बेतिया(वाल्मीकिनगर): जिले के पिपराही प्रखंड के मझरिया और सेमरा लबेदाहा पंचायत में इन दिनों आई बाढ़ से सबसे अधिक केला की खेती करने वाले किसानों को नुकसान हुआ है. केला के खेतों में 3 से 4 फीट तक पानी जमा हो गया है. वहीं, फसल नुकसान होने से किसान काफी परेशान नजर आ रहे हैं.
किसानों ने बताया कि इस समय केले की बुआई की जाती है, लेकिन बाढ़ के कारण केले के बने पौधे पानी में डूबने से सड़ गए हैं. वहीं, एक केले के बोने पौधे की कीमत 16 रुपये है. उसे फल देने तक में तैयार करते-करते 95 से 100 रुपये तक का खर्च आता है. जिले के किसान नगद फसल के रूप में केला की खेती करते हैं. इस एरिया में 1000 एकड़ में केले की फसल उगाई जाती है.
'दूर-दूर तक होती है केले की बिक्री'
इसके अलावा किसानों ने बताया कि यहां की केले की डिमांड काफी है. यूपी, दिल्ली, मुंबई, गुजरात और कश्मीर तक के व्यापारी केले की खरीद करते हैं. वो अच्छी कीमत भी देते हैं, लेकिन इस बार बाढ़ के कारण सारी फसल बर्बाद हो गई है. इन किसानों को घर चलाने के लिए भी सोचना पड़ रहा है.
किसानों को मुआवजा देने का आश्वासन
केला किसानों के फसल बर्बाद होने पर बीएओ संजय कुमार शर्मा ने बताया कि किसानों की क्षति को देखते हुए विभाग को पत्र लिखा गया है. मुआवजा देने की पहल की जाएगी. जल्द ही कृषि विभाग की ओर से फसल का सर्वे करवाया जाएगा. रिपोर्ट के आधार पर किसानों को मुआवजा मिलेगा.