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CM के जनता दरबार पहुंची सिवान सिविल सर्जन की शिकायत, अल्ट्रासाउंड रजिस्ट्रेशन में धांधली का है आरोप

सीएम नीतीश कुमार के जनता दरबार में (janta darbar patna) सिवान के सिविल सर्जन यधुवंश शर्मा के खिलाफ शिकायत पहुंची है. जिसके बाद सिवान स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. पढ़ें पूरी खबर...

यधुवंश शर्मा, सिविल सर्जन
यधुवंश शर्मा, सिविल सर्जन
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Published : Feb 17, 2022, 12:50 PM IST

सि‍वान: बिहार के स्वास्थ मंत्री मंगल पांडेय के गृह जिले का सदर अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है. अस्पताल के चर्चा में आने की वजह हैं सिविल सर्जन यधुवंश शर्मा. जिनकी शिकायत सीधे बिहार के सीएम नीतीश कुमार के पास पहुंची है. सिविल सर्जन पर आरोप (allegation on cs Yadhuvansh Sharm) है कि नियमों की अनदेखी कर एक व्यक्ति विशेष को लगभग 20 से ज्यादा अल्ट्रासाउंड करने का लाइसेंस दिया गया है. जनता दरबार तक पहुंची इस शिकायत (Complaint Against Siwan Civil Surgeon) के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है.

ये भी पढ़ेंः सिवान सदर अस्पताल बनेगा मॉडल हॉस्पिटल, 36 करोड़ की मिली स्वीकृति

देखें वीडियो

दरअसल, महाराजगंज निवासी हरेन्द्र श्रीवास्तव ने पिछले दिनों सीएम के जनता दरबार में सिवान के सिविल सर्जन पर तमाम आरोप लगाते हुए शिकायत की. इसके बाद उन्होंने साफ-साफ कहा कि काम के बदले सिविल सर्जन ने स्कॉर्पियो गाड़ी भी गिफ्ट में ले रखी है. ये गाड़ी उन्हीं लोगों ने दी है, जिनके सिवान में लगभग 20-30 अवैध अल्ट्रासाउंड चलते हैं.

ये भी पढ़ेंः सिवान: सदर अस्पताल भगवान भरोसे, 30 लाख लोगों के इलाज के लिए सिर्फ 37 डॉक्टर

शिकायतकर्ता ने ये भी बताया कि मंटू दुबे नाम के आदमी हैं, जो खुद को स्वास्थ्य मंत्री के खास आदमी बताते हैं, जिसके दम पर वह यह सब करते हैं और विभाग इतनी बड़ी लापरवाही पर ना ही कोई संज्ञान लेता है, ना ही शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई की जाती है. ये सारी बातें उन्होंने जनता दरबार में लिखित तौर पर दी है.

ये भी पढे़ंः सिवान सदर अस्पताल पर लगा बच्चे की अदला-बदली का आरोप, बोले परिजन- 'हमारे बेटे को किसी और को दे दिया'

बता दें कि अवैध अल्ट्रासाउंड का रजिस्ट्रेशन किसी और के नाम पर है और संचालित कोई और करता है. नन मैट्रिक पास अल्ट्रासाउंड करते हैं. नियमों की अनदेखी कर एक व्यक्ति विशेष को लगभग 20 से ज्यादा लाइसेंस दिया गया. जब इस सिलसिले में सिवान के सिविल सर्जन यधुवंश शर्मा से पूछा गया तो पहले तो उन्होंने इस मामले पर बोलने से ही मना कर दिया. उसके बाद काफी कहने पर जब कैमरे पर आये भी तो गोलमटोल जवाब देकर टालने की कोशिश की. हालांकि उन्होंने कहा कि यह मेरे खिलाफ मुख्यमंत्री के यहां जो शिकायत गई है, इस संदर्भ में जब मुझसे पूछा जायेगा, तो उसका मैं जवाब दूंगा.


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सि‍वान: बिहार के स्वास्थ मंत्री मंगल पांडेय के गृह जिले का सदर अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है. अस्पताल के चर्चा में आने की वजह हैं सिविल सर्जन यधुवंश शर्मा. जिनकी शिकायत सीधे बिहार के सीएम नीतीश कुमार के पास पहुंची है. सिविल सर्जन पर आरोप (allegation on cs Yadhuvansh Sharm) है कि नियमों की अनदेखी कर एक व्यक्ति विशेष को लगभग 20 से ज्यादा अल्ट्रासाउंड करने का लाइसेंस दिया गया है. जनता दरबार तक पहुंची इस शिकायत (Complaint Against Siwan Civil Surgeon) के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है.

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शिकायतकर्ता ने ये भी बताया कि मंटू दुबे नाम के आदमी हैं, जो खुद को स्वास्थ्य मंत्री के खास आदमी बताते हैं, जिसके दम पर वह यह सब करते हैं और विभाग इतनी बड़ी लापरवाही पर ना ही कोई संज्ञान लेता है, ना ही शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई की जाती है. ये सारी बातें उन्होंने जनता दरबार में लिखित तौर पर दी है.

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बता दें कि अवैध अल्ट्रासाउंड का रजिस्ट्रेशन किसी और के नाम पर है और संचालित कोई और करता है. नन मैट्रिक पास अल्ट्रासाउंड करते हैं. नियमों की अनदेखी कर एक व्यक्ति विशेष को लगभग 20 से ज्यादा लाइसेंस दिया गया. जब इस सिलसिले में सिवान के सिविल सर्जन यधुवंश शर्मा से पूछा गया तो पहले तो उन्होंने इस मामले पर बोलने से ही मना कर दिया. उसके बाद काफी कहने पर जब कैमरे पर आये भी तो गोलमटोल जवाब देकर टालने की कोशिश की. हालांकि उन्होंने कहा कि यह मेरे खिलाफ मुख्यमंत्री के यहां जो शिकायत गई है, इस संदर्भ में जब मुझसे पूछा जायेगा, तो उसका मैं जवाब दूंगा.


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