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वैशाली में सिर्फ कागज पर चल रहा स्कूल.. यहां न शिक्षक हैं, न छात्र .. लटका रहता है ताला.. फिर भी पेपर में All Is Well - ईटीवी भारत न्यूज

Bihar education system अजब स्कूल की गजब कहानी सुनकर अपर मुख्य सचिव केके पाठक का भी दिमाग चकरा जाएगा. यहां आदेशपाल कहता है, उसने बच्चों को छुट्टी दे दी, क्योंकि टीचर नहीं थे. एमडीएम प्रभारी कहते हैं, वह जांच में आए थे तो स्कूल में ताला लटका पाया. ग्रामीण कहते हैं, स्कूल बंद रहता है. बच्चे कहते हैं, पढ़ाई नहीं होती तो दूसरी जगह एडमिशन करवा लिया है. पढ़ें पूरी खबर..

वैशाली में बंद पड़ा विद्यालय
वैशाली में बंद पड़ा विद्यालय
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 12, 2023, 6:07 AM IST

वैशाली में बंद पड़ा स्कूल

वैशाली : बिहार की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की कवायद में पूरा शिक्षा विभाग जुटा हुआ है. खासकर, अपर मुख्य सचिव केके पाठक स्कूल-स्कूल जाकर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं. ऐसे में जिले के महनार प्रखंड के नया टोला खरजम्मा वार्ड संख्या 13 स्थित शारदा संस्कृत प्राथमिक सह मध्य विद्यालय एक ऐसा स्कूल है, जहां हर सभी नियमों को ताक पर रखकर स्कूल संचालित किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें :भागलपुर में समय से पहले बंद हो जाते हैं सरकारी स्कूल, सवाल पूछने पर बहाने बनाते हैं टीचर

'कागज पर चल रहा स्कूल' : अभिभावकों व बच्चों के अनुसार यह मध्य विद्यालय कागजों पर चलाया जा रहा है. इस विद्यालय में एक से आठ तक पढ़ाई होती है, लेकिन वह विद्यालयों में नहीं बल्कि कागजों पर होती है. 50 के करीब छात्रों का नामांकन है, लेकिन यह छात्र भी कागजों पर ही स्कूल आते हैं. शिक्षकों की बहाली है लेकिन वह भी फिजिकली नहीं कागजों पर ही आते है. यही कारण है कि स्कूल में अक्सर ताला लगा रहता है. जितने भी स्कूल के छात्र थे. वह सभी दूसरे स्कूलों में अपना नामांकन करवा चुके हैं.

स्कूल नहीं आते शिक्षक : स्थानीय ग्रामीण अजय मल्लिक का कहना है कि स्कूल तो खुलता है लेकिन कोई बच्चा नहीं आता है. शिक्षक आते हैं, अपनी हाजिरी लगाकर चले जाते हैं. ना कोई बोलने वाला है, ना कोई कहने वाला है. पढ़ाई होगा तब तो बच्चे आएंगे. वहीं एक छात्र पासवान कुमार ने बताया कि "स्कूल में पढ़ाई नहीं होती है. पहले हम लोग जाते थे, अब छोड़ दिए. अब दूसरी जगह नाम लिखवा लिए. यहां सर जी नहीं आते थे. स्कूल बंद रहता है, कभी खुलता ही नहीं है. 26 जनवरी को खुलता है. फिर स्कूल बंद हो जाता है."

"स्कूल में पढ़ाई थोड़ी बहुत होती थी लेकिन उतनी पढ़ाई नहीं होती थी. इसलिए दूर पढ़ने जाते हैं." - अभिषेक कुमार, छात्र

आदेशपाल ने दे दी स्कूल में छुट्टी : वहीं स्कूल में मौजूद आदेशपाल नितेश कुमार का कहना है कि वह स्कूल के काम से कागज जमा करने गए थे. यहां सिर्फ एक शिक्षक हैं और वह भी छुट्टी पर थे. इसलिए बच्चों को छुट्टी दे दी और स्कूल बंदकर के चले गए. इन सब के बीच मजेदार बात यह है कि मिड डे मील के इंचार्ज भी स्कूल में जांच के लिए पहुंचे थे, लेकिन जब उन्होंने स्कूल में ताला लटका हुआ देखा तो वह भी फौरन वापस हो गए.

"हम मिड डे मील के प्रभारी हुए जांच के लिए आए हुए थे स्कूल बंद है तो जवाब में बंद ही देंगे. आज सोमवार है और बंद है अभी फिलहाल हम जांच के लिए आए हैं तो स्कूल को बंद पाया गया है तो बंद ही बताएंगे" - मनीष कुमार, एमडीएम प्रभारी.

इस विषय में जब जिला शिक्षा पदाधिकारी वीरेंद्र नारायण साही से फोन पर बातचीत की तो उन्होंने बताया कि "मेरे संज्ञान में आया है. हम मामले की जांच करवा रहे हैं. जांच के बाद ही कुछ भी बताया जा सकेगा. फोन पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से बात हुई है उन्हें जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है".

वैशाली में बंद पड़ा स्कूल

वैशाली : बिहार की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की कवायद में पूरा शिक्षा विभाग जुटा हुआ है. खासकर, अपर मुख्य सचिव केके पाठक स्कूल-स्कूल जाकर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं. ऐसे में जिले के महनार प्रखंड के नया टोला खरजम्मा वार्ड संख्या 13 स्थित शारदा संस्कृत प्राथमिक सह मध्य विद्यालय एक ऐसा स्कूल है, जहां हर सभी नियमों को ताक पर रखकर स्कूल संचालित किया जा रहा है.

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'कागज पर चल रहा स्कूल' : अभिभावकों व बच्चों के अनुसार यह मध्य विद्यालय कागजों पर चलाया जा रहा है. इस विद्यालय में एक से आठ तक पढ़ाई होती है, लेकिन वह विद्यालयों में नहीं बल्कि कागजों पर होती है. 50 के करीब छात्रों का नामांकन है, लेकिन यह छात्र भी कागजों पर ही स्कूल आते हैं. शिक्षकों की बहाली है लेकिन वह भी फिजिकली नहीं कागजों पर ही आते है. यही कारण है कि स्कूल में अक्सर ताला लगा रहता है. जितने भी स्कूल के छात्र थे. वह सभी दूसरे स्कूलों में अपना नामांकन करवा चुके हैं.

स्कूल नहीं आते शिक्षक : स्थानीय ग्रामीण अजय मल्लिक का कहना है कि स्कूल तो खुलता है लेकिन कोई बच्चा नहीं आता है. शिक्षक आते हैं, अपनी हाजिरी लगाकर चले जाते हैं. ना कोई बोलने वाला है, ना कोई कहने वाला है. पढ़ाई होगा तब तो बच्चे आएंगे. वहीं एक छात्र पासवान कुमार ने बताया कि "स्कूल में पढ़ाई नहीं होती है. पहले हम लोग जाते थे, अब छोड़ दिए. अब दूसरी जगह नाम लिखवा लिए. यहां सर जी नहीं आते थे. स्कूल बंद रहता है, कभी खुलता ही नहीं है. 26 जनवरी को खुलता है. फिर स्कूल बंद हो जाता है."

"स्कूल में पढ़ाई थोड़ी बहुत होती थी लेकिन उतनी पढ़ाई नहीं होती थी. इसलिए दूर पढ़ने जाते हैं." - अभिषेक कुमार, छात्र

आदेशपाल ने दे दी स्कूल में छुट्टी : वहीं स्कूल में मौजूद आदेशपाल नितेश कुमार का कहना है कि वह स्कूल के काम से कागज जमा करने गए थे. यहां सिर्फ एक शिक्षक हैं और वह भी छुट्टी पर थे. इसलिए बच्चों को छुट्टी दे दी और स्कूल बंदकर के चले गए. इन सब के बीच मजेदार बात यह है कि मिड डे मील के इंचार्ज भी स्कूल में जांच के लिए पहुंचे थे, लेकिन जब उन्होंने स्कूल में ताला लटका हुआ देखा तो वह भी फौरन वापस हो गए.

"हम मिड डे मील के प्रभारी हुए जांच के लिए आए हुए थे स्कूल बंद है तो जवाब में बंद ही देंगे. आज सोमवार है और बंद है अभी फिलहाल हम जांच के लिए आए हैं तो स्कूल को बंद पाया गया है तो बंद ही बताएंगे" - मनीष कुमार, एमडीएम प्रभारी.

इस विषय में जब जिला शिक्षा पदाधिकारी वीरेंद्र नारायण साही से फोन पर बातचीत की तो उन्होंने बताया कि "मेरे संज्ञान में आया है. हम मामले की जांच करवा रहे हैं. जांच के बाद ही कुछ भी बताया जा सकेगा. फोन पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से बात हुई है उन्हें जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है".

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