ग्राउंड रिपोर्टः बाढ़ पीड़ितों का हाल देखिए सरकार, घोंघा-सितुआ खाकर बुझा रहे 'पेट की आग'
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'न चावल है न दाल, न आटा है न आलू, क्या खाएं, घोंघा-सितुआ खा कर ही बाल-बच्चों को किसी तरह जिंदा रख रहे हैं कोई सहारा नहीं है हमारा'.. ये शब्द जिले के बाढ़ प्रभावित लोगों के हैं. जो सरकार से मदद की आस लगाए बैठे हैं, लेकिन उन तक कोई मदद नहीं पहुंच रही है. बच्चे हो या बुजुर्ग सभी दाने दाने को मेहताज हो गए हैं. ईटीवी भारत लगातार बाढ़ की स्थिति पर ग्राउंड रिपोर्ट दे रहा है. हमारे संवाददाता जब बहादुरपुर ब्लॉक के छपरार गांव पहुंचे तो वहां बांध पर शरण लिए बाढ़ पीड़ितों के दर्द ठलक उठे. जिले के 18 में से 15 प्रखंडों की 20 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. सरकार बाढ़ पीड़ितों के मदद के दावे कर रही है, लेकिन जरूरतमंद लोगों तक सहायता नहीं पहुंच पा रही है.