नगरकुरनूल: तेलंगाना में शनिवार को श्रीशैलम सुरंग नहर परियोजना के निर्माणाधीन खंड की छत का एक हिस्सा ढह जाने से फंसे आठ लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं. सिंचाई एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री कैप्टन एन उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि, बचावकर्मियों और बचे हुए लोगों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अब एक ठोस कार्य योजना को अंतिम रूप दिया गया है.
मंत्री ने कहा कि, अब रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए एक अच्छी योजना है, जिससे और तेज गति से बचाव और राहत कार्यों में तेजी लाई जा सकती है. मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने जोर देकर कहा कि बचाव कार्य दो दिनों के भीतर पूरा हो जाएगा और सुरंग के अंदर चुनौतियों को कम करने के लिए नई रणनीतियों को लागू किया जा रहा है.
मंत्री ने कहा कि, टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) तक पहुंचने के लिए मार्कोस, बीआरओ, नौसेना, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, रैट माइनर्स और सुरंग बचाव विशेषज्ञों सहित 11 एजेंसियों की कई विशेष टीमों को तैनात किया गया है, जहां श्रमिक फंसे हुए है.
बता दें कि, भारतीय मरीन कमांडो फोर्स (मार्कोस) और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को नगरकुरनूल जिले में डोमलपेंटा के पास श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग में फंसे आठ श्रमिकों को बचाने में मदद के लिए लगाया गया है. मंत्री कैप्टन एन उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना सरकार ने फंसे मजदूरों को तेजी से और सुरक्षित निकालने के लिए विशिष्ट बलों, राष्ट्रीय एजेंसियों और उच्च तकनीक समाधानों को तैनात करते हुए अपने प्रयासों को तेज कर दिया है.
पिछले दो दिनों में इलाके के व्यापक मूल्यांकन के बाद, मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि बचावकर्मियों और बचे हुए लोगों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अब एक ठोस कार्य योजना को अंतिम रूप दिया गया है. उन्होंने कहा कि, टनल के अंदर फंसे लोगों का रेस्क्यू के दौरान बचाव कर्मी खुद जोखिम में हैं. इस समस्या को खत्म करने के लिए उन्होंने स्थिति का गहन मूल्यांकन किया और बचावकर्मियों के समक्ष आने वाले खतरे को कम करने और कुशलता से आगे बढ़ने के लिए स्पष्ट रणनीति तैयार की गई है.
मंत्री उत्तम रेड्डी ने कहा कि, पिछले दो दिनों में किए गए फील्ड निरीक्षणों के आधार पर, उन्होंने महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, और अब वे लोग उस निर्णय के साथ बचाव अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि, बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए साइड और मुख्य निकास से पहुंचने सहित वैकल्पिक पहुंच मार्गों की भी खोज की जा रही है.
बुधवार को घटनास्थल पर आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने मंत्री कोमाटीरेड्डी वेंकट रेड्डी, सांसद डॉ. मल्लू रवि, जादचेरला विधायक अनिरुद्ध रेड्डी, सेटविन के चेयरमैन गिरिधर रेड्डी, आपदा प्रबंधन के विशेष मुख्य सचिव अरविंद कुमार, नागरकुरनूल के कलेक्टर बदावथ संतोष, एसपी गायकवाड़ रघुनाथ और टीएसएसपीडीसीएल के सीएमडी मुशर्रफ अली के साथ चल रहे बचाव कार्यों का आकलन किया और बचाव अभियान के अगले चरण पर चर्चा की.
उन्होंने दोहराया कि सरकार श्रमिकों को बचाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. मिशन को गति देने के लिए टॉप एक्सपर्ट्स, आधुनिक तकनीक और वैश्विक बचाव रणनीतियों को शामिल किया जा रहा है. बचाव प्रयास में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक टीबीएम तक पहुंचने में बाधा डालने वाले गंदे पानी और कीचड़ का भारी जमाव रहा है. इससे निपटने के लिए, राज्य सरकार ने एडवांस मशीनों का उपयोग करके जल निकासी अभियान को तेज कर दिया है, ताकि पानी को तेजी से हटाया जा सके.
उन्होंने कहा, "हम जीवित बचे लोगों को बचाने के लिए आक्रामक तरीके से आगे बढ़ते हुए बचावकर्ता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरत रहे हैं." उन्होंने आगे जोर दिया कि उन्नत इमेजिंग सिस्टम का उपयोग करके सुरंग की स्थिति की वास्तविक समय की निगरानी की जा रही है. विशेषज्ञ लगातार सुरंग की संरचनात्मक स्थिरता का आकलन कर रहे हैं.
घटना के बाद से, तेलंगाना सरकार सेना, नौसेना और अन्य विशेष बल इस पूरे रेसक्यू मिशन पर नजर बनाए हुए हैं. मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि बचाव अभियान को सही से आगे बढ़ाने के लिए MARCOS, BRO, नौसेना, सेना, रैट माइनर्स, NDRF और SDRF टीमों के साथ एक विशेष उच्च स्तरीय रणनीति बैठक आयोजित की गई थी.
समीक्षा बैठक में सेना के कर्नल ब्लैकस्मिथ मेहरा, लेफ्टिनेंट कर्नल हरपाल, नौसेना अधिकारी वी.के. प्रसाद, रॉबिन के ग्लेन, रैट माइनर्स के प्रतिनिधि फिरोज कुरैशी, एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसिन शाहदी और कमांडेंट प्रसन्ना ने बचाव कार्य को तेजी से आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की. टीमों को सुरंग बचाव कार्यों में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को एकीकृत करने का निर्देश दिया गया, ताकि फंसे हुए श्रमिकों तक कम से कम समय में पहुंचा जा सके.
मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि MARCOS कमांडो अब अभियान में शामिल हो गए हैं. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उनके इस अभियान में शामिल होने से श्रमिकों को बचाने के प्रयासों को काफी बढ़ावा मिलेगा. मंत्री ने यह भी संकेत दिया कि यदि स्थिति को अतिरिक्त तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है तो अंतरराष्ट्रीय सुरंग बचाव विशेषज्ञों को शामिल करने की संभावना है. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और नई दिल्ली के शीर्ष सुरंग इंजीनियरिंग विशेषज्ञों को भी अभियान के लिए तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है.
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