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सिवान में बैंकों की हड़ताल से 300 करोड़ का कारोबार हुआ प्रभावित, मांगों के समर्थन में बैंक कर्मियों ने किया प्रदर्शन

दो दिनों की बैंक बंदी और दो दिनों की हड़ताल से सिवान में लगभग 300 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है. बैंकों की हड़ताल से व्यापारिक संस्थानों और आमलोगों को काफी परेशानी हुई.

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Published : Mar 16, 2021, 8:53 PM IST

सिवान : निजीकरण के विरोध में बैंककर्मी दूसरे दिन मंगलवार को भी हड़ताल पर रहे. इससे जिले के विभिन्न बैंकों की 215 शाखाओं में दूसरे दिन भी ताला लटका रहा. दो दिनों की बैंक बंदी और दो दिनों की हड़ताल से जिले में लगभग 300 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है. बैंकों की हड़ताल से व्यापारिक संस्थानों और आमलोगों को काफी परेशानी हो रही है. कई एटीएम में पैसे नहीं हैं और जिसमें डाले भी जाते हैं तो लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती दिखी.

ये भी पढ़ें: नेता प्रतिपक्ष ने किया मेरे चरित्र का हनन, मानहानि का करूंगा मुकदमा: रामसूरत राय

बैंक कर्मियों ने दूसरे दिन भी सड़कों पर उतर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. बबुनिया मोड़ स्थित केनरा बैंक की शाखा के सामने भी बैंक कर्मी जुटे और प्रदर्शन किया. वहां पर केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. साथ ही निजीकरण का विरोध जताया. यह राष्ट्रव्यापी हड़ताल बैंक एसोसिएशन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर 15 और 16 मार्च को प्रस्तावित थी जिसमें जिले के 215 राष्ट्रीयकृत बैंक के कर्मचारी शामिल हुए.

बैंक हड़ताल से आम लोग परेशान
इस दौरान निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों ने कहा कि बैंक के निजीकरण किए जाने से जहां आमलोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा, वहीं कॉरपोरेट को इसका फायदा होगा. सरकार की मंशा कॉरपोरेट और बड़े औद्योगिक घराने को फायदा पहुंचाना है. सरकार को आम जनता से कोई हमदर्दी नहीं है. इसी को लेकर बैंक कर्मियों ने दो दिन की हड़ताल कर बैंक का कार्य ठप कर दिया है.

सिवान : निजीकरण के विरोध में बैंककर्मी दूसरे दिन मंगलवार को भी हड़ताल पर रहे. इससे जिले के विभिन्न बैंकों की 215 शाखाओं में दूसरे दिन भी ताला लटका रहा. दो दिनों की बैंक बंदी और दो दिनों की हड़ताल से जिले में लगभग 300 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है. बैंकों की हड़ताल से व्यापारिक संस्थानों और आमलोगों को काफी परेशानी हो रही है. कई एटीएम में पैसे नहीं हैं और जिसमें डाले भी जाते हैं तो लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती दिखी.

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बैंक कर्मियों ने दूसरे दिन भी सड़कों पर उतर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. बबुनिया मोड़ स्थित केनरा बैंक की शाखा के सामने भी बैंक कर्मी जुटे और प्रदर्शन किया. वहां पर केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. साथ ही निजीकरण का विरोध जताया. यह राष्ट्रव्यापी हड़ताल बैंक एसोसिएशन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर 15 और 16 मार्च को प्रस्तावित थी जिसमें जिले के 215 राष्ट्रीयकृत बैंक के कर्मचारी शामिल हुए.

बैंक हड़ताल से आम लोग परेशान
इस दौरान निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों ने कहा कि बैंक के निजीकरण किए जाने से जहां आमलोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा, वहीं कॉरपोरेट को इसका फायदा होगा. सरकार की मंशा कॉरपोरेट और बड़े औद्योगिक घराने को फायदा पहुंचाना है. सरकार को आम जनता से कोई हमदर्दी नहीं है. इसी को लेकर बैंक कर्मियों ने दो दिन की हड़ताल कर बैंक का कार्य ठप कर दिया है.

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