VIDEO : जोगीरा सारा रा रा... गंवई अंदाज के चैता का मजा लीजिए
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मुंगेर: पूरे देश में होली का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है. ऐसे में फगुआ में चैता गीत (Bhojpuri Chaita Geet) ना सुने तो फागुन किस काम का. आपको बता दें कि चैती एक खास तरह का लोकगीत है. जिसे चैत के महीने में गाया जाता है. चैती गीत को भोजपुरी में घाटो, मगही में चैता, मैथिली में चैतावर कहा जाता है. लेकिन वर्षों पहले से अब फागुन और चैत गीत गाने की परंपराएं विलुप्त हो चुकी हैं. फागुन आते ही हंसी-ठिठोली, उल्लास और अल्हड़पन का माहौल अब गायब हो गया है. लेकिन कुछ कला प्रेमियों ने विलुप्त हो रहे लोक उत्सव और लोक गीतों को पुनर्जीवित करने का प्रयास शुरू किया गया है. मुंगेर में कुछ ऐसे फगुआ गाने वाले फनकार (ग्रामीण) है जो अभी भी चौपाल पर ढोलक की ताल और मंजीरे पर झूमते हुए हर्षोल्लास के साथ चैता गीत (Chaita Song In Munger) गाते हैं. चैती गीत के हर पंक्ति में गायक हो रामा या आहो रामा शब्द गाते हैं. इसके अलावा पूर्वांचल में फगुआ गीत भी हर्षोल्लास के साथ गांव में चैती गीत के साथ ग्रामीण गाते हैं. चैत महीने की शुरुआत में "चैता" गाया जाता है. जिसमें भगवान शिव और राधा कृष्ण से संबंधित लोकगीत गाए जाते हैं.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:20 PM IST