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चीनी मिल मालिकों के शोषण से परेशान किसानों ने किया प्रदर्शन - भारतीय किसान संघ

किसानों ने कहा कि सरकार मिल को करोड़ों रूपये अनुदान के तौर पर देती है. लेकिन एक धर्मकांटा नहीं लगाया जाता है. इससे किसानों को गन्ने का सही वजन नहीं मिल पाता है.

west champaran
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Published : Jan 9, 2021, 2:31 PM IST

पश्चिम चंपारण: जिले के नरकटियागंज में भारतीय किसान संघ के बैनर तले किसानों ने धरना-प्रदर्शन किया. यह अनुमंडल मुख्यालय में किया गया. इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि किसानों का शोषण किया जा रहा है.

मिल मालिक कर रहे हकमारी
प्रदर्शन के दौरान किसानों ने देश का भंडार हम भरेंगे लेकिन लेंगे कीमत पूरी, कौन बनाता बनाता हिंदुस्तान-भारत का मजदूर किसान, हम अपना अधिकार मांगते- नहीं मांगते किसी से भीख जैसी नारेबाजी की. इस दौरान उन्होंने बिहार सरकार को घेरते हुए कहा कि गन्ने का निर्धारित मूल्य तय नहीं होने के कारण मिल किसानों का शोषण कर रहे हैं. मिल मालिक कर रिजर्व किसानों के साथ हकमारी कर रहे हैं.

किसानों ने इन मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

1. वर्तमान में पेराई सत्र 2020-21 के लिए गन्ना मूल्य 17 प्रतिशत रिकवरी इथेनॉल, छोआ, खुजा, फ्रेशमड, बिजली आदि उत्पादों के आंकलन सहित कम से कम 1000 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित हो.

2. प्रत्येक चीनी मिल के पास एक-एक सरकारी धर्म कांटा लगवाया जाए

3. चीनी मिल नरकटियागंज से केवल रिजर्व क्षेत्र के गन्ने की आपूर्ति सुनिश्चित हो

4. गन्ना मूल्य भुगतान क्रय-विक्रय नियमावली के अनुसार गन्ना आपूर्ति के 14 दिनों के अंदर बिना ब्याज और 14 दिन के बाद ब्याज सहित भुगतान करवाया जाए

5.सप्ताह में कम से कम 2 दिन गरीब दिवस का चालान निर्गत किया जाए.

नहीं मिल पाता गन्ने का सही वजन
किसानों ने कहा कि सरकार मिल को करोड़ों रूपये अनुदान के तौर पर देती है. लेकिन एक धर्मकांटा नहीं लगाया जाता है. इससे किसानों को गन्ना का सही वजन नहीं मिल पाता है. प्रदर्शनकारियों ने सरकार से जल्द से जल्द अपनी मांग पूरी करने की अपील की.

पश्चिम चंपारण: जिले के नरकटियागंज में भारतीय किसान संघ के बैनर तले किसानों ने धरना-प्रदर्शन किया. यह अनुमंडल मुख्यालय में किया गया. इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि किसानों का शोषण किया जा रहा है.

मिल मालिक कर रहे हकमारी
प्रदर्शन के दौरान किसानों ने देश का भंडार हम भरेंगे लेकिन लेंगे कीमत पूरी, कौन बनाता बनाता हिंदुस्तान-भारत का मजदूर किसान, हम अपना अधिकार मांगते- नहीं मांगते किसी से भीख जैसी नारेबाजी की. इस दौरान उन्होंने बिहार सरकार को घेरते हुए कहा कि गन्ने का निर्धारित मूल्य तय नहीं होने के कारण मिल किसानों का शोषण कर रहे हैं. मिल मालिक कर रिजर्व किसानों के साथ हकमारी कर रहे हैं.

किसानों ने इन मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

1. वर्तमान में पेराई सत्र 2020-21 के लिए गन्ना मूल्य 17 प्रतिशत रिकवरी इथेनॉल, छोआ, खुजा, फ्रेशमड, बिजली आदि उत्पादों के आंकलन सहित कम से कम 1000 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित हो.

2. प्रत्येक चीनी मिल के पास एक-एक सरकारी धर्म कांटा लगवाया जाए

3. चीनी मिल नरकटियागंज से केवल रिजर्व क्षेत्र के गन्ने की आपूर्ति सुनिश्चित हो

4. गन्ना मूल्य भुगतान क्रय-विक्रय नियमावली के अनुसार गन्ना आपूर्ति के 14 दिनों के अंदर बिना ब्याज और 14 दिन के बाद ब्याज सहित भुगतान करवाया जाए

5.सप्ताह में कम से कम 2 दिन गरीब दिवस का चालान निर्गत किया जाए.

नहीं मिल पाता गन्ने का सही वजन
किसानों ने कहा कि सरकार मिल को करोड़ों रूपये अनुदान के तौर पर देती है. लेकिन एक धर्मकांटा नहीं लगाया जाता है. इससे किसानों को गन्ना का सही वजन नहीं मिल पाता है. प्रदर्शनकारियों ने सरकार से जल्द से जल्द अपनी मांग पूरी करने की अपील की.

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