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पश्चिम चंपारण: नेपाल से आए जमातियों ने स्वदेश लौटने की लगाई गुहार, प्रशासन कर रहा लॉकडाउन टूटने का इंतजार

नेपाल से आए एक दर्जन से अधिक जमाती 42 दिनों से बगहा में फंसे हुए हैं. लॉकडाउन के कारण इन्हें रामनगर के झरमुहवी हाई स्कूल में रखा गया है.

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Published : May 14, 2020, 4:38 PM IST

Updated : May 14, 2020, 7:29 PM IST

नेपाल
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पश्चिम चंपारण: रामनगर के झरमुहवी हाई स्कूल में नेपाल से आए 15 जमाती 42 दिनों से ठहरे हुए हैं. इनकी क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी हो चुकी है. इसके बावजूद इनको क्वॉरेंटाइन सेंटर में ही रखा गया है और कहा गया है कि जब तक लॉकडाउन खत्म नहीं होता तब तक इन्हें यहीं रूकना पड़ेगा.

हाई स्कूल में किया गया शिफ्ट
ये सभी जमाती नेपाल के बारा जिले के निवासी हैं. जमात को लेकर ये सभी झरमुहवी गांव की मस्जिद में ठहरे हुए थे. 22 मार्च को लॉकडाउन शुरू हो गया, जिसके बाद इन्हें गांव वालों ने हाई स्कूल में शिफ्ट कर दिया. इनके रहने और खाने-पीने की सारी व्यवस्था अब ग्रामीणों की ओर से की जा रही है.

देखें रिपोर्ट

बुजुर्ग जमाती को किडनी की समस्या
जमातियों में एक 82 साल के बुजुर्ग नूर मोहम्मद मियां भी शामिल हैं. इन्होंने बताया कि उन्हें किडनी की बीमारी है, जिसका जल्दी ऑपरेशन नहीं किया गया तो जान का खतरा बढ़ सकता है. इस वजह से इन जमातियों ने सरकार से अपने घर नेपाल जल्द-से-जल्द वापस भेजने की मांग की है.

बुजुर्ग का कराया जाएगा इलाज
वहीं, इस मामले में बगहा एसडीएम विशाल राज ने बताया कि नेपाल से आए जमातियों का क्वॉरेंटाइन डे समाप्त हो चुका है. नेपाल सीमा सील होने के कारण अभी उन्हें घर भेजना संभव नहीं है, लेकिन बीमार बुजुर्ग के इलाज के लिए प्रशासनिक स्तर से व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार का आदेश मिलते ही इन्हें इनके देश वापस भेजने की प्रक्रिया होगी.

पश्चिम चंपारण: रामनगर के झरमुहवी हाई स्कूल में नेपाल से आए 15 जमाती 42 दिनों से ठहरे हुए हैं. इनकी क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी हो चुकी है. इसके बावजूद इनको क्वॉरेंटाइन सेंटर में ही रखा गया है और कहा गया है कि जब तक लॉकडाउन खत्म नहीं होता तब तक इन्हें यहीं रूकना पड़ेगा.

हाई स्कूल में किया गया शिफ्ट
ये सभी जमाती नेपाल के बारा जिले के निवासी हैं. जमात को लेकर ये सभी झरमुहवी गांव की मस्जिद में ठहरे हुए थे. 22 मार्च को लॉकडाउन शुरू हो गया, जिसके बाद इन्हें गांव वालों ने हाई स्कूल में शिफ्ट कर दिया. इनके रहने और खाने-पीने की सारी व्यवस्था अब ग्रामीणों की ओर से की जा रही है.

देखें रिपोर्ट

बुजुर्ग जमाती को किडनी की समस्या
जमातियों में एक 82 साल के बुजुर्ग नूर मोहम्मद मियां भी शामिल हैं. इन्होंने बताया कि उन्हें किडनी की बीमारी है, जिसका जल्दी ऑपरेशन नहीं किया गया तो जान का खतरा बढ़ सकता है. इस वजह से इन जमातियों ने सरकार से अपने घर नेपाल जल्द-से-जल्द वापस भेजने की मांग की है.

बुजुर्ग का कराया जाएगा इलाज
वहीं, इस मामले में बगहा एसडीएम विशाल राज ने बताया कि नेपाल से आए जमातियों का क्वॉरेंटाइन डे समाप्त हो चुका है. नेपाल सीमा सील होने के कारण अभी उन्हें घर भेजना संभव नहीं है, लेकिन बीमार बुजुर्ग के इलाज के लिए प्रशासनिक स्तर से व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार का आदेश मिलते ही इन्हें इनके देश वापस भेजने की प्रक्रिया होगी.

Last Updated : May 14, 2020, 7:29 PM IST
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