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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से निलंबित आईपीएस जीपी सिंह को सशर्त जमानत मिली - रायपुर सेंट्रल जेल में बंद निलंबित आईपीएस

रायपुर सेंट्रल जेल में बंद निलंबित आईपीएस जीपी सिंह (Suspended IPS GP Singh ) को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई है. निलंबित एडीजी राजद्रोह के अलावा आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप झेल रहे हैं. वे 120 दिनों से जेल में हैं.

Suspended IPS GP Singh gets conditional bail
निलंबित आईपीएस जीपी सिंह को सशर्त जमानत
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Published : May 12, 2022, 6:55 PM IST

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के हाई प्रोफाइल मामले में निलंबित आईपीएस जीपी सिंह (Suspended IPS GP Singh) को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई. कोर्ट ने सुनवाई के बाद जमानत की मांग को स्वीकार कर लिया है. कोर्ट ने जीपी सिंह को सशर्त जमानत दी है. जमानत के बाद जीपी सिंह को राहत मिल गई है. आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार निलंबित आईपीएस जीपी सिंह की जमानत याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को जमानत याचिका पर फिर से सुनवाई करने का आदेश दिया था.

जीपी सिंह को सशर्त जमानत: जीपी सिंह गिरफ्तारी के बाद करीब 120 दिन से जेल में बंद हैं. हालांकि अब उन्हें सशर्त जमानत मिलने से राहत मिल गई है. गुरुवार को सुनवाई के दौरान जीपी सिंह के वकील आशुतोष पांडेय ने उनके खिलाफ FIR दर्ज करने से लेकर गिरफ्तारी पर सवाल उठाए. आशुतोष पांडेय ने कहा कि प्रदेश के एक सीनियर IPS को नियम विरुद्ध तरीके से केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया. किसी भी IPS अफसर के खिलाफ केस दर्ज करने से पहले केंद्र सरकार से अनुमति लेना जरूरी है लेकिन जीपी सिंह के मामले में ऐसा नहीं किया गया.

जमानत के लिए वकील का तर्क : जमानत याचिका में जीपी सिंह के वकील ने तर्क दिया कि ''ईओडब्ल्यू जांच पूरी हो गई है. जिसके बाद कोर्ट में चार्जशीट भी पेश कर दिया गया है. मामले में अभी ट्रायल शुरू नहीं हुआ है. फिर भी उन्हें जेल में रखा गया है. इन परिस्थितियों में जमानत उनका अधिकार है. याचिका में कहा गया है कि जीपी सिंह अपनी गिरफ्तारी से पूर्व ही ईओडब्ल्यू की सभी नोटिस का जवाब दे चुके हैं. ईओडब्ल्यू ने आय से अधिक संपत्ति का मामला बनाया है, उसमें उन्हें अपनी संपत्ति का ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए मौका नहीं दिया गया है, जो संविधान की अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है.''

कब हुए जीपी सिंह गिरफ्तार : फरार जीपी सिंह को 11 जनवरी के दिन ईओडब्ल्यू की टीम ने नोएडा से गिरफ्तार किया (Suspended IPS GP Singh was arrested by EOW) था. इसके बाद जीपी सिंह को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर रखा गया था. 18 जनवरी को जीपी सिंह विशेष अदालत में पेश किए गए. तब से लेकर आज तक जीपी सिंह जेल में ही हैं. निचली अदालत से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उनके वकील आशुतोष पांडेय ने हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाई. इस दौरान जमानत देने के लिए उन्होंने अंतरिम राहत की मांग की थी, जिसे हाईकोर्ट ने ठुकरा दिया था. इसके साथ ही जस्टिस दीपक तिवारी ने जमानत पर नंबर आने पर ही सुनवाई करने के निर्देश दिए थे. तब से उनकी जमानत पर सुनवाई हाईकोर्ट में लंबित थी.

क्यों हुए जीपी सिंह गिरफ्तार : आईपीएस जीपी सिंह के ठिकाने पर एक जुलाई को एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीमों ने रायपुर, राजनांदगांव और ओडिशा में एक साथ छापा मारा था. जीपी सिंह पर एफआईआर दर्ज की गई. दिन भर की जांच के बाद पांच करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ. 10 करोड़ की संपत्ति मिलने और इसके बढ़ने की आधिकारिक जानकारी दी गई. रायपुर में एक युवक से मारपीट, भिलाई में सरेंडर करने वाले नक्सल कमांडर से रुपयों का लेन-देन, रायपुर में एक केस में आरोपित की मदद का आरोप जीपी सिंह पर लगा. इसके साथ ही जीपी सिंह के घर से कुछ डायरियां भी मिली. जिसमे सरकार के खिलाफ साजिश रचने के संकेत मिले थे. जिसके बाद जीपी सिंह को निलंबित किया गया और केस रजिस्टर्ड हुआ.

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के हाई प्रोफाइल मामले में निलंबित आईपीएस जीपी सिंह (Suspended IPS GP Singh) को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई. कोर्ट ने सुनवाई के बाद जमानत की मांग को स्वीकार कर लिया है. कोर्ट ने जीपी सिंह को सशर्त जमानत दी है. जमानत के बाद जीपी सिंह को राहत मिल गई है. आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार निलंबित आईपीएस जीपी सिंह की जमानत याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को जमानत याचिका पर फिर से सुनवाई करने का आदेश दिया था.

जीपी सिंह को सशर्त जमानत: जीपी सिंह गिरफ्तारी के बाद करीब 120 दिन से जेल में बंद हैं. हालांकि अब उन्हें सशर्त जमानत मिलने से राहत मिल गई है. गुरुवार को सुनवाई के दौरान जीपी सिंह के वकील आशुतोष पांडेय ने उनके खिलाफ FIR दर्ज करने से लेकर गिरफ्तारी पर सवाल उठाए. आशुतोष पांडेय ने कहा कि प्रदेश के एक सीनियर IPS को नियम विरुद्ध तरीके से केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया. किसी भी IPS अफसर के खिलाफ केस दर्ज करने से पहले केंद्र सरकार से अनुमति लेना जरूरी है लेकिन जीपी सिंह के मामले में ऐसा नहीं किया गया.

जमानत के लिए वकील का तर्क : जमानत याचिका में जीपी सिंह के वकील ने तर्क दिया कि ''ईओडब्ल्यू जांच पूरी हो गई है. जिसके बाद कोर्ट में चार्जशीट भी पेश कर दिया गया है. मामले में अभी ट्रायल शुरू नहीं हुआ है. फिर भी उन्हें जेल में रखा गया है. इन परिस्थितियों में जमानत उनका अधिकार है. याचिका में कहा गया है कि जीपी सिंह अपनी गिरफ्तारी से पूर्व ही ईओडब्ल्यू की सभी नोटिस का जवाब दे चुके हैं. ईओडब्ल्यू ने आय से अधिक संपत्ति का मामला बनाया है, उसमें उन्हें अपनी संपत्ति का ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए मौका नहीं दिया गया है, जो संविधान की अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है.''

कब हुए जीपी सिंह गिरफ्तार : फरार जीपी सिंह को 11 जनवरी के दिन ईओडब्ल्यू की टीम ने नोएडा से गिरफ्तार किया (Suspended IPS GP Singh was arrested by EOW) था. इसके बाद जीपी सिंह को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर रखा गया था. 18 जनवरी को जीपी सिंह विशेष अदालत में पेश किए गए. तब से लेकर आज तक जीपी सिंह जेल में ही हैं. निचली अदालत से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उनके वकील आशुतोष पांडेय ने हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाई. इस दौरान जमानत देने के लिए उन्होंने अंतरिम राहत की मांग की थी, जिसे हाईकोर्ट ने ठुकरा दिया था. इसके साथ ही जस्टिस दीपक तिवारी ने जमानत पर नंबर आने पर ही सुनवाई करने के निर्देश दिए थे. तब से उनकी जमानत पर सुनवाई हाईकोर्ट में लंबित थी.

क्यों हुए जीपी सिंह गिरफ्तार : आईपीएस जीपी सिंह के ठिकाने पर एक जुलाई को एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीमों ने रायपुर, राजनांदगांव और ओडिशा में एक साथ छापा मारा था. जीपी सिंह पर एफआईआर दर्ज की गई. दिन भर की जांच के बाद पांच करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ. 10 करोड़ की संपत्ति मिलने और इसके बढ़ने की आधिकारिक जानकारी दी गई. रायपुर में एक युवक से मारपीट, भिलाई में सरेंडर करने वाले नक्सल कमांडर से रुपयों का लेन-देन, रायपुर में एक केस में आरोपित की मदद का आरोप जीपी सिंह पर लगा. इसके साथ ही जीपी सिंह के घर से कुछ डायरियां भी मिली. जिसमे सरकार के खिलाफ साजिश रचने के संकेत मिले थे. जिसके बाद जीपी सिंह को निलंबित किया गया और केस रजिस्टर्ड हुआ.

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