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बगहा: बाढ़ की चपेट में वाल्मीकिनगर का तराई इलाका, आधा दर्जन बस्तियां जलमग्न

गंडक बराज से रिकॉर्ड पानी छोड़े जाने के बाद वाल्मीकिनगर का तराई इलाका पूरी तरह से डूब गया है. लोग ऊंची जगहों पर पलायन कर जान बचाते नजर आ रहे हैं.

बाढ़
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Published : Jul 21, 2020, 5:02 PM IST

Updated : Aug 18, 2020, 5:23 PM IST

बेतिया(बगहा): लगातार हो रही बारिश से जहां नेपाल में कोहराम मचा हुआ है वहीं नेपाल सीमा पर बसे बिहार के वाल्मीकिनगर अंतर्गत तटीय इलाकों में भयंकर बाढ़ का मंजर देखने को मिल रहा है. गंडक बराज नियंत्रण रूम से प्राप्त सूचना के अनुसार गंडक नदी में 4 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे कई नए इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

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बाढ़ से प्रभावित लोग

इंडो-नेपाल सीमा के तराई क्षेत्रों में घुसा पानी
गंडक नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से निचले इलाकों के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. साथ ही गंडक नदी के तटीय इलाके में स्थापित एसएसबी के चार कैम्प भी जलमग्न हो गए हैं. चकदहवा, झंडू टोला, कानी टोला इत्यादि गांवों में एक सप्ताह से बाढ़ का पानी भरा हुआ है जबकि ठाढ़ी गांव सहित वाल्मीकिनगर स्थित हवाई अड्डा आदि नए इलाके भी अब जलमग्न हो चुके हैं.

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बढ़ी लोगों की परेशानी

जारी किया जा चुका था अलर्ट
बता दें कि नेपाल मौसम विभाग की ओर से रविवार के दिन एडवाइजरी जारी कर अलर्ट कर दिया गया था. एडवाइजरी में बताया गया था कि गंडक नदी के जल ग्रहणस्त्रों के क्षेत्र पोखरा, मुंगलिंग, गेराकोर्ट, नारायणगढ़ सहित पहाड़ी और तराई के कुछ भागों में लगातार भीषण बारिश हो रही है, जिस वजह से नारायण गढ़ की नारायणी नदी खतरे के निशान को पार कर गई है. साथ ही गंडक नदी में ज्यादा पानी छोड़ा जाएगा.

देखें रिपोर्ट

पलायन को मजबूर हुए लोग
बता दें कि गंडक नदी में निरंतर जल वृद्धि हो रही है. कई नए इलाकों में पानी घुसता जा रहा है. नतीजन लोग काफी डरे-सहमे हुए हैं. गंडक बराज के पास स्थित लव-कुश घाट, हवाईअड्डा और ठारी गांव के लोग पलायन करने लगे हैं. एसएसबी कैम्प के जवानों को भी ऊंची जगहों पर भेज दिया गया है. रामपुरवा बीओपी के इंस्पेक्टर अमित शर्मा ने बताया कि जवानों को कैम्प से हटाकर स्कूल में रखा गया है.

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बाढ़ के चपेट में वाल्मीकिनगर

बेतिया(बगहा): लगातार हो रही बारिश से जहां नेपाल में कोहराम मचा हुआ है वहीं नेपाल सीमा पर बसे बिहार के वाल्मीकिनगर अंतर्गत तटीय इलाकों में भयंकर बाढ़ का मंजर देखने को मिल रहा है. गंडक बराज नियंत्रण रूम से प्राप्त सूचना के अनुसार गंडक नदी में 4 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे कई नए इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

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बाढ़ से प्रभावित लोग

इंडो-नेपाल सीमा के तराई क्षेत्रों में घुसा पानी
गंडक नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से निचले इलाकों के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. साथ ही गंडक नदी के तटीय इलाके में स्थापित एसएसबी के चार कैम्प भी जलमग्न हो गए हैं. चकदहवा, झंडू टोला, कानी टोला इत्यादि गांवों में एक सप्ताह से बाढ़ का पानी भरा हुआ है जबकि ठाढ़ी गांव सहित वाल्मीकिनगर स्थित हवाई अड्डा आदि नए इलाके भी अब जलमग्न हो चुके हैं.

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बढ़ी लोगों की परेशानी

जारी किया जा चुका था अलर्ट
बता दें कि नेपाल मौसम विभाग की ओर से रविवार के दिन एडवाइजरी जारी कर अलर्ट कर दिया गया था. एडवाइजरी में बताया गया था कि गंडक नदी के जल ग्रहणस्त्रों के क्षेत्र पोखरा, मुंगलिंग, गेराकोर्ट, नारायणगढ़ सहित पहाड़ी और तराई के कुछ भागों में लगातार भीषण बारिश हो रही है, जिस वजह से नारायण गढ़ की नारायणी नदी खतरे के निशान को पार कर गई है. साथ ही गंडक नदी में ज्यादा पानी छोड़ा जाएगा.

देखें रिपोर्ट

पलायन को मजबूर हुए लोग
बता दें कि गंडक नदी में निरंतर जल वृद्धि हो रही है. कई नए इलाकों में पानी घुसता जा रहा है. नतीजन लोग काफी डरे-सहमे हुए हैं. गंडक बराज के पास स्थित लव-कुश घाट, हवाईअड्डा और ठारी गांव के लोग पलायन करने लगे हैं. एसएसबी कैम्प के जवानों को भी ऊंची जगहों पर भेज दिया गया है. रामपुरवा बीओपी के इंस्पेक्टर अमित शर्मा ने बताया कि जवानों को कैम्प से हटाकर स्कूल में रखा गया है.

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बाढ़ के चपेट में वाल्मीकिनगर
Last Updated : Aug 18, 2020, 5:23 PM IST
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