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2 दिनों की बारिश में शहर बना झील, निर्मली थाना भी डूबा

सुपौल के ग्रामीण इलाकों में कोसी नदी का कहर जारी है. इधर, दो दिनों की बारिश में शहर में भी बाढ़ जैसी स्थिति बन गयी है. सरकारी आवास, थाना परिसर और दफ्तरों के अलावा लोगों के घरों में भी पानी घुस गया है. पढ़ें विस्तृत खबर.

सुपौल
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Published : Aug 28, 2021, 8:32 PM IST

Updated : Aug 28, 2021, 9:47 PM IST

सुपौल: बिहार के सुपौल जिले (Supaul) में दो दिन से हो रही लागातार मूसलाधार बारिश की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. एक और कोसी नदी का जलस्तर 2 लाख क्यूसेक को पार कर गया है. वहीं, शहर से लेकर गांव की सड़कें जलमग्न (Water Logging In Supaul) हो चुकी हैं. जिस कारण लोगों को आवागमन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शहरी इलाके में तो जल निकासी व्यवस्था की पोल खुल रही है.

ये भी पढ़ें: शांत हो रहा गंगा का रौद्र रूप, उफान पर उत्तर बिहार की नदियां

निर्मली थाना परिसर, जल संसाधन विभाग का दफ्तर, पुलिस इंस्पेक्टर आवास, पुलिस बैरेक सहित शहर के तकरीबन 600 से अधिक घरों में पानी भरा हुआ है. शहर की प्रायः सभी सड़कें डूब गई हैं. शहर में दो दिनों से बाढ़ जैसे हालात हैं. इसी बीच सड़कों पर जल भराव होकर आवागमन करने से लोगों के पैर में भी सूजन होने लगे हैं.

देखें वीडियो

जिला मुख्यालय, इटहरी गांव सहित अन्य दर्जनों गांव तक जाने के लिए लोगों को भारी परेशानी हो रही है. लेकिन इन सबके बीच निर्मली नगर पंचायत जल निकासी में पूरी तरह से फेल है. बारिश का पानी थाना परिसर में ही बने महिला पुलिस बल के आवास में प्रवेश कर गया है. जिस कारण खाना बनाने से लेकर अन्य कार्यों में उन्हें भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है.

बता दें कि सुपौल ही नहीं पूरे बिहार में बाढ़ का कहर जारी है. केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक मुंगेर में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 100 सेंटीमीटर नीचे है. इसके जलस्तर में 6 सेंटीमीटर कमी होने की संभावना है. भागलपुर में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे. भागलपुर के कहलगांव में 61 सेंटीमीटर ऊपर है और साहिबगंज में 89 सेंटीमीटर ऊपर है.

फरक्का में ही गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है और सभी स्थानों पर जल स्तर में कमी होने की संभावना है. वहीं, खगड़िया में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 88 सेंटीमीटर ऊपर है. मुजफ्फरपुर जिले के बेनीबाद में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 72 सेंटीमीटर ऊपर है.

खगड़िया जिले के बलतारा में कोसी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 152 सेंटीमीटर ऊपर है. कटिहार जिले के कुरसेला में कोसी नदी का जलस्तर 90 सेंटीमीटर ऊपर है. मधुबनी जिला के झंझारपुर में कमला बलान नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 76 सेंटीमीटर ऊपर है.

पिछले 24 घंटे के दौरान बिहार के कई इलाकों में बारिश हुई है. चनपटिया में 63 मिलीमीटर, समस्तीपुर में 78 मिलीमीटर, जयनगर में 128 मिलीमीटर, रेवा घाट पर 179 मिलीमीटर, खगड़िया में 59 मिलीमीटर, लालगंज में 57 मिलीमीटर, ढेंग बृज में 71 मिलीमीटर और गलगलिया में 55 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. गुरुवार को दीघा घाट पर खतरे का निशान 49.34, गांधी घाट पर खतरे का निशान 48.28 और हाथीदह में खतरे का निशान 42.05 मीटर जलस्तर दर्ज किया गया.

ये भी पढ़ें: लगातार घट रहा गंगा का जलस्तर, लेकिन अभी भी कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर

सुपौल: बिहार के सुपौल जिले (Supaul) में दो दिन से हो रही लागातार मूसलाधार बारिश की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. एक और कोसी नदी का जलस्तर 2 लाख क्यूसेक को पार कर गया है. वहीं, शहर से लेकर गांव की सड़कें जलमग्न (Water Logging In Supaul) हो चुकी हैं. जिस कारण लोगों को आवागमन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शहरी इलाके में तो जल निकासी व्यवस्था की पोल खुल रही है.

ये भी पढ़ें: शांत हो रहा गंगा का रौद्र रूप, उफान पर उत्तर बिहार की नदियां

निर्मली थाना परिसर, जल संसाधन विभाग का दफ्तर, पुलिस इंस्पेक्टर आवास, पुलिस बैरेक सहित शहर के तकरीबन 600 से अधिक घरों में पानी भरा हुआ है. शहर की प्रायः सभी सड़कें डूब गई हैं. शहर में दो दिनों से बाढ़ जैसे हालात हैं. इसी बीच सड़कों पर जल भराव होकर आवागमन करने से लोगों के पैर में भी सूजन होने लगे हैं.

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जिला मुख्यालय, इटहरी गांव सहित अन्य दर्जनों गांव तक जाने के लिए लोगों को भारी परेशानी हो रही है. लेकिन इन सबके बीच निर्मली नगर पंचायत जल निकासी में पूरी तरह से फेल है. बारिश का पानी थाना परिसर में ही बने महिला पुलिस बल के आवास में प्रवेश कर गया है. जिस कारण खाना बनाने से लेकर अन्य कार्यों में उन्हें भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है.

बता दें कि सुपौल ही नहीं पूरे बिहार में बाढ़ का कहर जारी है. केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक मुंगेर में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 100 सेंटीमीटर नीचे है. इसके जलस्तर में 6 सेंटीमीटर कमी होने की संभावना है. भागलपुर में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे. भागलपुर के कहलगांव में 61 सेंटीमीटर ऊपर है और साहिबगंज में 89 सेंटीमीटर ऊपर है.

फरक्का में ही गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है और सभी स्थानों पर जल स्तर में कमी होने की संभावना है. वहीं, खगड़िया में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 88 सेंटीमीटर ऊपर है. मुजफ्फरपुर जिले के बेनीबाद में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 72 सेंटीमीटर ऊपर है.

खगड़िया जिले के बलतारा में कोसी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 152 सेंटीमीटर ऊपर है. कटिहार जिले के कुरसेला में कोसी नदी का जलस्तर 90 सेंटीमीटर ऊपर है. मधुबनी जिला के झंझारपुर में कमला बलान नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 76 सेंटीमीटर ऊपर है.

पिछले 24 घंटे के दौरान बिहार के कई इलाकों में बारिश हुई है. चनपटिया में 63 मिलीमीटर, समस्तीपुर में 78 मिलीमीटर, जयनगर में 128 मिलीमीटर, रेवा घाट पर 179 मिलीमीटर, खगड़िया में 59 मिलीमीटर, लालगंज में 57 मिलीमीटर, ढेंग बृज में 71 मिलीमीटर और गलगलिया में 55 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. गुरुवार को दीघा घाट पर खतरे का निशान 49.34, गांधी घाट पर खतरे का निशान 48.28 और हाथीदह में खतरे का निशान 42.05 मीटर जलस्तर दर्ज किया गया.

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Last Updated : Aug 28, 2021, 9:47 PM IST
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