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जम्मू-कश्मीर सरकार ने भवन उपनियमों पर फीडबैक के लिए समय सीमा बढ़ाई - JAMMU KASHMIR BUILDING LAWS

जम्मू-कश्मीर सरकार ने रेसिडेंशियल और कमर्शियल दोनों ही जगहों के लिए फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) पर सभी प्रतिबंध हटाने का प्रस्ताव दिया जिसकी आलोचना हुई.

JAMMU KASHMIR BUILDING LAWS
कश्मीर की तस्वीर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 25, 2025, 1:15 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर सरकार ने आलोचना के बाद एकीकृत भवन उपनियम (यूबीबीएल) में प्रस्तावित संशोधनों पर प्रतिक्रिया देने की समय सीमा बढ़ा दी है. जम्मू- कश्मीर आवास और शहरी विकास विभाग ने घोषणा की कि अब फीडबैक जमा करने की नई समय सीमा 17 फरवरी, 2025 होगी.

प्रारंभिक समयसीमा की कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (केसीसीआई) और पर्यावरण नीति समूह (ईपीजी) जैसे समूहों ने आलोचना की. इन समूहों ने तर्क दिया कि 18 जनवरी, 2025 की मूल समयसीमा में व्यापक सार्वजनिक भागीदारी या हितधारकों को संशोधनों के संभावित आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभावों का आकलन करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया.

पर्यावरण नीति समूह ने एक बयान में कहा, '18 जनवरी की समय सीमा हमें इस बात का पूरी तरह से मूल्यांकन करने का समय नहीं देती कि ये नियम पर्यावरण को कैसे प्रभावित कर सकते हैं.' समूह ने इस बात पर चिंता जताई कि ये बदलाव हरित क्षेत्रों, जल प्रबंधन और टिकाऊ निर्माण प्रथाओं को कैसे प्रभावित कर सकते हैं.

इसके अलावा समूह ने सरकार से अधिक खुला और समावेशी दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया. इसमें कहा गया कि 'पर्याप्त जानकारी की कमी ने इन बदलावों के पीछे की मंशा के बारे में संदेह पैदा किया है.'

कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने भी इसी प्रकार की चिंताएं व्यक्त की तथा स्थानीय लोगों और छोटे व्यवसायों को प्रस्तावित परिवर्तनों के महत्व और सीमा को पूरी तरह से समझने में सक्षम बनाने के लिए अतिरिक्त जागरूकता बढ़ाने वाली पहलों का आह्वान किया.

दोनों समूहों के अनुसार इमारत की ऊंचाई और प्लॉट कवरेज पर प्रतिबंध हटाना सबसे बड़ी चिंता है. इन बदलावों में आवासीय और व्यावसायिक भूखंडों के साथ-साथ सिनेमा, मॉल, बैंक्वेट हॉल और सामुदायिक केंद्रों जैसे स्थानों के लिए फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) को खत्म करना शामिल है.

ये भी पढ़ें- जम्मू कश्मीर में भवन निर्माण कानून से जुड़ा नया प्रस्ताव, क्या यह चिंता का विषय है?

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर सरकार ने आलोचना के बाद एकीकृत भवन उपनियम (यूबीबीएल) में प्रस्तावित संशोधनों पर प्रतिक्रिया देने की समय सीमा बढ़ा दी है. जम्मू- कश्मीर आवास और शहरी विकास विभाग ने घोषणा की कि अब फीडबैक जमा करने की नई समय सीमा 17 फरवरी, 2025 होगी.

प्रारंभिक समयसीमा की कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (केसीसीआई) और पर्यावरण नीति समूह (ईपीजी) जैसे समूहों ने आलोचना की. इन समूहों ने तर्क दिया कि 18 जनवरी, 2025 की मूल समयसीमा में व्यापक सार्वजनिक भागीदारी या हितधारकों को संशोधनों के संभावित आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभावों का आकलन करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया.

पर्यावरण नीति समूह ने एक बयान में कहा, '18 जनवरी की समय सीमा हमें इस बात का पूरी तरह से मूल्यांकन करने का समय नहीं देती कि ये नियम पर्यावरण को कैसे प्रभावित कर सकते हैं.' समूह ने इस बात पर चिंता जताई कि ये बदलाव हरित क्षेत्रों, जल प्रबंधन और टिकाऊ निर्माण प्रथाओं को कैसे प्रभावित कर सकते हैं.

इसके अलावा समूह ने सरकार से अधिक खुला और समावेशी दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया. इसमें कहा गया कि 'पर्याप्त जानकारी की कमी ने इन बदलावों के पीछे की मंशा के बारे में संदेह पैदा किया है.'

कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने भी इसी प्रकार की चिंताएं व्यक्त की तथा स्थानीय लोगों और छोटे व्यवसायों को प्रस्तावित परिवर्तनों के महत्व और सीमा को पूरी तरह से समझने में सक्षम बनाने के लिए अतिरिक्त जागरूकता बढ़ाने वाली पहलों का आह्वान किया.

दोनों समूहों के अनुसार इमारत की ऊंचाई और प्लॉट कवरेज पर प्रतिबंध हटाना सबसे बड़ी चिंता है. इन बदलावों में आवासीय और व्यावसायिक भूखंडों के साथ-साथ सिनेमा, मॉल, बैंक्वेट हॉल और सामुदायिक केंद्रों जैसे स्थानों के लिए फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) को खत्म करना शामिल है.

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