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सुपौल: पर्मानेंट की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी

जिला सचिव ने जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि हम लोगों की मांग को पूरा नहीं किया गया, तो वे लोग बाध्य होकर आमरण अनशन और आत्मदाह करने पर विवश होंगे.

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Published : Dec 13, 2019, 1:22 PM IST

सुपौल: जिले में विभिन्न मांगों को लेकर दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी 9 दिसंबर से समाहरणालय के मुख्य मार्ग पर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हैं. दैनिक वेतनभोगी कर्मी लक्ष्मी शर्मा की अध्यक्षता में जिले के एक दर्जन से अधिक कर्मी धरना पर बीते 5 दिन से डटे हैं.

5 दिन से जारी है धरना
दैनिक वेतन कर्मचारी यूनियन के तत्वावधान में सेवा नियमति करने की मांग को लेकर धरना पर बीते चार दिन से बैठे है. इन कर्मियों का एक्टू और भाकपा माले ने भी समर्थन किया है. दोनों संगठन के जिला स्तर के कार्यकर्ता धरना स्थल पर पहुंच कर उन लोगों की मांग को जायज बताया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

आमरण अनशन और आत्मदाह की दी धमकी
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी यूनियन के जिला सचिव सरोजकांत झा ने बताया कि सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार 11 दिसंबर 1990 के पहले सभी विभाग के जितने भी दैनिक भोगी कर्मचारी हैं, जो 240 दिनों की अर्हता पूर्ण कर ली है, उन्हें नियमित किया जाना है. सभी विभाग के पदाधिकारी इस संदर्भ में अपना मंतव्य डीएम को सौंप चुके हैं. लेकिन जिला स्थापना शाखा की उदासीनता की वजह से उनलोगों की नियुक्ति अधर में लटका हुआ है. उन्होंने कहा कि अपनी एक सूत्री मांग को लेकर वे लोग कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं. हर बार डीएम की ओर से नियुक्ति का आश्वासन दिया गया.

जिला प्रशासन को दी चेतावनी
जिला सचिव ने जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि हम लोगों की मांग को पूरा नहीं किया गया, तो वे लोग बाध्य होकर आमरण अनशन और आत्मदाह करने पर विवश होंगे.

सुपौल: जिले में विभिन्न मांगों को लेकर दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी 9 दिसंबर से समाहरणालय के मुख्य मार्ग पर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हैं. दैनिक वेतनभोगी कर्मी लक्ष्मी शर्मा की अध्यक्षता में जिले के एक दर्जन से अधिक कर्मी धरना पर बीते 5 दिन से डटे हैं.

5 दिन से जारी है धरना
दैनिक वेतन कर्मचारी यूनियन के तत्वावधान में सेवा नियमति करने की मांग को लेकर धरना पर बीते चार दिन से बैठे है. इन कर्मियों का एक्टू और भाकपा माले ने भी समर्थन किया है. दोनों संगठन के जिला स्तर के कार्यकर्ता धरना स्थल पर पहुंच कर उन लोगों की मांग को जायज बताया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

आमरण अनशन और आत्मदाह की दी धमकी
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी यूनियन के जिला सचिव सरोजकांत झा ने बताया कि सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार 11 दिसंबर 1990 के पहले सभी विभाग के जितने भी दैनिक भोगी कर्मचारी हैं, जो 240 दिनों की अर्हता पूर्ण कर ली है, उन्हें नियमित किया जाना है. सभी विभाग के पदाधिकारी इस संदर्भ में अपना मंतव्य डीएम को सौंप चुके हैं. लेकिन जिला स्थापना शाखा की उदासीनता की वजह से उनलोगों की नियुक्ति अधर में लटका हुआ है. उन्होंने कहा कि अपनी एक सूत्री मांग को लेकर वे लोग कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं. हर बार डीएम की ओर से नियुक्ति का आश्वासन दिया गया.

जिला प्रशासन को दी चेतावनी
जिला सचिव ने जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि हम लोगों की मांग को पूरा नहीं किया गया, तो वे लोग बाध्य होकर आमरण अनशन और आत्मदाह करने पर विवश होंगे.

Intro:सुपौल: सेवा नियमित करने की मांग को लेकर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी 09 दिसंबर 2019 से समाहरणालय मुख्य द्वार पर अनिश्चित कालीन धरना पर बैठे हैं. दैनिक वेतन भोगी कर्मी लक्ष्मी शर्मा की अध्यक्षता में जिले के एक दर्जन से अधिक कर्मी धरना पर बीते 04 दिन से डटे हैं.


Body:चार दिन से जारी है धरना
दैनिक वेतन कर्मचारी यूनियन के तत्वावधान में सेवा नियमति करने की मांग को लेकर धरना पर बीते चार से बैठे कर्मी का एक्टू और भाकपा माले ने भी समर्थन किया है. दोनों संगठन के जिला स्तर के कार्यकर्ता धरना स्थल पर पहुंच कर उनलोगों की मांग को जायज बताया है.


Conclusion:आमरण अनशन व आत्मदाह की दी धमकी
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी यूनियन के जिला सचिव सरोजकांत झा ने बताया कि सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार 11 दिसंबर 1990 के पूर्व सभी विभाग के जितने भी दैनिक भोगी कर्मचारी हैं, जो 240 दिनों की अर्हता पूर्ण कर ली है. उन्हें नियमित किया जाना है. सभी विभाग के पदाधिकारी इस संदर्भ में अपना मंतव्य डीएम को सौंप चुके हैं. लेकिन जिला स्थापना शाखा की उदासीनता की वजह से उनलोगों की नियुक्ति अधर में लटका हुआ है. कहा कि अपनी एक सूत्री मांग को लेकर वे लोग कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं. हर बार डीएम द्वारा उन्होंने को नियुक्ति का आश्वासन दिया गया. लेकिन सरकार के आदेश के वाबजूद डीएम की और से उदासीनता बरती जा रही है. जिला प्रशासन को चेतावनी देते कहा कि उनलोगों की मांग को पूरा नहीं किया गया तो वे लोग बाध्य होकर आमरण अनशन व आत्मदाह करने पर विवश होंगें. बताया कि जिले में करीब 100 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी वर्तमान में कार्यरत हैं, जो इस अर्हता को पूरा करते हैं.

बाइट- सरोजकांत झा, जिला सचिव, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी यूनियन सुपौल
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