Bihar Politics: जातीय जनगणना में जातियों के कोड को लेकर बयानबाजी, नेताओं दी अपनी प्रतिक्रिया
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पटना: बिहार में जातीय जनगणना (Caste Census In Bihar) के दूसरे चरण की शुरुआत 15 अप्रैल से हो रही है. 215 जातियों की गिनती की जाएगी और उसके लिए कोड तैयार किया गया है. जातीय कोड जारी करने पर बीजेपी सरकार पर हमलावर हो गई है. पूर्व मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि हम हिंदू हैं, उसके अलावा हमें कुछ नहीं मालूम. जातीय संख्या जारी करना बिल्कुल गलत है. तेजस्वी यादव की ओर से यह कहने पर कि पूरे देश में जातीय जनगणना होनी चाहिए. बीजेपी विधायक प्रमोद कुमार ने कहा पहले उनको अपने परिवार के बारे में सूचना चाहिए. बीजेपी विधायक प्रमोद कुमार ने बिहार शरीफ और सासाराम की घटना की न्यायिक जांच की मांग भी की. वहीं, बीजेपी विधायक हरी भूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि मुस्लिम तुष्टिकरण नीति से अधिक से अधिक वोट प्राप्त करने में सरकार लगी है. सरकार कितनी संवेदनशील है इसका उदाहरण बिहार शरीफ और सासाराम की घटना के बीच सीएम नीतीश कुमार का दावते इफ्तार में जाना दिखाता है. लाखों वर्ष की जातीय व्यवस्था को कोड में बांटना दुखद है. बीजेपी के द्वारा जातीय कोड पर सवाल उठाने के बाद राजद एमएलए राहुल तिवारी ने कहा कि इस कोड को इसलिए जारी किया गया है क्योंकि सरकारी दस्तावेज में इसे जोड़ा जा सके और उसी के आधार पर सर्वे हो. वहीं आरजेडी विधायक भाई बिरेंद्र ने कहा कि मुझे जानकारी नहीं है. किस तरह का कोड जाति जनगणना के लिए जारी हुआ है. हम लोग तो श्री कृष्ण वंशी और यदुवंशी है. वहीं कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि हिंसा सिर्फ सासाराम और बिहारशरीफ में हुआ क्या रामनवमी सिर्फ इन्हीं दो जगहों पर था या फिर इन्हीं दो जगह पर अमित शाह को आना था. इसलिए ऐसा हुआ, घटना में लोकल आदमी नहीं थे. बाहरी आदमी ने घटना को अंजाम दिया. जातीय कोडिंग जारी करने पर कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि यह एक क्रमांक है. उससे जातियों को जोड़ना ठीक नहीं है. यह जानने के लिए है किस जाति के लोगों की कैसे गणना होगी.