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बगहा: कर्तव्यहीनता के आरोप में थानेदार समेत आईओ निलम्बित, एसपी ने की कार्रवाई - bagaha crime news

जिला अंतर्गत नदी थाना के थानाध्यक्ष एवं अनुसंधानकर्ता को कर्तव्यहीनता के आरोप में पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया है. पीडीएस दुकानदार के अपहरण मामले में वरीय अधिकारियों के आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने पर यह कार्रवाई की गई है.

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नदी थाना
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Published : May 22, 2021, 11:00 PM IST

बगहा: जिले के नदी थाना के थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार एवं सहायक अवर निरीक्षक रवि शंकर कुमार को अपहरण के प्राथमिकी मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में बगहा पुलिस अधीक्षक किरण कुमार गोरख जाधव ने निलंबित कर दिया है. एसपी ने बताया कि विगत दिनों एक जन वितरण दुकानदार वीरेंद्र गुप्ता के अपहरण मामले में उक्त पुलिसकर्मियों द्वारा काफी लापरवाही बरती गई.

ये भी पढ़ें...बिहार में ब्लैक फंगस महामारी घोषित, कोरोना मरीजों की तरह रखा जाएगा रिकॉर्ड

वरीय अधिकारियों के आदेश का अनुपालन नहीं करने का आरोप
नदी थाना के थानाध्यक्ष और अनुसंधानकर्ता कई मामलों में दोषी पाए गए हैं. एसपी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि उक्त पुलिसकर्मियों ने वरीय पदाधिकारियों के अनुमति के बिना ही तथाकथित अपहृत का 164 का बयान न्यायालय में दिलवाया. साथ ही अधिकारियों के आदेश का अनुपालन नहीं किया और उनके द्वारा अनुसन्धान को गलत दिशा देने का प्रयास किया गया.

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कर्तव्यहीनता के आरोप में थानेदार समेत आईओ निलम्बित

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अपहरण मामले में लीपापोती करना पड़ा महंगा
दरअसल, पिछले माह एक जनवितरण प्रणाली दुकानदार के अपहरण की प्राथमिकी उसकी पत्नी ने नदी थाना में दर्ज कराई थी. लेकिन अपहरण के एक पखवारा बाद अपहृत नाटकीय ढंग से स्वयं बेतिया पुलिस के समक्ष हाजिर हुआ और प्रेम प्रसंग के मामले में अपहरण होने की बात बताई थी. जिसकी जांच पड़ताल वरीय पदाधिकारियों ने की थी. बता दें कि इस मामले में तथाकथित अपहृत की पत्नी ने पांच लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया था.

बगहा: जिले के नदी थाना के थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार एवं सहायक अवर निरीक्षक रवि शंकर कुमार को अपहरण के प्राथमिकी मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में बगहा पुलिस अधीक्षक किरण कुमार गोरख जाधव ने निलंबित कर दिया है. एसपी ने बताया कि विगत दिनों एक जन वितरण दुकानदार वीरेंद्र गुप्ता के अपहरण मामले में उक्त पुलिसकर्मियों द्वारा काफी लापरवाही बरती गई.

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वरीय अधिकारियों के आदेश का अनुपालन नहीं करने का आरोप
नदी थाना के थानाध्यक्ष और अनुसंधानकर्ता कई मामलों में दोषी पाए गए हैं. एसपी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि उक्त पुलिसकर्मियों ने वरीय पदाधिकारियों के अनुमति के बिना ही तथाकथित अपहृत का 164 का बयान न्यायालय में दिलवाया. साथ ही अधिकारियों के आदेश का अनुपालन नहीं किया और उनके द्वारा अनुसन्धान को गलत दिशा देने का प्रयास किया गया.

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अपहरण मामले में लीपापोती करना पड़ा महंगा
दरअसल, पिछले माह एक जनवितरण प्रणाली दुकानदार के अपहरण की प्राथमिकी उसकी पत्नी ने नदी थाना में दर्ज कराई थी. लेकिन अपहरण के एक पखवारा बाद अपहृत नाटकीय ढंग से स्वयं बेतिया पुलिस के समक्ष हाजिर हुआ और प्रेम प्रसंग के मामले में अपहरण होने की बात बताई थी. जिसकी जांच पड़ताल वरीय पदाधिकारियों ने की थी. बता दें कि इस मामले में तथाकथित अपहृत की पत्नी ने पांच लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया था.

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