विनिवेश और निजीकरण के दौर में खत्म हो जाएगा आरक्षण!
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बिहार की राजनीति आरक्षण के इर्द-गिर्द घूमती रही है. मंडल और कमंडल ने राजनीति की दशा और दिशा बदली आरक्षण की सियासत ने कई नेताओं को सत्ता के सिर पर पहुंचाया. निजीकरण और विनिवेश के इस दौर में एक बार फिर आरक्षण का मुद्दा सियासत का हथकंडा बन गया है. देश में बड़े पैमाने पर सरकारी कंपनियों का निजीकरण और विनिवेश हो रहा है. फिलहाल साढे 49.5 प्रतिशत आरक्षित श्रेणी के लोग नौकरियों में हैं. लेकिन निजीकरण के बाद स्थिति क्या बनेगी इसे लेकर सियासत शुरू हो गई है. सवाल यह उठ रहा है कि क्या एससी एसटी और ओबीसी को मिलने वाले हजारों नौकरियां खत्म हो जाएंगे.