पश्चिमी चंपारण: स्वच्छ भारत मिशन के तहत पूरे देश को खुले में शौच से मुक्त करने की योजना पश्चिमी चंपारण के पिपरासी प्रखंड में रंग ला रही है. जिला का पिपरासी प्रखंड बिहार का पहला ऐसा ब्लॉक है, जिसे वर्ष 2016 में पूर्ण रूप से ओडीएफ होने का गौरव प्राप्त है. अब यहां लोग शौच के लिए खुले में नहीं जाते, इसलिए सड़कें भी बिल्कुल साफ सुथरी नजर आती है.
स्वच्छ भारत अभियान के तहत केंद्र सरकार ने पूरे देश को 2 अक्टूबर 2019 तक खुले में शौच से मुक्त घोषित करने का लक्ष्य रखा है. ऐसे में बिहार भी इससे अछूता नहीं है. सूबे में भी शौचालय निर्माण की गति काफी जोरों पर है. लोगों को इसका फायदा भी मिल रहा है. उनका कहना है कि घर-घर शौचालय बन जाने से सड़कें साफ सुथरी हो गई हैं, बीमारियां भी अब कम फैल रही हैं. साथ ही साथ प्रखंड में अब महिलाओं से छेड़खानी जैसी घटनाओं पर भी विराम लग गया है.
पिपरासी प्रखंड बना था बिहार का पहला ओडीएफ प्रखंड
बता दें कि जिले के कई प्रखंडों से ऐसी शिकायत मिली थी कि लाभुक शौचालय मद की राशि तो ले लेते हैं, लेकिन शौचालय निर्माण नहीं करा रहे. इसकी शिकायत मिलते ही जिलाधिकारी ने तत्काल कार्रवाई की. बगहा शहर के दर्जनों ऐसे लाभुकों को चिन्हित कर उनपर प्राथमिकी दर्ज की गई है. पिपरासी प्रखंड के बीडीओ बिंदु कुमार का कहना है कि इस प्रखंड को बिहार का पहला ओडीएफ प्रखंड होने का गौरव प्राप्त है. ऐसे में यहां इस तरह की शिकायत अब तक नहीं मिली है.