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बेतिया: रिटायर्ड बैंककर्मी का जज्बा, पेंशन के पैसे से लड़कियों को बना रहे आत्मनिर्भर

बेतिया में सेवानिवृत बैंककर्मी प्रदीप कुमार अपने पेंशन के पैसे से लड़कियों और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नि:शुल्क सिलाई और कटाई का प्रशिक्षण दे रहे हैं. उन्होंने लड़कियों के प्रशिक्षण के लिए 20 सिलाई मशीन सहित प्रशिक्षक भी मुहैया कराया है.

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प्रशिक्षण
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Published : Dec 12, 2019, 10:05 AM IST

बेतिया: इंसान के अंदर कुछ करने का जज्बा हो, तो उम्र कभी बाधक नहीं बनती है. जिले के बेतिया के बंसत विहार निवासी सेवानिवृत बैंककर्मी प्रदीप कुमार ने कुछ ऐसी ही मिसाल पेश की है. वे अपने आवासीय परिसर में लड़कियों को नि:शुल्क सिलाई का प्रशिक्षण देते हैं. वे लड़कियों को सिलाई प्रशिक्षण के साथ-साथ सिलाई मशीन भी देते हैं.

मां के नाम से खोली संस्था
सेवानिवृत बैंककर्मी प्रदीप कुमार अपने आवासीय परिसर में अपनी मां के नाम से हीरापति फाउंडेशन संस्था का संचालन कर रहे हैं. यहां सारी व्यवस्था नि:शुल्क रखी गई है. यहां लड़कियों को नि:शुल्क कपड़े की सिलाई और कटाई का प्रशिक्षण दिया जाता है. सिलाई सीखकर लड़कियां आत्मनिर्भर बन सके, इसके लिए प्रदीप प्रशिक्षण के साथ-साथ उन लड़कियों को सिलाई मशीन भी देते हैं.

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प्रशिक्षण लेती लड़कियां और महिलाएं

आत्मनिर्भरता के लिए प्रशिक्षण
प्रदीप कुमार महिलाओं और लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए खुद के पैसे से 20 सिलाई मशीन खरीदकर और प्रशिक्षक मुहैया कराकर उन्हें सिलाई और कटाई का प्रशिक्षण देते हैं. फिलहाल, 2 बैच में लगभग 30-35 लड़कियां और महिलाएं आती हैं. सिलाई और कटाई के लिए कपड़े भी प्रदीप खुद ही उपलब्ध कराते हैं.

पेश है रिपोर्ट

पेंशन के पैसे प्रशिक्षण पर करते हैं खर्च
प्रदीप कुमार ने बताया कि वह अपने पेंशन से कुछ पैसे अपने परिवार पर और पेंशन का 70-80% प्रशिक्षण केंद्र को आगे बढ़ाने पर खर्च करते हैं. उनका कहना है कि लड़कियों और महिलाओं को प्रशिक्षण मिलेगा तो गरीब, असहाय लड़कियों को रोजगार भी मिलेगा और वे आत्मनिर्भर भी बन सकेंगी.

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सेवानिवृत बैंककर्मी और हीरापति फाउंडेशन के संचालक प्रदीप कुमार

यह भी देखें- BPSC परीक्षा से वापस नहीं लौटे बच्चों के डेस्क और बेंच, अब ठंड में फर्श पर चल रही क्लास

बेतिया: इंसान के अंदर कुछ करने का जज्बा हो, तो उम्र कभी बाधक नहीं बनती है. जिले के बेतिया के बंसत विहार निवासी सेवानिवृत बैंककर्मी प्रदीप कुमार ने कुछ ऐसी ही मिसाल पेश की है. वे अपने आवासीय परिसर में लड़कियों को नि:शुल्क सिलाई का प्रशिक्षण देते हैं. वे लड़कियों को सिलाई प्रशिक्षण के साथ-साथ सिलाई मशीन भी देते हैं.

मां के नाम से खोली संस्था
सेवानिवृत बैंककर्मी प्रदीप कुमार अपने आवासीय परिसर में अपनी मां के नाम से हीरापति फाउंडेशन संस्था का संचालन कर रहे हैं. यहां सारी व्यवस्था नि:शुल्क रखी गई है. यहां लड़कियों को नि:शुल्क कपड़े की सिलाई और कटाई का प्रशिक्षण दिया जाता है. सिलाई सीखकर लड़कियां आत्मनिर्भर बन सके, इसके लिए प्रदीप प्रशिक्षण के साथ-साथ उन लड़कियों को सिलाई मशीन भी देते हैं.

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प्रशिक्षण लेती लड़कियां और महिलाएं

आत्मनिर्भरता के लिए प्रशिक्षण
प्रदीप कुमार महिलाओं और लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए खुद के पैसे से 20 सिलाई मशीन खरीदकर और प्रशिक्षक मुहैया कराकर उन्हें सिलाई और कटाई का प्रशिक्षण देते हैं. फिलहाल, 2 बैच में लगभग 30-35 लड़कियां और महिलाएं आती हैं. सिलाई और कटाई के लिए कपड़े भी प्रदीप खुद ही उपलब्ध कराते हैं.

पेश है रिपोर्ट

पेंशन के पैसे प्रशिक्षण पर करते हैं खर्च
प्रदीप कुमार ने बताया कि वह अपने पेंशन से कुछ पैसे अपने परिवार पर और पेंशन का 70-80% प्रशिक्षण केंद्र को आगे बढ़ाने पर खर्च करते हैं. उनका कहना है कि लड़कियों और महिलाओं को प्रशिक्षण मिलेगा तो गरीब, असहाय लड़कियों को रोजगार भी मिलेगा और वे आत्मनिर्भर भी बन सकेंगी.

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सेवानिवृत बैंककर्मी और हीरापति फाउंडेशन के संचालक प्रदीप कुमार

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Intro:एंकर---- इंसान के अंदर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो उम्र कभी बाधक नहीं बनती, उम्र के किसी भी पड़ाव पर इंसान बड़ा से बड़ा काम कर जाता है, जो अपने आने वाली पीढ़ी के लिए नजीर साबित होती है, कुछ ऐसा ही जज्बा एक सेवानिवृत्त बैंक कर्मी के अंदर देखने को मिला।


Body:बेतिया के बसंत विहार निवासी प्रदीप कुमार गुप्ता ने अपने जीवन काल में बतौर बैंककर्मी व अधिकारी तक का सफर तय किया और टाटा के एक बैंक से बड़े अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद समाज के बेरोजगारों के लिए कुछ करने की इच्छा जागृत हुई है, उसी के तहत प्रदीप कुमार गुप्ता ने अपने आवासीय परिसर में अपनी मां के नाम से हीरापति फाउंडेशन एक संस्था का संचालन शुरू किया है, यह जहां सारी व्यवस्था नि:शुल्क रखी है, यहां लड़कियों को नि:शुल्क कपड़े सिलाई व कटाई का प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि प्रशिक्षण लेकर जो लड़कियां गरीब, असहाय, मजदूर हैं वह आत्मनिर्भर बन सकें और स्वयं का रोजगार शुरू कर सके, इसके लिए प्रदीप गुप्ता लड़कियों को प्रशिक्षण के साथ-साथ सिलाई मशीन भी देते हैं, जिसे लेकर वहां प्रशिक्षण ले रही लड़कियां काफी खुश है ।

बाइट- आरजू ,प्रशिक्षण लेती लड़की
बाइट- रोजी, प्रशिक्षण लेती लड़की
बाइट - सबीना खातून , प्रशिक्षण लेती लड़की


Conclusion:प्रदीप गुप्ता महिलाओं व लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वयं के खर्चे से 20 सिलाई मशीन खरीदकर लड़कियों व महिलाओं को सिलाई कटाई के लिए प्रशिक्षण देते हैं, अभी 2 बैच में लगभग 30 से 35 लड़कियां व महिलाएं आती हैं और उन्हें नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है ,यहां तक की सिलाई कटाई के लिए कपड़ा भी प्रदीप गुप्ता खुद ही उपलब्ध कराते हैं।

प्रदीप कुमार का कहना है कि उन्हें जो पेंशन का पैसा आता है उसमें से कुछ पैसा अपने परिवार के खर्च के लिए निकाल लेते हैं और पेंशन का 70 से 80% राशि प्रशिक्षण केंद्र को आगे बढ़ाने पर खर्च करते हैं ताकि लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके, लड़कियों व महिलाओं को नि:शुल्क परीक्षण मिलेगा तो यह गरीब, असहाय, मजदूर युवतियों को रोजगार भी मिलेगा।

बाइट- प्रदीप कुमार गुप्ता, प्रशिक्षक, सेवानिवृत्त बैंककर्मी

जितेंद्र कुमार गुप्ता
ईटीवी भारत, बेतिया
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