बेतिया: बिहार में लगातार बारिश ( Rain in bihar ) और नेपाल की नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. बिहार के कई जिलों में बाढ़ ( Flood in Bihar ) से हालात हो गए हैं. गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से लोगों का जीवन दूभर हो गया है. बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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बारिश के कारण किसान परेशान
जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण किसान परेशान हैं. कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं. किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं. पहले मानसून में धान की फसल बर्बाद हुई थी, वहीं, अब दूसरी बार बाढ़ ने नकदी फसल गन्ना भी खराब कर दिया है. सिकटा प्रखंड में कई एकड़ में लगे गन्ने की फसल बाढ़ और बरसात के पानी में डूब गए हैं. ऐसे में पश्चिम चंपारण जिले में किसानों पर दोहरी मार पड़ी है. सिकटा प्रखंड के कई पंचायत में छोटे मध्यम किसान रो रहे हैं. उनकी नकदी फसल गन्ना बाढ़ के पानी में गल रहा है.
जल्द पानी नहीं निकला तो हो जाएंगे बर्बाद
किसानों के लिए गन्ने की फसल नकदी फसल है. इसी फसल पर किसानों के यहां शादी विवाह, बच्चों की पढ़ाई, दवा इलाज सब इसी फसल पर निर्भर रहता है. सभी किसान कम से कम 5 एकड़ गन्ना की फसल लगाते हैं. इस आस में की जब गन्ना का फसल तैयार हो जाएगा तो उन्हें जो पैसे मिलेंगे उनसे उनका घर बार चलेगा. लेकिन बाढ़ की इस तबाही ने उनके इस मंसूबे पर पानी फेर दिया है. किसान हलकान है कि अगर बाढ़ का पानी जल्द खेतों से नहीं निकला तो उनके पास कुछ नहीं बचेगा.
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मुआवजे की देख रहे आस
वहीं, अब किसान फसल को बर्बाद होता देख सरकार की तरफ देख रहे हैं कि इस बर्बादी पर सरकार उन्हे मुआवजा देगी. इसकी आस में कई किसान बैठे हैं. किसान सरकार से फसल की क्षति पर मुआवजे की मांग कर रहे हैं. बहरहाल अभी तो बारिश की शुरुआत हुई हैं. जिस तरह से फसलों की बर्बादी हो रही है ऐसे में किसानों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है.
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गांव बने टापू
बता दें कि बेतिया से मैनाटांड़ जाने वाली सड़क के किनारे बसे कई गांव टापू में तब्दील हो चुके हैं. इन गांवों में आने-जाने का रास्ता बंद है. उसके बावजूद भी लोग जान जोखिम में डालकर सड़क पार कर रहे हैं. कई वाहन बीच सड़क पर ही फंसे हुए हैं. पानी के चलते बाइक बंद हो जा रही हैं.
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जान जोखिम में डालना मजबूरी
बाढ़ के चलते बेतिया-मैनाटांड़ मुख्य मार्ग पर 3 से 4 फीट पानी बह रहा है. सड़कों पर पानी का बहाव इतना तेज है कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. लोग जान जोखिम में डालकर सड़क पार करने को मजबूर हैं. इसके अलाबा उनके पास कोई चारा भी नहीं है. जरूरी कार्य से लोगों को घर से निकलना ही पड़ रहा है.