सिवान: सिवान के पूर्व सांसद दिवंगत मो. शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब (Shahabuddin wife Hina Shahab) का नाम राज्य सभा (Hina Shahab Rajya Sabha) भेजने के लिए रेस में सबसे आगे चल रहा है. हालांकि ईटीवी भारत इस बात की पुष्टि नहीं करता है. लेकिन जिस तरह से राजद के विधायकों से लेकर समर्थक हिना शहाब (RJD Rajya Sabha candidate) को राज्य सभा भेजने की मांग करते रहे हैं ऐसे में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD supremo Lalu Prasad Yadav) के लिए भी फैसला लेना बहुत आसान नहीं होगा.
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एमवाई समीकरण मजबूत करने में शहाबुद्दीन की अहम भूमिका: सिवान के पूर्व सांसद दिवंगत मो. शहाबुद्दीन आजीवन लालू यादव को अपना नेता मानते थे. हालात ने कई बार आजमाइश ली लेकिन मो. शहाबुद्दीन कभी नहीं बदले. कहा जाता है की कमिटमेंट कभी टूटने नहीं देते थे. बताते चलें कि एमवाई समीकरण को मजबूत करने में मो.शहाबुद्दीन पूरी ताकत झोंककर राजद के सबसे मजबूत पिलर बने रहे, जिसकी वजह से सूबे की एक बड़ी मुस्लिम आबादी आंख बंदकर पूर्व सांसद मो.शहाबुद्दीन को अपना नेता मानती रही और राजद को सपोर्ट करती रही. इसी का परिणाम माना जा रहा है कि राजद आज मजबूत विपक्ष के रूप में मौजूद है.
राजद समर्थकों की मांग- हिना शहाब जाए राज्य सभा: सिवान सहित पूरे सूबे के समर्थकों द्वारा मुस्लिम नेता पूर्व सांसद मो.शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को राज्य सभा भेजने की मांग उनके समर्थकों द्वारा आजकल जोर शोर से उठायी जा रही है. समर्थको का मानना है कि पूर्व सांसद के वफात के बाद हिना शहाब को राज्य सभा राजद भेजे. समर्थकों का तर्क है कि आजतक शहाबुद्दीन परिवार ने कभी भी किसी पद का लालच नहीं किया है. शहाबुद्दीन के वफात के बाद राजयसभा भेजकर शहाबुद्दीन परिवार के साथ इंसाफ किया जाए और सम्मान दें.
समर्थकों ने पहले भी इस वजह से जाहिए की थी नाराजगी: एक मई को पूर्व सांसद मो.शहाबुद्दीन की वफात दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दरम्यान हो गई थी, जहां उनके पुत्र समेत पूरे परिवार परेशान थे. तब तेजस्वी यादव दिल्ली में ही मौजूद थे, लेकिन वह अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए थे. जिसको लेकर राजद समर्थको में काफी नाराजगी देखी गई और इस्तीफा का दौर शुरू हो गया था. यह वह समय था जब राजद के लिए जी जान लड़ाने वाले मो.शहाबुद्दीन का परिवार सदमे में था और परेशान था. लेकिन उस समय राजद के नेता लालू यादव का भी दिल्ली में इलाज चल रहा था. तेजस्वी यादव दिल्ली में मौजूद थे लेकिन 10 किलोमीटर की दूरी तय करना उन्होंने मुनासिब नहीं समझा और कोरोना का हवाला देते हुए चुप्पी साध ली. फिर भी शहाबुद्दीन परिवार ने कुछ नहीं कहा. तभी एक आवाज उठी और यह आवाज थी हिना शहाब को राज्य सभा भेजने की.
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