गया: आलू खाने से कई नुकसान के बारे में तो आपने सुना ही होगा, आज आपको एक एसे आलू के बारे में बताएंगे, जो देखने में तो काला है लेकिन इसके औषधीय गुणों को जानकर आप हैरान रह जाएंगे. बिहार के गया में अब बड़े पैमाने पर काले आलू की खेती हो रही है. काले आलू की खेती कमाल की है. इसमें आपको कुछ हजार का खर्च और लाखों की कमाई मिलेगी. यही नहीं ये काला आलू औषधीय गुणों से भरपूर होता है. ऐसे में इसकी बिक्री होते देर नहीं लगती.
काला आलू देगा चार गुणा मुनाफा: आम लोग जहां पारंपरिक रूप से सफेद और लाल आलू ही खाते हैं, जो बाजार में 20 से 30 रुपये किलो मिल जाता है. हालांकि जानकार काले आलू के मुरीद होते हैं. काला आलू 150 से 250 सौ रुपये प्रति किलो बिकता है. इसकी खेती मुख्य रूप से दक्षिण अमेरिका की मानी जाती है.
गया में काले आलू की खेती: गया में काले आलू की खेती बड़े पैमाने पर हो रही है. शुरुआत में कुछ किसानों ने ट्रायल के तौर पर इसे शुरू किया था. अब वो कई कट्ठों में इसकी खेती कर रहे हैं. इस के एक कट्ठे की खेती पर महज कुछ हजार का खर्च आता है लेकिन काले आलू की खेती किसान को कुछ महीने में ही लखपति बना देती है. गया के मटिहानी में ऋतिक चौबे ने इसकी खेती शुरू की है. उन्होंने ट्रायल के तौर पर 7 कट्ठे में काले आलू की खेती की थी.
काले आलू की बिक्री से होंगे मालामाल: काले आलू का सेवन करने वालों की संख्या कम नहीं है. यही वजह है कि काला आलू बाजारों में आते ही बिक जाता है. जानकार पलक झपकते ही इसे खरीद लेते हैं. काला आलू औषधीय गुणों से भरपूर होता है. इसके सेवन से कई तरह के फायदे होते हैं. कई तरह की बीमारियों में काला आलू बेहद फायदेमंद है. यहां तक कि डायबिटीज के मरीज भी एक हद तक इसका सेवन कर सकते हैं. क्योंकि इसमें शर्करा की मात्रा बाजारों में उपलब्ध सफेद और लाल आलू की अपेक्षा कम होती है.
जैविक खाद से हो रहा तैयार: काले आलू की खेती जैविक कृषि आधारित हो रही है. इसके कारण इसकी अहमियत बढ़ जाती है. एक कट्ठा यदि आलू लगे, तो कुछ हजार का खर्च ही आता है लेकिन उपज क्विंटल में होती है. ऐसे में इसकी खेती करने वाले किसान को मालामाल होते देर नहीं लगता. यदि कुछ कट्ठे में ही इसकी खेती की जाए, तो यह लाखों के फायदे दे जाता है.
काले आलू की खेती का सफल ट्रायल: किसान ऋतिक चौबे बताते हैं कि उन्होंने मटिहानी में 6 से 7 कट्ठे में काले आलू की खेती की है. काले आलू की खेती का ट्रायल सफल रहा और फसल उग आई है. यह करीब डेढ़ सौ रुपए से ढ़ाई सौ रुपये के बीच बिकता है. इसकी डिमांड अच्छी है. उन्होंने लोगों के स्वास्थ्य और बेहतर मुनाफे को देखते हुए इसकी खेती शुरू की थी, जो सफल रही.
"आने वाले दिनों में एकड़ में काले आलू की खेती लगाएंगे. काले आलू की खेती में मुजे लाखों की बचत हो जाएगी. किसानों के लिए यह बड़े फायदे का सौदा है. वहीं विभिन्न बीमारियों में काला आलू का सेवन फायदेमंद साबित होता है. कई तरह की बीमारियां इससे दूर भी हो जाती है."- ऋतिक चौबे, किसान
इन बीमारियों में फायदेमंद है काले आलू का सेवन: लीवर, फेफड़ा, हृदय रोग, मोटापा, कैंसर आदि में काला आलू काफी फायदेमंद है. काले आलू को खाने से खून की कमी भी दूर रहती है. वहीं डायबिटीज के पेसेंट भी काले आलू को एक हद तक खा सकते हैं क्योंकि इसमें शर्करा की मात्रा कम होती है. काला आलू में फ्लोरिक एसिड, एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जिसके कारण कई तरह की बीमारियों में यह लाभ पहुंचाता है. शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है.
मुनाफे से भरी है काले आलू की खेती: मगध विश्वविद्यालय गया के पीजी डिपार्टमेंट ऑफ बॉटनी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अमित कुमार सिंह ने बताया कि किसान जिस तरह से सफेद और लाल आलू की पैदावार करते हैं. उसी तरह से काले आलू की भी पैदावार होती है. काले आलू की खेती मुनाफे से भरी है. इससे लाखों की कमाई कुछ कट्ठों में खेती करके मिल सकती है. 6 से 7 कट्ठे में अभी इसकी खेती लगाई है. फसल अच्छी आई है. अच्छा मुनाफा होगा. काले आलू का सेवन विभिन्न बीमारियों में बेहद फायदेमंद है.
"गया में कुछ किसान काले आलू की खेती कर रहे हैं. काले आलू के सेवन से कई तरह की बीमारियों में फायदा पहुंचता है. फ्लोरिक एसिड इसमें प्रचुर मात्रा में होता है. एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण कई तरह की बीमारियों में लाभकारी है. एंथोसायनिन की मात्रा बहुतायत होती है. कैंसर, मोटापा, लीवर, हृदय रोग, फेफड़े के रोगों में इसका सेवन से लाभ हो सकता है."-डॉ. अमित कुमार सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर पीजी डिपार्टमेंट ऑफ बॉटनी, मगध विश्वविद्यालय गया