पटना: गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी को बिहार में एक दलित विधायक को जाति की वजह से अपमानित होना पड़ा है. ये आरोप खुद उन्होंने ही लगाया है. इसको लेकर उन्होंने थाने में शिकायत भी दर्ज कराई है. मामला पटना जिले के फुलवारी शरीफ विधानसभा क्षेत्र का है. सीपीआई माले विधायक गोपाल रविदास ने आरोप लगाया है कि रविवार को वह स्कूल की नई बिल्डिंग का उदघाटन करने गए थे लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों ने उनको उद्घाटन करने से रोक दिया. उनके लिए जाति सूचक शब्दों का भी इस्तेमाल किया.
जाति सूचक शब्द का प्रयोग किया: दरअसल माले विधायक परसा बाजार थाने के कुरथौल में एक स्कूल की नई बिल्डिंग का उदघाटन करने गए थे. उसी दौरान कुछ स्थानीय लोगों ने उनका विरोध शुरू कर दिया. भारी हंगामे के कारण स्थिति ऐसी उत्पन्न हो गई कि उनको वापस लौटना पड़ा. गोपाल रविदास आरोप है कि इस दौरान न केवल उनके साथ धक्का-मुक्की की गई, बल्कि उनको जाति सूचक शब्द बोलकर अपमानित भी किया गया.
"आपने जैसे ही दान दे दिया, बजाप्ते रजिस्टर्ड हो गया है. सरकार के जिम्मे हो गया, फिर भी आप जबरदस्ती कर रहे हैं. हमारा नाम ले रहे हैं, जाति सूचक शब्द का प्रयोग कर रहे हैं. अपमानित कर रहे हैं. जाति का घमंड दिखा रहे हैं क्या? उसके लिए भी कानून में प्रावधान है. हम निश्चित रूप से थाने में प्राथमिकी करेंगे."- गोपाल रविदास, माले विधायक, फुलवारी शरीफ
विधायक ने दर्ज कराई प्राथमिकी: अपने साथ हुई बदतमीजी से दुखी होकर विधायक गोपाल रविवाद ने परसा बाजार थाने में 4 नामजद और 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है. उन्होंने पुलिस से आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है.
क्या लिखा आवेदन में?: अपने आवेदन में गोपाल रविदास ने लिखा, 'मैं अपने कार्यकर्ताओ के साथ निर्धारित कार्यक्रम उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय के नए भवन का उद्घाटन करने के लिए जैसे ही स्कूल परिसर में पहुंचा. वहां पहले से स्कूल परिसर के अंदर बैठे पुन्नू सिंह, मिथिलेश सिंह और हंस राज हंस समेत अन्य 10 अज्ञात लोगों ने जाति शब्दों का उच्चारण चमार कहते हुए उद्घाटन कार्य करने नहीं दिया. बलपूर्वक धकेलते हुए नामित लोगों ने मारपीट की धमकी दी.'
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