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कुकिंग ऑयल में मरा हुआ चूहा, कश्मीर में स्ट्रीट फूड की स्वच्छता को लेकर बढ़ी चिंता - FOOD SAFETY IN KASHMIR

श्रीनगर में एक फूड स्टॉल पर कुकिंग ऑयल में मरा हुआ चूहा मिलने का वीडियो सामने आने के बाद कश्मीर में खाद्य पदार्थों की स्वच्छता को लेकर चिंता बढ़ गई है. श्रीनगर से मुअज्जम मोहम्मद की रिपोर्ट.

dead mouse in cooking oil sparked concerns over kashmir food safety regulations and hygiene
कश्मीर में खाद्य पदार्थों की स्वच्छता को लेकर चिंता बढ़ी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 5, 2025, 10:56 PM IST

श्रीनगर: पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में हजरतबल दरगाह के बाहर एक स्ट्रीट वेंडर द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले खाना पकाने के तेल के डिब्बे में मरा हुआ चूहा तैरता हुआ दिखाई दिया था. यह चौंकाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद कश्मीर में खाद्य सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. हालांकि, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उस वेंडर को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इस घटना ने पूरे क्षेत्र में खाद्य पदार्थों को लेकर आशंकाओं को बढ़ा दिया है.

कश्मीर में स्ट्रीट फूड मुख्य व्यंजन है, जिसमें कुरकुरे नदरू मोंजे (nadru monje) से लेकर चटपटे बारबेक्यू तक सब कुछ मिलता है. लेकिन ये झटपट बनने वाले, किफायती भोजन भले ही लुभावने हों, लेकिन इनमें अक्सर स्वास्थ्य संबंधी जोखिम भी होते हैं. खाद्य पदार्थों से होने वाली बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं और विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि खराब स्वच्छता और लापरवाही इसके लिए जिम्मेदार हैं.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर औषधि एवं खाद्य नियंत्रण संगठन के तहत घाटी में 14,000 से अधिक पंजीकृत खाद्य प्रतिष्ठान हैं. इसमें स्ट्रीट वेंडर भी शामिल हैं, जो आधार कार्ड, एक फोटो और एक ऑनलाइन आवेदन जैसी न्यूनतम औपचारिकताओं के साथ भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) से लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं.

कश्मीर में खाद्य पदार्थों की स्वच्छता को लेकर चिंता बढ़ी
कश्मीर में खाद्य पदार्थों की स्वच्छता को लेकर चिंता बढ़ी (ETV Bharat)

बढ़ती बेरोजगारी के बीच इन विक्रेताओं की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन खाद्य सुरक्षा नियम कमजोर बने हुए हैं और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक प्रथाओं को पनपने की अनुमति दे रहे हैं. दरगाह हजरतबल में कई स्टॉल अस्वास्थ्यकर हालात में संचालित होते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों का सामना करना पड़ता है.

खाद्य एवं सुरक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन विक्रेताओं को स्टॉल लगाने की अनुमति देने के लिए जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड ने उनसे परामर्श नहीं किया था.

स्वास्थ्य सुरक्षा जोखिमों के बावजूद बारबेक्यू स्टॉल पर उमड़ रही भीड़
स्वास्थ्य सुरक्षा जोखिमों के बावजूद बारबेक्यू स्टॉल पर उमड़ रही भीड़ (ETV Bharat)

गैस्ट्रोएंटेराइटिस और अन्य संक्रमणों के केस में वृद्धि

पूरे कश्मीर में डॉक्टरों के पास दूषित भोजन से जुड़े गैस्ट्रोएंटेराइटिस और अन्य संक्रमणों के केस में वृद्धि हुई है.

श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में सामुदायिक चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष और प्रोफेसर डॉ. एस मुहम्मद सलीम खान इसके लिए खराब स्वच्छता को जिम्मेदार ठहराते हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि नियमों पर सख्ती से अमल और लोगों में अधिक जागरूकता जरूरी है. डॉ. खान इस बात पर जोर देते हैं कि खाने से पहले हाथ धोने जैसी स्वच्छता खाद्य पदार्थों से होने वाली बीमारियों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

कश्मीर में खाद्य पदार्थों की स्वच्छता को लेकर चिंता बढ़ी
कश्मीर में खाद्य पदार्थों की स्वच्छता को लेकर चिंता बढ़ी (ETV Bharat)

खुले में बिक रहा मटन

मगर समस्या स्ट्रीट फूड से आगे तक फैली हुई है. कश्मीरी व्यंजनों में मुख्य रूप से शामिल मटन की मांग बहुत ज्यादा है, क्योंकि इस क्षेत्र से सालाना लगभग 20 लाख भेड़ों का आयात किया जाता है, जिसका व्यापार 350 मिलियन डॉलर का है. लेकिन ज्यादातर मटन खुले में बेचा जाता है, जो धूल और बैक्टीरिया के संपर्क में आते हैं.

डॉ. खान के अनुसार, यह संक्रमण के प्रसार में योगदान देता है. उन्होंने चेताया कि गंदी लगे हाथों से खाद्य पदार्थों को बेचने वाले आसानी से बीमारियां फैला सकते हैं, इसलिए स्वच्छता प्रथाओं को पालन करना बहुत जरूरी है.

यह भी पढ़ें- स्नैक्स फ्राई करने वाले तेल में चूहा, दरगाह आने वाले श्रद्धालुओं में आक्रोश, वक्फ बोर्ड ने किया समिति का गठन

श्रीनगर: पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में हजरतबल दरगाह के बाहर एक स्ट्रीट वेंडर द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले खाना पकाने के तेल के डिब्बे में मरा हुआ चूहा तैरता हुआ दिखाई दिया था. यह चौंकाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद कश्मीर में खाद्य सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. हालांकि, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उस वेंडर को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इस घटना ने पूरे क्षेत्र में खाद्य पदार्थों को लेकर आशंकाओं को बढ़ा दिया है.

कश्मीर में स्ट्रीट फूड मुख्य व्यंजन है, जिसमें कुरकुरे नदरू मोंजे (nadru monje) से लेकर चटपटे बारबेक्यू तक सब कुछ मिलता है. लेकिन ये झटपट बनने वाले, किफायती भोजन भले ही लुभावने हों, लेकिन इनमें अक्सर स्वास्थ्य संबंधी जोखिम भी होते हैं. खाद्य पदार्थों से होने वाली बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं और विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि खराब स्वच्छता और लापरवाही इसके लिए जिम्मेदार हैं.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर औषधि एवं खाद्य नियंत्रण संगठन के तहत घाटी में 14,000 से अधिक पंजीकृत खाद्य प्रतिष्ठान हैं. इसमें स्ट्रीट वेंडर भी शामिल हैं, जो आधार कार्ड, एक फोटो और एक ऑनलाइन आवेदन जैसी न्यूनतम औपचारिकताओं के साथ भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) से लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं.

कश्मीर में खाद्य पदार्थों की स्वच्छता को लेकर चिंता बढ़ी
कश्मीर में खाद्य पदार्थों की स्वच्छता को लेकर चिंता बढ़ी (ETV Bharat)

बढ़ती बेरोजगारी के बीच इन विक्रेताओं की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन खाद्य सुरक्षा नियम कमजोर बने हुए हैं और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक प्रथाओं को पनपने की अनुमति दे रहे हैं. दरगाह हजरतबल में कई स्टॉल अस्वास्थ्यकर हालात में संचालित होते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों का सामना करना पड़ता है.

खाद्य एवं सुरक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन विक्रेताओं को स्टॉल लगाने की अनुमति देने के लिए जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड ने उनसे परामर्श नहीं किया था.

स्वास्थ्य सुरक्षा जोखिमों के बावजूद बारबेक्यू स्टॉल पर उमड़ रही भीड़
स्वास्थ्य सुरक्षा जोखिमों के बावजूद बारबेक्यू स्टॉल पर उमड़ रही भीड़ (ETV Bharat)

गैस्ट्रोएंटेराइटिस और अन्य संक्रमणों के केस में वृद्धि

पूरे कश्मीर में डॉक्टरों के पास दूषित भोजन से जुड़े गैस्ट्रोएंटेराइटिस और अन्य संक्रमणों के केस में वृद्धि हुई है.

श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में सामुदायिक चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष और प्रोफेसर डॉ. एस मुहम्मद सलीम खान इसके लिए खराब स्वच्छता को जिम्मेदार ठहराते हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि नियमों पर सख्ती से अमल और लोगों में अधिक जागरूकता जरूरी है. डॉ. खान इस बात पर जोर देते हैं कि खाने से पहले हाथ धोने जैसी स्वच्छता खाद्य पदार्थों से होने वाली बीमारियों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

कश्मीर में खाद्य पदार्थों की स्वच्छता को लेकर चिंता बढ़ी
कश्मीर में खाद्य पदार्थों की स्वच्छता को लेकर चिंता बढ़ी (ETV Bharat)

खुले में बिक रहा मटन

मगर समस्या स्ट्रीट फूड से आगे तक फैली हुई है. कश्मीरी व्यंजनों में मुख्य रूप से शामिल मटन की मांग बहुत ज्यादा है, क्योंकि इस क्षेत्र से सालाना लगभग 20 लाख भेड़ों का आयात किया जाता है, जिसका व्यापार 350 मिलियन डॉलर का है. लेकिन ज्यादातर मटन खुले में बेचा जाता है, जो धूल और बैक्टीरिया के संपर्क में आते हैं.

डॉ. खान के अनुसार, यह संक्रमण के प्रसार में योगदान देता है. उन्होंने चेताया कि गंदी लगे हाथों से खाद्य पदार्थों को बेचने वाले आसानी से बीमारियां फैला सकते हैं, इसलिए स्वच्छता प्रथाओं को पालन करना बहुत जरूरी है.

यह भी पढ़ें- स्नैक्स फ्राई करने वाले तेल में चूहा, दरगाह आने वाले श्रद्धालुओं में आक्रोश, वक्फ बोर्ड ने किया समिति का गठन

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