्नापुर और बड़े काकलेर के जंगल पहुंची.

नक्सलियों के कोर एरिया में ETV भारत: मुठभेड़ स्थल पहुंचने के लिए 200 किलोमीटर चारपहिया वाहन, उसके बाद 45 किलोमीटर 2 पहिया वाहन और 5 किलोमीटर पैदल सफर का रास्ता तय करना पड़ा. इस दौरान कई छोटे बड़े नदी नालों को भी पार करना पड़ा.

मुठभेड़ के दौरान का जिंदा कारतूस (ETV Bharat Chhattisgarh)
Bijapur Encounter Ground Report
मुठभेड़ के दौरान का जिंदा कारतूस (ETV Bharat Chhattisgarh)

इंद्रावती टाइगर रिजर्व का अन्नापुर और बड़े काकलेर नक्सलियों का कोर एरिया (नक्सलियों का सुरक्षित स्थान) माना जाता है. इसी जंगल में एक बड़ी पहाड़ी के ऊपर नक्सलियों ने अपना अस्थायी कैंप बनाया था. यह पहाड़ पूरी तरह बड़े बड़े चट्टानों से घिरा हुआ है.

Bijapur Encounter Ground Report
मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन के दौरान जवानों ने नक्सल सामग्री नष्ट की (ETV Bharat Chhattisgarh)

बीजापुर एनकाउंटर की ग्राउंड रिपोर्ट: ETV भारत जब पहाड़ के पास पहुंचा तो ऊपर पहुंचने के लिए खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ी. इसी पहाड़ी पर काफी संख्या में नक्सली टैंट लगाकर रह रहे थे. 9 फरवरी को ऑपरेशन के लिए सुरक्षा बलों के जवान देर रात ही टाइगर रिजर्व के जंगल पहुंच गए थे. लगभग 600 की संख्या में एसटीएफ, डीआरजी और बस्तर फाइटर्स के जवानों ने सुबह लगभग 8 बजे पहाड़ी को घेर लिया और धीरे धीरे पहाड़ी पर ऊपर चढ़ने लगे. पहाड़ी सीधी थी, जिससे जवानों को ऊपर चढ़ने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा. लेकिन किसी तरह जवान आधी पहाड़ी तक चढ़ गए. इसी दौरान नक्सलियों को फोर्स पहुंचने की भनक लग गई और उन्होंने गोली बारी शुरू कर दी.

Bijapur Encounter Ground Report
बीजापुर एनकाउंटर में इस्तेमाल लॉन्चर (ETV Bharat Chhattisgarh)

घटनास्थल पर मिली खून से सनी वर्दी और जूते: मुठभेड़ के शुरू में ही नक्सलियों की गोली लगने से दो जवान घायल हो गए. गंभीर होने के बाद उन्हें प्राथमिक उपचार घटना स्थल पर ही दिया गया. मौके पर मिले जवानों की वर्दी, जूते और इंजेक्शन से इस बात का खुलासा हुआ. नक्सलियों की गोली से जवानों के घायल होने के बाद साथी जवानों ने उन्हें इंजेक्शन लगाया.

Bijapur Encounter Ground Report
अन्नापुर और बड़े काकलेर के जंगल में मुठभेड़ (ETV Bharat Chhattisgarh)
Bijapur Encounter Ground Report
नक्सलियों के स्मारक (ETV Bharat Chhattisgarh)

गोली लगने के कारण खून से लथपथ जवान की वर्दी का साक्ष्य घटना स्थल पर मौजूद है. इसके साथ ही दूसरे स्पॉट पर एक और जवान का जूता मिला. उस जगह से लगे हुए चट्टानों पर खून के बड़े बड़े धब्बे नजर आए. इससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि गंभीर घायल दोनों जवानों का काफी खून बह गया और वे शहीद हो गए. लेकिन जवानों का हौसला नहीं टूटा और 1 घंटे में ही 31 नक्सलियों को मार गिराया. जिनमें 11 महिला नक्सली और 20 पुरुष माओवादी थे. इस एनकाउंटर में टॉप नक्सली हुंगा कर्मा भी ढेर हुआ है.

Bijapur Encounter Ground Report
मौके से मिली नक्सली सामग्री और साहित्य (ETV Bharat Chhattisgarh)

पहाड़ी पर मिला नक्सलियों के नष्ट किए सामान का सबूत: ETV भारत की टीम पहाड़ी पर कुछ और आगे बढ़ी तो नक्सलियों के कपड़े, उनके रोजमर्रा के उपयोग में आने वाला सामान, दवाइयां पड़ी हुई मिली. जिन्हें सर्च ऑपरेशन के दौरान जवानों ने नष्ट किया था. आगे बढ़ते ही जिंदा लोहे का कारतूस दिखा. जिसमें बारूद भरा हुआ था, साथ ही फटे हुए लोहे के कारतूस और बड़े हथियार के कारतूस भी देखे गए. कुछ और आगे बढ़ने पर ग्लूकोज बॉटल मिली, जिसका इस्तेमाल किया गया था. वहीं पास ही जवानों ने माओवादियों के कैंप को नष्ट कर उनका सामान आग के हवाले किया था, जिसके सबूत मिले. नक्सलियों के सामान में दवाइयों से भरे बैग को भी नष्ट किया गया था, मौके पर कई अलग अलग दवाइयां बिखरी पड़ी मिलीं. वहीं पर नक्सलियों के दस्तावेज भी मिले, जिनमें नक्सलियों के कमांडर्स के बारे में जानकारी है. मुठभेड़ खत्म होने के बाद जवानों ने आसपास से लड़कियों को काटा और उनके शव को लेकर 1 किलोमीटर दूर मैदानी इलाके में पहुंचाया, जहां पेड़ों की संख्या काफी कम थी.

Bijapur Encounter Ground Report
इन लकड़ियों के सहारे शवों को हेलीकॉप्टर तक लाया गया (ETV Bharat Chhattisgarh)

जंगल में पेड़ों को काटकर जवानों ने बनाया मैदान: पहाड़ी से नीचे उतरने के बाद ETV भारत उस जगह पर भी पहुंचा, जहां जवानों ने एक बड़े क्षेत्र में लगभग 20 से 25 पेड़ों को काटकर मैदान बनाया. मुठभेड़ के बाद नक्सलियों के शवों, शहीद जवानों के शव और ऑपरेशन में शामिल जवानों को ले जाने इसी जगह पर इंडियन एयरफोर्स का हेलीकॉप्टर उतरा था. कुछ जवान यहां मैदान बना रहे थे, जबकि दूसरे जवान छोटी छोटी लकड़ियों के सहारे नक्सलयों के शवों को उस जगह पर लेकर पहुंचे थे. उस मैदान में कई लकड़ियां रखी हुई थी. सभी मारे गए नक्सलियों के शवों को लेकर वहां पहुंचने के बाद इंडियन एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर MI-17 को आग जलाकर संकेत दिया गया, जिसके बाद हेलीकॉप्टर मैदान में उतरा. इसमें घायल जवानों और शव को डालकर भेजा गया. हेलीकॉप्टर उतरने के साक्ष्य और शव को लाने के साक्ष्य भी मौजूद हैं. साथ ही उसी जगह पर जिंदा BGL का सेल भी पड़ा हुआ मिला. निचले इलाके में भी पत्थरों से बनाए गए मोर्चों का इस्तेमाल इस मुठभेड़ में किया गया.

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नक्सलियों के कोर एरिया में ETV भारत: मुठभेड़ स्थल पहुंचने के लिए 200 किलोमीटर चारपहिया वाहन, उसके बाद 45 किलोमीटर 2 पहिया वाहन और 5 किलोमीटर पैदल सफर का रास्ता तय करना पड़ा. इस दौरान कई छोटे बड़े नदी नालों को भी पार करना पड़ा.

मुठभेड़ के दौरान का जिंदा कारतूस (ETV Bharat Chhattisgarh)
Bijapur Encounter Ground Report
मुठभेड़ के दौरान का जिंदा कारतूस (ETV Bharat Chhattisgarh)

इंद्रावती टाइगर रिजर्व का अन्नापुर और बड़े काकलेर नक्सलियों का कोर एरिया (नक्सलियों का सुरक्षित स्थान) माना जाता है. इसी जंगल में एक बड़ी पहाड़ी के ऊपर नक्सलियों ने अपना अस्थायी कैंप बनाया था. यह पहाड़ पूरी तरह बड़े बड़े चट्टानों से घिरा हुआ है.

Bijapur Encounter Ground Report
मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन के दौरान जवानों ने नक्सल सामग्री नष्ट की (ETV Bharat Chhattisgarh)

बीजापुर एनकाउंटर की ग्राउंड रिपोर्ट: ETV भारत जब पहाड़ के पास पहुंचा तो ऊपर पहुंचने के लिए खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ी. इसी पहाड़ी पर काफी संख्या में नक्सली टैंट लगाकर रह रहे थे. 9 फरवरी को ऑपरेशन के लिए सुरक्षा बलों के जवान देर रात ही टाइगर रिजर्व के जंगल पहुंच गए थे. लगभग 600 की संख्या में एसटीएफ, डीआरजी और बस्तर फाइटर्स के जवानों ने सुबह लगभग 8 बजे पहाड़ी को घेर लिया और धीरे धीरे पहाड़ी पर ऊपर चढ़ने लगे. पहाड़ी सीधी थी, जिससे जवानों को ऊपर चढ़ने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा. लेकिन किसी तरह जवान आधी पहाड़ी तक चढ़ गए. इसी दौरान नक्सलियों को फोर्स पहुंचने की भनक लग गई और उन्होंने गोली बारी शुरू कर दी.

Bijapur Encounter Ground Report
बीजापुर एनकाउंटर में इस्तेमाल लॉन्चर (ETV Bharat Chhattisgarh)

घटनास्थल पर मिली खून से सनी वर्दी और जूते: मुठभेड़ के शुरू में ही नक्सलियों की गोली लगने से दो जवान घायल हो गए. गंभीर होने के बाद उन्हें प्राथमिक उपचार घटना स्थल पर ही दिया गया. मौके पर मिले जवानों की वर्दी, जूते और इंजेक्शन से इस बात का खुलासा हुआ. नक्सलियों की गोली से जवानों के घायल होने के बाद साथी जवानों ने उन्हें इंजेक्शन लगाया.

Bijapur Encounter Ground Report
अन्नापुर और बड़े काकलेर के जंगल में मुठभेड़ (ETV Bharat Chhattisgarh)
Bijapur Encounter Ground Report
नक्सलियों के स्मारक (ETV Bharat Chhattisgarh)

गोली लगने के कारण खून से लथपथ जवान की वर्दी का साक्ष्य घटना स्थल पर मौजूद है. इसके साथ ही दूसरे स्पॉट पर एक और जवान का जूता मिला. उस जगह से लगे हुए चट्टानों पर खून के बड़े बड़े धब्बे नजर आए. इससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि गंभीर घायल दोनों जवानों का काफी खून बह गया और वे शहीद हो गए. लेकिन जवानों का हौसला नहीं टूटा और 1 घंटे में ही 31 नक्सलियों को मार गिराया. जिनमें 11 महिला नक्सली और 20 पुरुष माओवादी थे. इस एनकाउंटर में टॉप नक्सली हुंगा कर्मा भी ढेर हुआ है.

Bijapur Encounter Ground Report
मौके से मिली नक्सली सामग्री और साहित्य (ETV Bharat Chhattisgarh)

पहाड़ी पर मिला नक्सलियों के नष्ट किए सामान का सबूत: ETV भारत की टीम पहाड़ी पर कुछ और आगे बढ़ी तो नक्सलियों के कपड़े, उनके रोजमर्रा के उपयोग में आने वाला सामान, दवाइयां पड़ी हुई मिली. जिन्हें सर्च ऑपरेशन के दौरान जवानों ने नष्ट किया था. आगे बढ़ते ही जिंदा लोहे का कारतूस दिखा. जिसमें बारूद भरा हुआ था, साथ ही फटे हुए लोहे के कारतूस और बड़े हथियार के कारतूस भी देखे गए. कुछ और आगे बढ़ने पर ग्लूकोज बॉटल मिली, जिसका इस्तेमाल किया गया था. वहीं पास ही जवानों ने माओवादियों के कैंप को नष्ट कर उनका सामान आग के हवाले किया था, जिसके सबूत मिले. नक्सलियों के सामान में दवाइयों से भरे बैग को भी नष्ट किया गया था, मौके पर कई अलग अलग दवाइयां बिखरी पड़ी मिलीं. वहीं पर नक्सलियों के दस्तावेज भी मिले, जिनमें नक्सलियों के कमांडर्स के बारे में जानकारी है. मुठभेड़ खत्म होने के बाद जवानों ने आसपास से लड़कियों को काटा और उनके शव को लेकर 1 किलोमीटर दूर मैदानी इलाके में पहुंचाया, जहां पेड़ों की संख्या काफी कम थी.

Bijapur Encounter Ground Report
इन लकड़ियों के सहारे शवों को हेलीकॉप्टर तक लाया गया (ETV Bharat Chhattisgarh)

जंगल में पेड़ों को काटकर जवानों ने बनाया मैदान: पहाड़ी से नीचे उतरने के बाद ETV भारत उस जगह पर भी पहुंचा, जहां जवानों ने एक बड़े क्षेत्र में लगभग 20 से 25 पेड़ों को काटकर मैदान बनाया. मुठभेड़ के बाद नक्सलियों के शवों, शहीद जवानों के शव और ऑपरेशन में शामिल जवानों को ले जाने इसी जगह पर इंडियन एयरफोर्स का हेलीकॉप्टर उतरा था. कुछ जवान यहां मैदान बना रहे थे, जबकि दूसरे जवान छोटी छोटी लकड़ियों के सहारे नक्सलयों के शवों को उस जगह पर लेकर पहुंचे थे. उस मैदान में कई लकड़ियां रखी हुई थी. सभी मारे गए नक्सलियों के शवों को लेकर वहां पहुंचने के बाद इंडियन एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर MI-17 को आग जलाकर संकेत दिया गया, जिसके बाद हेलीकॉप्टर मैदान में उतरा. इसमें घायल जवानों और शव को डालकर भेजा गया. हेलीकॉप्टर उतरने के साक्ष्य और शव को लाने के साक्ष्य भी मौजूद हैं. साथ ही उसी जगह पर जिंदा BGL का सेल भी पड़ा हुआ मिला. निचले इलाके में भी पत्थरों से बनाए गए मोर्चों का इस्तेमाल इस मुठभेड़ में किया गया.

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