AES से लड़ने के लिए तैयार है ANMMCH, बनाया गया 10 बेड का स्पेशल वार्ड
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बिहार में मानसून के पहले एईएस(चमकी बुखार) कहर बरपाने लगती है. बिहार में मुजफ्फरपुर के बाद जापानी बुखार का गया दूसरा सबसे बड़ा क्लस्टर है. गया में जापानी इंसेफलाइटिस (जेई) और अक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रॉम(एईएस ) से मरने वाली की संख्या सबसे अधिक है. मगध क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जेई और एईएस को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है. मुजफ्फरपुर में एईएस का कहर शुरू हो गया है. इस साल भी एईएस से कई बच्चों की मौत हो रही है. अस्पताल में जेई और एईएस के लिए स्पेशल वार्ड बनाया गया है. इस संबंध में अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विजय कृष्ण प्रसाद ने बताया कि जेई और एईएस के लिए 10 बेड का स्पेशल वार्ड बनाया गया है. मरीजो की संख्या बढ़ने पर बेडों की संख्या बढ़ाई जाएगी.