वैशाली: हाजीपुर में मुथूट फाइनेंस कंपनी के ऑफिस से 55 किलो सोना लूटकांड में पुलिस ने बड़ा खुलासा करते हुए 4 किलो सोना की बरामदगी की है. पुलिस ने इस मामले में कुख्यात लुटेरे धर्मेंद्र सहनी को चेन्नई से गिरफ्तार किया है. वहीं, एक अन्य अपराधी धर्मेंद्र गोप की गिरफ्तारी हुई है. लूट कांड में शामिल अन्य लुटेरों की और बाकी के बचे सोने की रिकवरी के लिए छापेमारी जारी है.
23 नवंबर को नगर थाना इलाके के यादव चौक स्थित फाइनेंस कंपनी से 55 किलो सोने की लूट को अंजाम दिया गया था. तकरीबन 21 करोड़ से अधिक मूल्य के गोल्ड की इस साल की देश की सबसे बड़ी लूट के रूप में सामने आयी. पुलिस ने इस वारदात के बाद लगातार छापेमारी कर अपराधियों की धर पकड़ कर रही थी. इसी क्रम में वैशाली पुलिस और एसटीएफ की टीम की संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए कुख्यात अपराधी धर्मेंद्र सहनी को तमिलनाडु से गिरफ्तार किया. उसकी गिरफ्तारी के बाद परत दर परत लूट कांड का पर्दाफाश किया गया. छापेमारी के दौरान धर्मेंद्र सहनी के वैशाली प्रखंड स्थित जतकौली घर से 1 किलो सोना, जबकि धर्मेंद्र गोप के घर बिदुपुर में छापेमारी कर 3 किलो सोना बरामद किया गया.
कुख्यात ने किया आत्महत्या का प्रयास
वहीं, गिरफ्तार धर्मेंद्र सहनी ने आत्महत्या करने का प्रयास किया है. एसपी के मुताबिक पुलिस ने धर्मेंद्र सहनी के साथ धर्मेंद्र गोप की पत्नी और मां को भी गिरफ्तार किया है. लेकिन धर्मेंद्र गोप अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर छापेमारी की गई, जिसके बाद लूट कांड का पर्दाफाश करने में सफलता मिली है. वहीं, बाकी सोने की बरामदगी और लुटेरों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम लगातार छापामारी अभियान चला रही है.
एसपी जगुनाथ रेड्डी ने बताया कि इस बड़े सोना लूट कांड में धर्मेंद्र सहनी और वीरेंद्र शर्मा की मुख्य भूमिका है और बाकी के अपराधियों ने इनके इशारों पर घटना को अंजाम दिया. बता दें कि आईजी गणेश कुमार के नेतृत्व में अब तक के सबसे बड़ी एसआईटी का गठन किया गया था, जिसमें 5 आईपीएस स्तर के अधिकारी और 4 डीएसपी स्तर के अधिकारी शामिल हैं. इसके अलावा कई स्तर पर अपराधियों तक पहुंचने की कड़ी मशक्कत की जा रही थी. इस लूट कांड का उद्भेदन करना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई थी. आखिरकार, 17 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस टीम को सोना लूट कांड का खुलासा करने में सफलता मिली है.